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BHU Scholarships: बीएचयू में 14 नई छात्रवृत्ति और एक स्वर्ण पदक की मंजूरी, इन विभागों की मिली सहमति

BHU Scholarships परीक्षा नियंत्रक प्रो. एनके मिश्रा ने स्नातक और स्नातकोत्तर कार्यक्रमों के लिए प्रवेश प्रक्रिया की प्रगति के बारे में जानकारी दी। अतिरिक्त परीक्षा नियंत्रक प्रो. जीपी सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय पीएचडी को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है। प्रवेश परिणाम बहुत जल्द जारी किए जाएंगे। प्रो. माया शंकर सिंह और प्रो. डीएस पांडेय ने बैठक के विभिन्न एजेंडा प्रस्तुत किया।

By Sangram Singh Edited By: Vivek Shukla Updated: Wed, 24 Apr 2024 09:35 AM (IST)
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BHU Scholarships बीएचयू में 14 नई योग्यता-सह-साधन छात्रवृत्ति और एक स्वर्ण पदक शुरू किया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। BHU Scholarships बीएचयू में 14 नई छात्रवृत्ति और एक स्वर्ण पदक स्थापना को मंजूरी मिली है। संबद्ध कालेजों में नए कार्यक्रम शुरू करने के प्रस्ताव पर भी सहमति मिली है। इसके अलावा अकादमिक परिषद के बाहरी सदस्य के रूप में 10 ख्चात शिक्षाविदों को शामिल किया गया है।

ऐसे ही कई महत्वपूर्ण फैसले मंगलवार को कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन की अध्यक्षता में आयोजित अकादमिक परिषद की बैठक में लिए गए। इस दौरान शैक्षणिक और अनुसंधान गतिविधियों से संबंधित कई मुद्दों, समग्र प्रदर्शन और उत्पादकता को और बेहतर बनाने के लिए मंथन हुआ।

नवगठित परियोजना निगरानी इकाई के बारे में जानकारी साझा की गई, जिसे विश्वविद्यालय के शैक्षणिक और अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र में और सुधार के लिए काम करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

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कुलपति ने कहा कि इकाई उन मुद्दों को हल करने के लिए काम करेगी, जो शिक्षण-अधिगम गतिविधियों पर प्रतिकूल प्रभाव डालने की क्षमता रखते हैं। यह पहल कला और सामाजिक विज्ञान संकाय से शुरू होगी और धीरे-धीरे इसके कामकाज का दायरा बढ़ाया जाएगा।

विश्वविद्यालय के सभी निकायों व सदस्यों को छात्रों के लिए एक सुचारू परिसर जीवन सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। कुछ यही मंशा लेकर 14 नई योग्यता-सह-साधन छात्रवृत्ति और एक स्वर्ण पदक शुरू किया जा रहा है।

विभिन्न व्यक्तियों और संगठनों से दान प्राप्त होता है, जिसके प्रस्तावों को शैक्षणिक मामलों पर विश्वविद्यालय की सर्वोच्च नीति बनाने वाली संस्था अकादमिक परिषद के समक्ष अनुमोदन के लिए रखा जाता है।

परिषद ने उच्चतम सीजीपीए हासिल करने वाले एमबीए द्वितीय वर्ष के छात्र को अक्षयबार और जोगेश्वरी गिरी स्वर्ण पदक प्रदान करने की मंजूरी दी है। यह शैक्षणिक सत्र 2023-24 से लागू होगा।

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परीक्षा नियंत्रक प्रो. एनके मिश्रा ने स्नातक और स्नातकोत्तर कार्यक्रमों के लिए प्रवेश प्रक्रिया की प्रगति के बारे में जानकारी दी। अतिरिक्त परीक्षा नियंत्रक प्रो. जीपी सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय पीएचडी को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है। प्रवेश परिणाम बहुत जल्द जारी किए जाएंगे। प्रो. माया शंकर सिंह और प्रो. डीएस पांडेय ने बैठक के विभिन्न एजेंडा प्रस्तुत किया। कुलसचिव प्रो. अरुण कुमार सिंह ने संचालन किया।

यह छात्रवृत्ति शुरू करने पर सहमति

- स्कूल आफ बायोटेक्नोलाजी में जैव प्रौद्योगिकी के एमएससी द्वितीय वर्ष के लिए महामना मालवीय जैव प्रौद्योगिकी छात्रवृत्ति। (सत्र 2024-25 से)

- कला संकाय में एमए संस्कृत के द्वितीय वर्ष के छात्र के लिए विश्वनाथ और मीरा भट्टाचार्य छात्रवृत्ति (सत्र 2025-26 से)

- दृश्य कला संकाय में एमएफए (टेक्सटाइल डिजाइन) के प्रथम वर्ष के छात्र के लिए झिंगन साहू मेमोरियल छात्रवृत्ति (सत्र 2024-25 से)

- प्रदर्शन कला संकाय में बीपीए (गायक संगीत और वाद्य संगीत) के अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए दो सीएनआर राव छात्रवृत्ति (सत्र 2025-26 से)

- कृषि विज्ञान संस्थान में माइकोलाजी और प्लांट पैथोलाजी एमएससी द्वितीय वर्ष के लिए उदय प्रताप छात्रवृत्ति। (सत्र 2025-26 से)

- विज्ञान संस्थान के भौतिकी विभाग के एमएससी के द्वितीय वर्ष के छात्र के लिए जेएन गुप्ता और सावित्री देवी छात्रवृत्ति। (सत्र 2024-25 से)

- प्रबंधन अध्ययन संस्थान में एमबीए के प्रथम वर्ष के छात्र के लिए रामस्वरूप जमुना देवी माहेश्वरी छात्रवृत्ति (सत्र 2024-25 से)

- एसवीडीवी संकाय के छात्रों के लिए पांच एसजीवीपी स्वामीनारायण छात्रवृत्ति (सत्र 2023-24 से प्रभावी)

- सेंट्रल हिंदू गर्ल्स स्कूल के लिए मेरिट कम मींस छात्रवृत्ति स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी, कक्षा 9 के छात्र के लिए अवध राज कुमार छात्रवृत्ति। (सत्र 2024-25 से)

आर्य महिला पीजी कालेज को लघु पाठ्यक्रम के रूप में सांख्यिकी, गणित व भूगोल पढ़ाने की अनुमति

अकादमिक परिषद ने विश्वविद्यालय के विभिन्न संबद्ध कालेजों में नए कार्यक्रम व पाठ्यक्रम जोड़ने के प्रस्तावों को भी स्वीकार कर लिया। आर्य महिला पीजी कालेज को लघु पाठ्यक्रम के रूप में सांख्यिकी, गणित और भूगोल पढ़ाने की अनुमति दी गई है।

वसंत कन्या महाविद्यालय को लघु पाठ्यक्रम के रूप में सांख्यिकी और गणित पढ़ाया जाएगा। इसी तरह वसंता कालेज फार वुमेन राजघाट में कंप्यूटर एप्लीकेशन में यूजी डिप्लोमा कोर्स शुरू किया जाएगा।

अंशकालिक डिप्लोमा या सर्टिफिकेट पाठ्यक्रमों में नियमित यूजी-पीजी छात्रों को ही मिलेगा दाखिला

पूर्णकालिक और अंशकालिक डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए नए निर्देश जारी किए गए हैं। पाठ्यक्रमों का लाभ उन लोगों को मिले, जिन्हें वास्तव में पेशेवर और शैक्षणिक विकास के लिए उनकी आवश्यकता है और विश्वविद्यालय की सुविधाओं का दुरुपयोग नहीं किया जाता है।

नए दिशा निर्देशों के अनुसार, पूर्णकालिक डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में न्यूनतम शैक्षणिक आवश्यकता और अच्छी तरह से परिभाषित क्रेडिट और पाठ्यक्रम के घंटों की निश्चित संख्या होगी। अंशकालिक डिप्लोमा या सर्टिफिकेट पाठ्यक्रमों के मामले में केवल विश्वविद्यालय और उसके संबद्ध कालेजों के नियमित यूजी और पीजी छात्रों को ऐसे कार्यक्रमों में दाखिला लेने की अनुमति दी जाएगी।

अकादमिक परिषद में शामिल 10 प्रतिष्ठित शिक्षाविद

 प्रो. एमएम चतुर्वेदी (दिल्ली विश्वविद्यालय), प्रो. पृथ्वीश नाग (निदेशक, एसएचईपीए), प्रो. मनीषा प्रोयम (एनआइईपीए दिल्ली), प्रो. सुमन शर्मा (प्रिंसिपल, लेडी श्रीराम कालेज फार वुमेन, दिल्ली विश्वविद्यालय), प्रो. धनंजय सिंह (जेएनयू), प्रो. नीरा अग्निमित्रा (दिल्ली विश्वविद्यालय), प्रो. श्रीनिवास वरखेड़ी (कुलपति, केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय), प्रो. पंचानन मोहंती (नालंदा विश्वविद्यालय), प्रो. अनुप ठाकर (निदेशक, आयुर्वेद में शिक्षण और अनुसंधान संस्थान) और प्रो. बीआर मित्तल (पीजीआइ चंडीगढ़)।

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