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Varanasi News: वेस्ट टू-चारकोल प्लांट में रोजाना 150 टन कूड़े से बन रहा 100 टन कोयला, PM मोदी ने किया था उद्घाटन

रमना में ही कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विसेज (सीएंडडी) प्लांट की क्षमता 200 मीटिक टन सालिड वेस्ट की है। इस प्लांट में मकान के मलबे से इंटरलाकिंग ईंट के ब्लाक व टाइल्स बनाया जा रहा है। पहड़िया मंडी भवनिया पोखरी व आइडीएच कालोनी में वेस्ट टू एनर्जी प्लांट भी है। तीनों प्लांट में प्रतिदिन पांच-पांच टन कूड़े से 800-800 यूनिट बिजली उत्पादन की क्षमता है।

By Ajay Krishna Srivastava Edited By: Vivek Shukla Updated: Wed, 09 Oct 2024 10:20 AM (IST)
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वेस्ट टू-चारकोल प्लांट (रमना) से हो रहा है कोयले का उत्‍पादन। जागरण

जागरण संवाददाता, वाराणसी। वेस्ट टू-चारकोल प्लांट (रमना) अपनी क्षमता तेजी से बढ़ाने में जुटा हुआ है। इस क्रम में प्लांट अब प्रतिदिन 150 मीट्रिक टन कूड़े से 100 टन कोयले का उत्पादन कर रहा है। दो माह के भीतर प्लांट पूरी क्षमता से चलाने का लक्ष्य है। एक माह प्लांट की पूरी क्षमता से चलाने का लक्ष्य है तब यहां 600 मीट्रिक टन कूड़े से रोजाना 300 टन कोयला बनने लगेगा। इससे बनारस में कूड़ा निस्तारण का संकट दूर हो जाएगा।

16 एकड़ में भू-भाग में करीब 200 करोड़ रुपये की लागत से बने वेस्ट टू-चारकोल प्लांट में तीन यूनिट लगाई गई है। इसमें एक यूनिट स्टैंडबाई है जिसे किसी यूनिट के खराब होने पर चलाया जाएगा। तीनों प्लांट की क्षमता प्रतिदिन करीब 600 टन सालिड वेस्ट से 450 टन कोयला उत्पादन की है।

आटोमैटिक हो रही प्रदूषण की जांच

प्लांट में सतत उत्सर्जन निगरानी प्रणाली (सीईएमएस) भी लगाई गई है। इस प्रणाली के तहत प्रदूषण बोर्ड को आटोमैटिक प्रदूषण की स्थिति की जानकारी मिलती रहेगी। कूड़े की दुर्गंध को कंट्राेल करने के लिए सिस्टम में सुगंधित पदार्थ का इस्तेमाल किया जा रहा है। ऐसे में प्लांट प्रदूषण व दुर्गंध फैलाए बिना कोयला बना रहा है।

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धुआं नियंत्रण के लिए प्लांट में लगा वेट ईएसपी सिस्टम 

अत्याधुनिक वेस्ट टू-चारकोल प्लांट का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बीते दस फरवरी को किया था। प्लांट से निकलने वाले धुएं को लेकर ग्रामीणों के विरोध के चलते कार्य बीच-बीच में कई बार प्रभावित हुआ लेकिन उसका भी समाधान कर लिया गया।

क्षेत्रीय ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए एसडीएम सार्थक अग्रवाल के नेतृत्व में टीम ने प्लांट का दोबारा निरीक्षण-परीक्षण किया। इसमें प्लांट केंद्रीय व राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानकों के अनुरूप पाया गया। एनटीपीसी के विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड ने धुआं नियंत्रित करने के लिए वेट ईएसपी सिस्टम लगवाया। इसके बाद दोबारा प्लांट शुरू कर दिया गया।

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शहर में प्रतिदिन औसत 800 से 1000 मीट्रिक टन सालिड वेस्ट 

शहर में प्रतिदिन 800 से 1000 टन सालिड वेस्ट निकलता है जबकि सिर्फ दो सालिड वेस्ट प्लांट की क्षमता करीब 1200 मीट्रिक टन कूड़े की है। इसमें करसड़ा स्थित वेस्ट टू कंपोस्ट प्लांट की क्षमता 600 मीट्रिक टन कूड़ा निस्तारण की है।

इसके अलावा रमना स्थित वेस्ट टू-चारकोल प्लांट की क्षमता प्रतिदिन करीब 600 टन सालिड वेस्ट से 300 टन कोयला बनाने की है। यहां वेस्ट टू एनर्जी प्लांट भी है लेकिन देखरेख के अभाव में यह ठप पड़ा है।

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