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सपा नेता रामगोविंद चौधरी की हार के बाद बड़ा सवाल, कौन बनेगा उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष?

UP Election Result बलिया से समाजवादी पार्टी के नेता राम गोविंद चौधरी की बांसडीह से हार के बाद बड़ा सवाल सामने आया है। अब उनकी हार के बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद पर कौन रहेगा।

By Abhishek SharmaEdited By: Updated: Fri, 11 Mar 2022 07:33 PM (IST)
सपा नेता रामगोविंद चौधरी की हार के बाद बड़ा सवाल, कौन बनेगा उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष?
बांसडीह से रामगोविंद चौधरी की हार के बाद कौन बनेगा उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष।

बलिया, जागरण संवाददाता। यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में कई परिणाम चौंकाने वाले रहे हैं। बलिया जिले की रसड़ा सीट पर जहां बसपा के एकमात्र उम्‍मीदवार ने जीत हासिल की है वहीं प्रदेश स्‍तर के दिग्‍गज नेता रामगोविंद चौधरी को भाजपा प्रत्‍याशी केतकी सिंह के आगे हार का सामना करना पड़ा। दरअसल राम गोविंद चौधरी (Ram Govind Chaudhary) उत्‍तर प्रदेश विधानसभा में बतौर नेता प्रतिपक्ष भी सत्‍ता पर सियासी चोट किया करते थे। अब वह सीट गंवाने के बाद नेता प्रतिपक्ष नहीं रहेंगे। 

यूपी की सियासत में सपा के दिग्‍गज नेता रामगोविंद चौधरी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में शुमार हैं। उत्‍तर प्रदेश व‍िधानसभा के ल‍िए वह आठ बार विधायक चुने गए थे। स‍ियासी सफर के दौरान बीते सत्र में उत्तर प्रदेश विधानसभा में बतैर नेता प्रतिपक्ष भी दमदारी से सरकार से सवाल करते रहे हैं। समाजवाद पार्टी के द‍िग्‍गज राजनेताओं में शामिल राम गोव‍िंद चौधरी जयप्रकाश नारायण और पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के करीबी भी रहे हैं।

इस बार के जनादेश ने राजनीति के कई सूरमाओं को जमीन पर ला दिया है। उनका सियासी रसूख भी काम नहीं आया। बलिया में आठ बार के विधायक रहे और नेता प्रतिपक्ष के तोर पर दमदार भूमिका निभा रहे रामगोविंद चौधरी बांसडीह विधानसभा में निषाद पार्टी-भाजपा गठबंधन की प्रत्याशी केतकी सिंह से हार गए। उन्हें 21134 वोटों से केतकी ने करारी शिकस्त दी। 2017 में भी केतकी ने निर्दल ही लड़कर पूर्व मंत्री राम गोविंद को हार की दहलीज पर लाकर एक समय खड़ा कर दिया था। राम गोविंद चाैधरी मात्र 1687 वोटों से चुनाव जीते सके थे, लेकिन इस बार केतकी को 102165 और राम गोविंद को 81030 मत मिले। राम गोविंद चौधरी इसी सीट से 2012 से लगातार विधायक थे।

शानदार सियासी सफर : सपा नेता राम गोव‍िंद चौधरी 1977 के विधानसभा चुनाव मे चिलकहर विधानसभा सीट से जनता पार्टी की ओर से जीतकर विधायक बने थे। उस समय कांग्रेस के जितेन्द्र बहादुर को उन्‍होंने हराया था। वर्ष 1980 के विधानसभा चुनाव में उन्‍होंने दोबारा कांग्रेस के जितेंद्र बहादुर को हराया था। वर्ष 1985 के विधानसभा चुनाव में तीसरी बार जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव जीतकर विधायक बने थे। वर्ष 1989 के विधानसभा चुनाव में राम गोविंद चौधरी चौथी बार विधायक चुने गए तो उनका कद बढ़ने लगा। वर्ष 1991 के विधानसभा चुनाव में वह जनता पार्टी की ओर से विधायक बने और इस बार उन्होंने बसपा के छोटेलाल को हराया था।

सपा नेता राम गोविंद चौधरी दिसंबर 1990 से 1991 तक मुलायम सरकार में उद्यान, खाद्य प्रसंस्करण मंत्री थे। वर्ष 1993 के विधानसभा चुनाव में रामगोविंद चौधरी जनता दल के टिकट पर चिलकहर विधानसभा सीट से लड़े, लेकिन सपा-बसपा गठबंधन प्रत्याशी से चुनाव हार गए। 1996 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी जनता पार्टी (राष्ट्रीय) से चिलकहर विधानसभा सीट से चुनाव लड़े और चौथे नंबर पर भी रहे। सपा के विपक्ष में रहने के दौरान नेता प्रतिपक्ष के तौर पर वह पूर्वांचल और प्रदेश के मुद्दों पर सरकार को घेरते रहे। 

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