UP Police News: वाह री यूपी की खाकी! पुलिस की नजर में पहले पाक-साफ, महिला ने दे दी जान तो ठोक दिया मुकदमा
उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले से पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े करने वाला मामला सामने आया है। बताया गया कि पुलिस ने विवाद की सूचना पर बिना जांच एक पक्षीय कार्रवाई की। एक पक्ष की महिला के आत्महत्या के बाद पुलिस ने दूसरे पक्ष के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है जबकि इससे पहले विवाद में पुलिस ने दूसरे पक्ष को पाक साफ बता दिया था।
संवाद सूत्र, उन्नाव। पड़ोसी से विवाद के बाद पुलिस द्वारा युवक को कोतवाली ले जाने के बाद घर में पत्नी का शव लटका मिलने की घटना में पुलिस की कार्रवाई ने सभी को चौंका दिया।
ग्रामीणों के अनुसार, विवाद होने पर जिस पड़ोसी की सूचना पर पुलिस अनीता के पति को कोतवाली ले गई थी, अब उसी अनीता द्वारा आत्महत्या करने पर पुलिस ने खुद का दामन बचाने के लिए पड़ोसी व उसके परिवार के पांच अन्य लोगों पर आत्महत्या के लिए उकसाने समेत अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर ली।
आक्रोश इस बात का है कि फकीरे को ले जाने से पहले पुलिस जांच कर लेती तो शायद फकीरे पकड़ा न जाता और अनीता की जान न जाती।
यह है पूरा मामला
सफीपुर क्षेत्र के गांव बहाउद्दीनपुर (खांखरमऊ) निवासी फकीरे अपनी 45 वर्षीय पत्नी अनीता के साथ कानपुर के कल्याणपुर में रहकर राजगीर मिस्त्री का काम करता था। पत्नी भी घरों में काम करती थी। हर शनिवार को वह गांव आते थे।
बीते शनिवार को भी वह दंपती गांव पहुंचे थे। पड़ोसी नवाबअली में उसकी बेटी पर कमेंट किया तो झगड़ा हो गया। नवाब की सूचना पर पुलिस पहुंची और फकीरे को पकड़कर कोतवाली लेकर चली गई थी।
उधर, रविवार सुबह अनीता का शव घर में फंदे से लटका मिला था। शांतिभंग में चालान के बाद फकीरे को एसडीएम कोर्ट से जमानत मिल गई थी। उसने नवाबअली व उनके परिवार के पांच अन्य लोगों पर पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने समेत अन्य आरोप लगा पुलिस को तहरीर दी।
पुलिस ने तहरीर के आधार पर सोमवार को नवाब अली उसके बेटे शानबाबू, परिवार के इमरान व उसके भाई रिजवान के अलावा हकीक व नवाब की पत्नी के विरुद्ध बलवा, मारपीट, गाली-गलौज, आत्महत्या के लिए उकसाने व एससीएसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की है।
बिना जांच पुलिस ने की थी एक पक्षीय कार्रवाई
मुकदमा दर्ज होने के बाद गांव में चर्चा है कि पुलिस द्वारा फकीरे को पकड़कर ले जाना उसकी पत्नी अनीता बर्दाश्त नहीं कर सकी। इस पर उसने घर में फंदा लगाकर जान दे दी।
सीधे तौर पर कहा गया कि नवाब द्वारा विवाद की दी गई तो पुलिस ने जांच क्यों नहीं की। कार्रवाई दोनों पक्षों पर होनी चाहिए थी, फिर केवल फकीरे को कोतवाली ले जाकर शांतिभंग क्यों किया गया।
अब फकीरे की पत्नी ने जान दी तो अचानक दूसरे पक्ष को पाक साफ बताने वाली पुलिस ने उस पर मुकदमा ठोक दिया। यदि मौके पर प्रकरण समझकर दोनों पक्षाें पर कार्रवाई की गई होती तो शायद अनीता की जान बच जाती।
क्या बोले कोतवाल
कोतवाल श्याम नारायण सिंह ने बताया कि जिन पर मुकदमा दर्ज हुआ है, वह लोग अक्सर अनीता की बेटी को लेकर कमेंट कर हंसी उड़ाते थे। शनिवार को भी इन लोगों ने बेटी की हंसी उड़ाई थी। इस पर अनीता व फकीरे ने उनके घर जाकर विरोध दर्ज कराया था।
दिवंगत अनीता के पति फकीरे ने तहरीर देकर बताया है कि नवाब अली व उसके पक्ष के लोगों की ओर से अनीता को आत्महत्या के लिए उकसाया गया, इस पर उनके विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज की गई है।
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