उन्नाव में सरस्वती टाकीज में लगी भीषण आग, कुछ ही देर में शुरू होने वाला था शो
उन्नाव के गंगाघाट क्षेत्र स्थित सरस्वती टाकीज में मंगलवार सुबह भीषण आग लग गई। आग लगने से टाकीज में अफरा-तफरी मच गई और आसपास के इलाके में खलबली फैल गई। दमकल की तीन गाड़ियां आग बुझाने का प्रयास कर रही हैं। आग लगने के कारणों का अभी पता नहीं चल सका है लेकिन शॉर्ट सर्किट की आशंका जताई जा रही है। घटना के चलते राजधानी मार्ग पर जाम लग गया।

संवाद सहयोगी, जागरण, शुक्लागंज (उन्नाव)। उन्नाव में भीषण हादसा हो गया है। सरस्वती टाकीज में आग लग गई। पूरे सिनेमा हाल में आग की भीषण लपटों की वजह से अफरातफरी मची है। कुछ ही देर में शो भी शुरू होने वाला था। दमकल की गाड़ियां मौके पर आग बुझाने में जुटी हैं।
51 साल पुरानी सरस्वती टाकीज में मंगलवार सुबह 10:45 बजे आग लग गई। आग की लपटों ने कुछ ही देर में सब कुछ नष्ट कर दिया। सैकड़ों की भीड़ के बीच दमकल कर्मियों ने पुलिस की मदद से दो घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। मुख्य अग्निशमन अधिकारी अनूप सिंह ने शार्ट-सर्किट से आग लगने की आशंका जताई है। फिल्म का शो शुरू होने के सवा घंटे पहले आग लगी, जिससे बड़ी जनहानि होने से बच गई। आग लगने व उसे बुझाने के दौरान तमाशाइयों की भीड़ जमा होने से राजधानी मार्ग पर सड़क के दोनों ओर एक घंटे तक यातायात बाधित रहा।
सरस्वती टाकीज में लगी फिल्म मिराय। जागरण
मिराय फिल्म का शो शुरू होने वाला था
मैनेजर ओमप्रकाश मिश्र ने बताया कि टाकीज के हाल में कुल 482 कुर्सियां थीं। जिसमें फैमिली क्लास में 338 और बालकनी में 144 जलकर नष्ट हो गईं। इसके साथ ही लगे 16 सीसीटीवी कैमरे, पर्दे व अन्य कीमती सामान भी जलकर राख हो गया। बताया कि टाकीज में बीते शुक्रवार से मिराय फिल्म चल रही थी। मंगलवार को 12 बजे पहला शो शुरू होना था। इससे पहले ही आग ने सब कुछ खत्म कर दिया। आसपास के दुकानदारों ने बताया कि इस फिल्म को देखने के लिए टाकीज की सभी सीटें लगभग फुल हो जाती थी।
सरस्वती टाकीज के मूवी हाल की खिड़कियां तोड़कर सामान नीचे फेंकता युवक। जागरण
शीशे तोड़कर अंदर से निकाला गया सामान
दमकल कर्मियों ने टाकीज के बाहरी हिस्से में ऊपर की मंजिल में लगे शीशे को तोड़ा और अंदर जाकर वहां रखे सामान को बाहर फेंका। गनीमत रही कि टाकीज में रखे गैस सिलिंडर तक आग नहीं पहुंची। दमकल कर्मियों ने सिलिंडरों को बाहर निकाला।
सीज फायर उपकरण नहीं आए काम
टाकीज में लगे सीज फायर उपकरण भी आग की लपटों को कम नहीं कर पाए। जब आग बेकाबू हो गई तो लोगों ने फायर सिलिंडरों को वहां से हटाकर बाहर निकाला। आग से धू-धू जलने के बाद टाकीज का हाल खंडहर में तब्दील हो गया। टाकीज मालिक गोपाल, उनका बेटा राघव व टाकीज के मैनेजर ओमप्रकाश मिश्रा काफी देर तक बाल्टियों से पानी डलवाकर आग को शांत करने का प्रयास करते रहे। टाकीज की दुर्दशा देख सभी उदास हो गए।
राजधानी मार्ग स्थित सरस्वती टाकीज के मूवी हाल में धू-धूकर जलती कुर्सियां। जागरण
1974 में चालू हुई टाकीज, 'फिर कब मिलोगी' थी पहली फिल्म
टाकीज के मालिक पी रोड कानपुर निवासी गोपाल जायसवाल ने बताया कि शुक्लागंज की एक मात्र सरस्वती टाकीज वर्ष 1974 में चालू हुई थी। यह टाकीज उनके पिता जुगुल किशोर ने बनवाई थी। जहां तक उन्हें याद है कि टाकीज में पहली फिल्म दिलीप कुमार व माला सिन्हा की 'फिर कब मिलोगी' लगी थी। जिसे देखने के लिए उन्नाव व कानपुर तक से लोग पहुंचे थे। सभी शो फुल चलते थे। वहीं गोपीनाथपुरम के रहने वाले नरेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि उन्होंने सरस्वती टाकीज में लगी पहली फिल्म फिर कब मिलोगी को पहले दिन पहले शो में ही देखी थी।
टाकीज का बीमा समेत सारे कागजात पूर्ण
सरस्वती टाकीज के मालिक गोपाल जायसवाल ने बताया कि उनकी दो टाकीज चलती हैं। एक टाकीज कानपुर जीटी रोड पर कृष्णानगर में जुगुल पैलेस व दूसरी शुक्लागंज में सरस्वती टाकीज के नाम से है। उन्होंने बताया कि टाकीज का बीमा समेत सारे कागजात हैं। अभी नुकसान का कोई अनुमान लगाना जल्दबाजी होगी। फिर भी लाखों का नुकसान हुआ है।
50 प्रतिशत मुनाफे पर चलती थीं फिल्में
टाकीज के मालिक गोपाल जायसवाल ने बताया कि टाकीज में जो भी फिल्में चलाई जाती थीं, उसमें उन्हें व वितरक (डिस्ट्रीब्यूटर) को 50-50 प्रतिशत मुनाफा होता था। बाक्स आफिस से जितने भी टिकट बिकते थे, सारी बिकी टिकटों का रोज हिसाब किताब रहता था।
उन्नाव की चार टाकीज बंद, एक मात्र सरस्वती ही थी मनोरंजन का साधन
- सदर व शुक्लागंज में पांच टाकीज थी। जिसमें सदर क्षेत्र में शिवाय, लक्ष्मी, सुंदर व चंद्रलोक थी। सदर की सभी टाकीजें एक दशक पहले बंद हो गई थीं। सुंदर टाकीज में कभी कभार टैक्स फ्री वाली फिल्म चलती हैं।अब मंगलवार को शुक्लागंज की सरस्वती टाकीज जलने से जिले में मनोरंजन का साधन खत्म हो गया।
टाकीज परिसर में रह रहे परिवार को हटाया गया
टाकीज के परिसर में पीछे की ओर बने क्वार्टर में चपरासी 85 वर्षीय बद्री प्रसाद अपनी पत्नी उर्मिला व परिवार के तीन अन्य सदस्यों के साथ रहते हैं। आग लगने की घटना के बाद सुरक्षा के लिहाज से उन्हें परिवार समेत वहां से हटाया गया। सीएफओ अनूप सिंह ने बताया कि बद्रीप्रसाद के परिवार को टाकीज परिसर से सुरक्षा की दृष्टि से हटाया गया है।
घरों की छत से धू-धूकर जल रही टाकीज देखते रहे लोग
टाकीज के आस पास बने मकानों में रहने वाले लोग टाकीज से आग की लपटों को देखने के लिए छतों व छज्जों पर पहुंच गए। यहीं से वह पूरा दृश्य देखते रहे।
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