UP News: सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना को घर-घर पहुंचाने में जुटा प्रशासन, मात्र 3.85 रुपये यूनिट Bijli Bill का करना होगा भुगतान
रिन्यूएबल एनर्जी रिसोर्सेस जहां पर्यावरण के लिए कम नुकसानदायक है वहीं किफायती भी है। इसकी स्थापना में कहीं-कहीं पैसे की समस्या आती है। अब उसका भी निदान हो गया है। इसके लिए अब कई कंपनियां खर्च उठाने को तैयार हो गई हैं। ऐसी ही एक कंपनी ने दीनापुर में सोलर संयंत्र लगाने की योजना बनाई है। बिजली का बिल मात्र 3.85 रुपया प्रति यूनिट देना होगा।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। वर्तमान में भारत तेजी के साथ रिन्यूएबल एनर्जी रिसोर्सेस की तरफ बढ़ रहा है। यह जहां पर्यावरण के लिए कम नुकसानदायक है वहीं काफी किफायती भी है। इसकी स्थापना में कहीं-कहीं पैसे की समस्या आती है। अब उसका भी निदान हो गया है। कई कंपनियां खर्च वहन करने के लिए तैयार हैं।
ऐसी ही एक कंपनी ने वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (डब्ल्यूटीपी) दीनापुर में सोलर संयंत्र लगाने की योजना बनाई है। परिणामस्वरूप जलकल को डब्ल्यूटीपी के लिए बिजली का बिल मात्र 3.85 रुपया प्रति यूनिट देना होगा।
पावर प्लांट से आने वाली बिजली के लिए हर महीने बिल का भुगतान करना पड़ता है। डब्ल्यूटीपी का लगभग आठ रुपये यूनिट के हिसाब से लाखों रुपये का बिल बिजली विभाग को देता है। सोलर संयंत्र लगाना एक बार इन्वेस्टमेंट कर ढाई दशक तक बिजली बिल से छुटकारा देता है।
रेस्को ही करेगी स्वामित्व और संचालन
बड़ा संयंत्र लगाने में लाखों-करोड़ों रुपये खर्च करने पड़ते हैं। ऐसे में इस तरह का कार्य करने वाली रिन्यूएबल एनर्जी सर्विस कंपनी (रेस्को) ने यह वीड़ा उठाने का जिला प्रशासन को प्रस्ताव दिया है। इसमें रेस्को अपने खर्चे पर डब्ल्यूटीपी पर सोलर संयंत्र लगाएगी। इसका स्वामित्व और संचालन रेस्को ही करेगी।
इससे जल-कल को भारी निवेश से छुटकारा मिल जाएगा। उससे उत्पादित बिजली को ग्रिड को दे दिया जाएगा। इससे डब्ल्यूटीपी का बिजली बिल बहुत ही कम हो जाएगा।
रेस्को पूरे यूनिट बिल को मात्र 3.85 रुपया की दर से जल-कल से लेगा। इसी धनराशि से रेस्को बिल देने, संचालन, रखरखाव आदि कार्य करेगा। रेस्को के अधिकारी जल्दी ही योजना के लिए एमओयू करेंगे।
सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के लिए विभागों को 1.20 लाख का लक्ष्य
जिला प्रशासन चुनावों के बाद एक बार फिर से सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना को घर-घर पहुंचाने में लग गया है। अब इसमें बिजली विभाग समेत सभी विभागों को अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई है। कुल लक्ष्य 1,20,600 निर्धारित किया गया है।
मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल की तरफ से विभागों के लिए लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसमें कुल 44 विभाग मिलकर 50,100 सोलर संयंत्र लगाएंगे। इसमें नगर निगम को सर्वाधिक 20,000 संयंत्र लगाने की जिम्मेदारी दी गई है।
विभिन्न प्रखंडो में 1500-1500 का लक्ष्य
इसी प्रकार डीआइओएस को 2000, बीएसए को 2500, वीडीए को 2500, सहायक संभागीय अधिकारी को 1000, मंडी समिति को 1000, सीएमओ को 1000, जीएसटी को 1000 का लक्ष्य हैं। इसी प्रकार बिजली विभाग के विभिन्न प्रखंडों को 1500-1500 संयंत्र लगाने का लक्ष्य दिया गया है। बिजली विभाग को कुल 70,500 का लक्ष्य है।
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