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Flood In Varanasi : गंगा का जलस्‍तर चेतावनी बिंदु के पार, देखें काशी में बाढ़ की वि‍भीषिका का असर

Flood in Ganga वाराणसी में गंगा नदी का जलस्‍तर लगातार बढ़ाव की ओर होने के बीच नदी का रुख तल्‍ख हो चुका है। माना जा रहा है क‍ि मानसूनी सक्रियता का दौर होने के साथ ही चंबल का पानी और पहाड़ों की बारिश का असर मैदानी क्षेत्र पहुंचा है।

By Abhishek SharmaEdited By: Updated: Thu, 25 Aug 2022 01:28 PM (IST)
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वाराणसी में नदी का रुख सामान्‍य रूप से बढ़ाव की ओर हो चला है।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। जिले में गंगा का रुख लगातार तल्‍खी की ओर होने के बीच अब भी जलस्‍तर लगातार बढ़ाव की ओर है। गंगा का रुख पहाड़ों पर भारी बारिश के बाद जमीन पर और भी तल्‍खी की ओर है। सहायक नदी चंबल में भारी बारिश के बाद बाढ़ का पानी लोगों को और चिंता दुश्‍वारी दे रहा है। नदी का रुख दोबारा तल्‍खी की ओर हुआ तो बारिश का दौर भी रात भर होने के बाद नदी का रुख बढ़ाव की ओर नजर आने लगा है। शहर में अब गंगा का पानी प्रवेश करने लगा है। पांच सेंटीमीटर की गति से गुरुवार की दोपहर में गंगा का जलस्‍तर शहर में दुश्‍वारी बनकर फैलने लगा है। 

जलस्‍तर में इजाफा होने के बाद अब नदी का तल्‍ख रुख बाढ़ की दोबारा दस्‍तक दे चुका है। पानी का जलस्‍तर बढ़ता देखकर अंदाजा लगाया जा रहा है कि दोपहर में गंगा चेतावनी बिंदु पार कर जाएंगी। दोपहर 12 बजे तक गंगा का जलस्‍तर मात्र दो सेंटीमीटर चेतावनी बिंदु से दूर था और हर घंटे पांच सेंटीमीटर जलस्‍तर में इजाफा हो रहा था। इस लिहाज से एक बजे तक गंगा का जलस्‍तर चेतावनी बिंदु के पार हो गया। अब चेतावनी बिंदु के बाद गंगा का जलस्‍तर खतरा बिंदु के करीब जा पहुंचा है। अब गंगा में बाढ़ से वरुणा में भी पलट प्रवाह की वजह से तटवर्ती इलाकों में बाढ़ का पानी चिंता पैदा करने लगा है। 

बीते तीन दिनों में कुल 116 सेंटीमीटर तक गंगा का जलस्तर बढ़ गया है। बाढ़ का पानी शहर में प्रवेश करने लगा है तो गलियों में गंगा का पानी आने की वजह से गलियों में नौका संचालन शुरू हो गया है। जबकि पूर्व से ही वाराणसी में हरिश्‍चंद्र सहित मणिकर्णिका घाट पर चिताएं गलियों में जलने लगी हैं। अब गलियों में चिताएं सजने की वजह से गंगा का रुख काफी चुनौतीपूर्ण हो चला है। जबकि छत पर गंगा आरती पूर्व से ही हो रही है। 

केंद्रीय जल आयोग की ओर से राजघाट पर सुबह आठ बजे लिए गए बाढ़ के रिपोर्ट के अनुसार प्रतिघंटा छह सेंटीमीटर गंगा का जलस्‍तर बढ़ रहा है। यहां पर गंगा का चेतावनी बिंदु 70.262 मीटर है, जबकि खतरा बिंदु 71.262 मीटर पर है। वर्ष 1978 में गंगा का सर्वाधिक जलस्‍तर 73.901 मीटर था तो पिछली बार बाढ़ का स्‍तर 72.320 मीटर था। गुरुवार की सुबह आठ बजे गंगा का जलस्‍तर 70.02 मीटर दर्ज किया गया। दोपहर तक गंगा का जलस्‍तर चेतावनी बिंदु पार करने की उम्‍मीद जताई गई है। बाढ़ कंट्रोल रूम का नंबर भी विभाग की ओर से 0542-2508550, 9140037137 दिया गया है।

तटवर्ती इलाकों में बढ़ी चिंता : तटवर्ती इलाकों में घर लौटने की ओर हो चले लोगों को उल्‍टे पांव दोबारा बाढ़ देखकर आश्रय की ओर लौटना पड़ा है। रात भर बारिश की वजह से वरुणा में भी पलट प्रवाह का असर देखा जा रहा है। इसकी वजह से नदी का रुख भी तटवर्ती लोगों को भयभीत कर रहा है। केंद्रीय जल आयोग की ओर से जारी रिपोर्ट में नदी का रुख आगे भी चुनौती की ओर होने के संकेत को देखकर लोग चिंतित हैं। दूसरी ओर ज्ञानप्रवाह क्षेत्र में गंगा का पानी आने के बाद आगे भी बाढ़ की संभावनाएं तटवर्ती लोगों को डराने लगी हैं। माना जा रहा है कि दो दिन और पानी बढ़ गया तो शहर में गंगा का जलस्‍तर और भी आगे बढ़ जाएगा। 

गाजीपुर में गंगा खतरा बिंदु के करीब : गंगा का जलस्तर गुरुवार की सुबह आठ बजे से फिर तेजी से बढ़ने लगीं। वर्तमान में गंगा का जलस्तर चार सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। फिलहाल गंगा का जलस्तर 62.540 मीटर है, जो खतरे के निशान 63.105 मीटर से मात्र 0.565 मीटर दूर हैं। इससे तटवर्ती इलाके के गांवों में दहशत का माहौल हो गया है। जबकि गंगा पूर्व में ही चेतावनी बिंदु 61.550 मीटर को पार कर चुकी हैं।

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