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डीएम ने कहा नहीं होनी चाहिए शादी, पुलिस की नाक के नीचे घरवालों ने लगवा दिए फेरे; फिर जो हुआ...

बाल विवाह का एक ऐसा मामला सामने आया जो चर्चा का विषय बना है। बड़ी बहन के भाग जाने पर स्वजन ने 13 साल की किशोरी की शादी का फैसला ले लिया। विवाह के एक दिन पहले बड़ी बहन घर आई तो समाज को दिखाने के लिए स्टेज पर उससे जयमाल डलवाया और अंदर ले जाकर छोटी नाबालिग बेटी से जयमाल डलवाकर शादी की सारी रस्में पूरी करा दी गईं।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek PandeyUpdated: Mon, 18 Dec 2023 04:38 PM (IST)
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डीएम ने कहा- बाल विवाह रोको, पुलिस की मौजूदगी में हो गई नाबालिग की शादी; इस तरह दिया गया चकमा
जागरण संवाददाता, उन्नाव। बाल विवाह का एक ऐसा मामला सामने आया, जो चर्चा का विषय बना है। बड़ी बहन के भाग जाने पर स्वजन ने 13 साल की किशोरी की शादी का फैसला ले लिया।

विवाह के एक दिन पहले बड़ी बहन घर आई तो समाज को दिखाने के लिए स्टेज पर उससे जयमाल डलवाया और अंदर ले जाकर छोटी नाबालिग बेटी से जयमाल डलवाकर शादी की सारी रस्में पूरी करा दी गईं। यह सब बाल संरक्षण इकाई व पुलिस की मौजूदगी में हुआ।

विवाह संपन्न होने के बाद पुलिस को सुबह छह बजे भनक लगी तो किशोरी को कब्जे में ले लिया। इस पर स्वजन को बड़ी बेटी को ही दूल्हे के साथ विदा करना पड़ा। चौंकाने वाली बात यह है कि रात में डीएम को इसकी जानकारी दी गई थी और उन्होंने टीमों को सख्त निर्देश देकर बाल विवाह रोकने के निर्देश दिए थे।

बरात के दिन दूसरे के साथ चली गई युवती

सदर क्षेत्र के एक गांव में रहने वाले एक माता-पिता ने अपनी तीन बेटियों में सबसे बड़ी 20 वर्षीय बेटी का विवाह सफीपुर क्षेत्र में तय किया। 13 दिसंबर को बरात आनी थी। इसी बीच युवती किसी दूसरे के साथ चली गई।

स्वजन ने लोकलाज के डर से वर पक्ष को दूसरे नंबर की नाबालिग 13 वर्षीय बेटी से शादी करने की बात कही। वर पक्ष तैयार हो गया। 13 दिसंबर को बरात आने से एक दिन पहले ही बड़ी लड़की घर आ गई। वर पक्ष ने बड़ी बेटी से शादी करने से इन्कार कर दिया। इस पर स्वजन ने योजना के तहत स्टेज पर बड़ी बेटी से दूल्हे को जयमाल डलवाया और अंदर कमरे में ले जाकर छोटी नाबालिग बेटी से जयमाल डलवा दिया।

किसी ने इसकी जानकारी डीएम अपूर्वा दुबे को दे दी। उन्होंने बाल संरक्षण इकाई को मौके पर जाकर बाल विवाह को रोकने के निर्देश दिए। बाल संरक्षण इकाई की टीम बिना पुलिस के वहां पहुंच गई। इस पर स्वजन ने बरातियों की मदद से टीम के साथ धक्कामुक्की शुरू कर दी। जान बचाकर टीम दोस्ती नगर चौकी पहुंची।

पुलिस ने रोकी शादी

चौकी पुलिस को जानकारी दी तो कोतवाली से फोर्स चौकी पहुंचा और जिला बाल संरक्षण टीम के साथ बरात स्थल पर पहुंच गए। टीम ने स्वजन से नाबालिग की फोटो मांगी। इस पर स्वजन ने गांव की एक किशोरी को सामने लाकर उसे अपनी छोटी बेटी बता दिया। टीम ने जब जांच की तो बड़ी बेटी को खड़ाकर उसके कागजात दे दिए।

टीम विश्वास में आकर वहीं खड़ी रही और स्वजन ने कमरे में छोटी बेटी के साथ फेरे डलवा दिए। दूल्हे ने नाबालिग की मांग में सिंदूर भरा। विवाह संपन्न होने के बाद दोनों टीमों को सुबह छह बजे नाबालिग का विवाह होने की भनक लगी। इस पर नाबालिग को टीम ने अपने कब्जे में ले लिया।

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इस पर स्वजन को बड़ी बेटी को दूल्हे के साथ विदा करना पड़ा। बाद में स्वजन के बुलाकर उनसे इस बात का हलफनामा लिया गया कि वह छोटी बेटी को विदा नहीं करेंगे।

स्वजन के हलफनामा देने के बाद बेटी को उनके सुपुर्द कर दिया गया। बाल विवाह पर पुलिस की ओर से अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। कोतवाल प्रमोद मिश्र ने बताया कि बड़ी बेटी को ही विदा किया गया है। तहरीर मिलने पर रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।

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