Varanasi House Collapse: वाराणसी में 400 भवन जर्जर, 25 को खाली करने का नोटिस
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के प्रवेश द्वार संख्या चार के पास एक गली में मंगलवार तड़के करीब तीन बजे आपस में सटे चार मंजिल के दो मकान ढह गए। दोनों मकान लगभग 80 वर्ष पुराने थे और जर्जर हो चुके थे। हादसे में आजमगढ़ की एक महिला प्रेमलता की मौत हो गई। घर में उपस्थित आठ लोगों के साथ ही मंदिर के गेट पर तैनात एक महिला कांस्टेबल घायल है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। बरसात का मौसम जर्जर भवनों के लिए खतरे की घंटी है। शहर में जर्जर भवन के गिरने का क्रम शुरू हो चुका है। वहीं श्रीकाशी विश्वनाथ विशिष्ट क्षेत्र के येलो जोन में दो जर्जर भवन गिरने के बाद नगर निगम एक बार फिर सक्रिय हो गई है।
इस क्रम में कोतवाली जोन में चिन्हित 189 जर्जर भवनों में से मंगलवार को 25 भवनों पर नोटिस दी है कोतवाली के जोनल अधिकारी इंद्र विजय सिंह की ओर से जारी नोटिस सभी 25 जर्जर भवनों पर चस्पा कराई गई है। इसमें भवन जर्जर होने का उल्लेख करते हुए भवन स्वामियों को तत्काल मकान खाली करने का निर्देश दिया गया है।
साथ ही नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने ऐसे सभी भवन स्वामियों से सुरक्षित स्थान पर जाने की अपील भी की है ताकि जान माल की सुरक्षा हो सके। निगम नोटिस देने का क्रम आगे भी जारी रखने का निर्णय लिया है।
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100 भवन दो सौ से 300 साल पुराने
नगर निगम ने शहर में 404 भवन जर्जर चिन्हित किया है। इसमें से चौक, कोतवाली व दशाश्वमेध जोन में करीब 100 से अधिक मकान काफी जर्जर हैं। यह मकान दो सौ से 300 साल पुराने बताए जा रहे हैं और कभी भी गिरकर सकता है।वहीं 50 से अधिक जर्जर मकान में किराएदारी का विवाद चल रहा है। विवाद कोर्ट में लंबित होने के चलते नगर निगम प्रशासन भी कोई कार्रवाई करने बचती है। निगम का यही लचीलापन भवन मालिकों के बचने का मुफीद हथियार साबित होता है।
मनमानी की छूट और लचीला नियम बने जानलेवानगर निगम ने चिन्हित जर्जर भवनों को गिराने के लिए उनके स्वामियों को नोटिस जारी तो किया लेकिन उसमें शर्तें ऐसी रखीं जिससे किसी भवन का ध्वस्तीकरण संभव नहीं है। चाहे वह कितना भी जर्जर क्यों न हो। मरम्मत के विकल्प के चलते भवन स्वामी उसका लाभ ले लेते हैं।जर्जर भवनों के लिए बरसात में खतरे की घंटी
बरसात में जर्जर भवनों के लिए खतरे की घंटी है। इस क्रम में छह जुलाई को बारिश से दशाश्वमेध क्षेत्र के खालिसपुरा स्थित पंचकोट महादेव मंदिर भवन का एक हिस्सा ढह गया था। यह संयोग था कि कोई हताहत नहीं हुआ। जुलाई में ही रामनगर थाने की एक छत भरभरा कर गिर गई थी। इसके नीचे खड़ी कई दो पहिया वाहन दब कर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था। हालांकि जर्जर होने के कारण पुलिस विभाग ने इसे निष्प्रयोज्य घोषित कर दिया था।
इसे भी पढ़ें-गंगा में उफान से सभी घाट डूबे, मणिकर्णिका की छत पर जल रहीं चिताएं; PHOTOSदुर्गाघाट मोहल्ले में भी कई भवन जर्जरविश्वनाथ मंदिर के आसपास व दुर्गाघाट मोहल्ले में भी कई भवन जर्जर अवस्था में पहुंच गए है। जर्जर भवनों के चलते दुर्गाघाट स्थित शाही नालों की सफाई भी बाधित हो रही है। इसे देखते हुए जलकल विभाग ने दुर्गाघाट के आठ मकानों को खाली करने का निर्देश दिया था। इसके बावजूद अब तक सिर्फ चार भवन ही खाली हुए हैं।
शहर में जोनवार जर्जर भवनों की संख्या इस प्रकार है।189 कोतवाली143 दशाश्वमेध40 वरूणापार19 आदमपुर14 भेलूपुर
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