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कनाडा से लौटी अन्‍नपूर्णा मूर्ति को विश्‍वनाथ कारिडोर क्षेत्र में मिलेगा स्‍थान, ईशान कोण में होगी मू‍र्ति की स्‍थापना

14 नवंबर को काशी पहुंचेगी। इसके बाद अगले दिन (15 नवंबर) देवोत्थानी एकादशी के खास मौके पर श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के नवीन परिसर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विधि-विधान से प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा करेंगे। काशी विश्‍वनाथ मंदिर स्थित कारिडोर में ईशान कोण पर स्‍थापित की जाएगी।

By Abhishek SharmaEdited By: Updated: Fri, 12 Nov 2021 05:03 PM (IST)
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काशी विश्‍वनाथ मंदिर स्थित कारिडोर में ईशान कोण पर स्‍थापित की जाएगी।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। वैसे तो माता अन्नपूर्णेश्वरी की कनाडा से मूर्ति पूर्व में ही देश में आ गई थी लेकिन अन्‍नपूर्णा का दर्शन उनके स्‍थान काशी में पाने का मौका 14 नवंबर को ही काशी को मिलेगा। इसी दिन नगर की सीमा में अन्‍नपूर्णा की मूर्ति की शोभायात्रा काशी में प्रवेश करेंगी। काशी में मूर्ति पहुंचेगी तो दुर्गाकुंड स्थित कूष्मांडा दरबार में रात्रि विश्राम के बाद हरि प्रबोधिनी एकादशी की सुबह 15 नवंबर को श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ की मौजूदगी में की जाएगी।

पूरे रास्ते काशीवासी मां अन्नपूर्णा का दर्शन कर सकेंगे। मन की बात कार्यक्रम में प्रसारण के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साल भर पूर्व भारत में मूर्ति की वापसी का स्वागत किया था। 14 नवंबर को काशी पहुंचेगी। इसके बाद अगले दिन (15 नवंबर) देवोत्थानी एकादशी के खास मौके पर श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के नवीन परिसर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विधि-विधान से प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा करेंगे। काशी विश्‍वनाथ मंदिर स्थित कारीडोर में ईशान कोण पर रानी भवानी उत्‍तरी गेट के बगल में मां अन्‍नपूर्णा की प्राण प्रतिष्‍ठा मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ करेंगे।

बाबा दरबार परिक्षेत्र में मिलेगा स्‍थान : श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के ईशान कोण में मां अन्नपूर्णा के लिए मंदिर शुक्रवार तक पूरी तरह तैयार हो चुका है। इसमें प्राण-प्रतिष्ठा के निमित्त सुबह अक्षत-पुष्प अर्पित किया 15 नवंबर की सुबह श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर का अर्चक दल अन्नाधिवास, जलाधिवास, घृताधिवास, फलाधिवास आदि के साथ प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान विधान पूरा करेगा। इस दौरान मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ और अन्‍य गणमान्‍य लोग मौजूर रहेंगे। 

सूर्य की पहली किरण का प्रभाव : काशी विश्‍वनाथ कारीडोर परिक्षेत्र में बाबा दरबार के ईशान कोण में माता अन्‍नपूर्णा की मूर्ति के लिए मंदिर का स्‍थान चयनित किया गया है। मंदिर में मौजूद इस मूर्ति पर सूरज की पहली किरण का प्रकाश मूर्ति की आभा को और भी दिव्‍य और भव्‍य बनाएगा। काशी विश्‍वनाथ कारीडोर 13 दिसंबर को पीएम देश को लोकार्पित करेंगे। लेकिन, अन्‍नपूर्णा की मूर्ति की स्‍थापना कारीडोर में पूर्व में ही की जा रही है। 

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