सोनभद्र के जंगलों में रहता है दुनिया का सबसे जहरीला सांप रसेल वाइपर, विष ऐसा कि घंटे भर में मौत
सोनभद्र सिर्फ वनाें पहाड़ों औद्योगिक इकाइयों के लिए प्रसिद्ध नहीं है वरन यहां के वनों व पहाड़ों में मौजूद देश के टाप-5 विषैले सांपों में तीन प्रजातियां भी मिलती है। इसने डंसने से अधिकांश लोगों की मौत भी होती है।
सोनभद्र, जागरण संवाददाता। जनपद सिर्फ वनाें, पहाड़ों, औद्योगिक इकाइयों के लिए प्रसिद्ध नहीं है, वरन यहां के वनों व पहाड़ों में मौजूद देश के टाप-5 विषैले सांपों में तीन प्रजातियां भी मिलती है। इसने डंसने से अधिकांश लोगों की मौत भी होती है। यहां कोबरा, करैत व रसेल वाइपर बहुतायत में मिलते हैं। दूर-दराज स्थित अस्पतालों और झाड़-फूंक करने वालों का प्रभाव कहीं न कहीं इन मौतों के कारण भी हैं। आज भी जनपद के कई ऐसे गांव और जगह हैं जहां से किसी नगर तक पहुंचना बहुत मुश्किल भरा होता है। रविवार को जनपद में एक दिन में ही तीन लोगों की मौत सर्प के काटने से हुई। आंकड़े बताते हैं कि हर वर्ष सर्पदंश से करीब 15 से 20 लोगों की जान केवल मानसून के दौरान हो जाती है। इसमें 80 फीसद मौत समय पर अस्पताल न पहुंचने के कारण होना बतायी जाती हैं। जनपद के जंगल क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की सूचना पर रेणुकूट व ओबरा वन प्रभाग अपनी टीम भेजकर जहरीले सांप को पकड़ने का काम करते हैं। पकड़े गए सांपों को सूनसान जंगल क्षेत्रों में छोड़ दिया जाता है।
सिर्फ सोनभद्र में हैं रसेल वाइपर
विश्व के सबसे जहरीले सांपों में जाने वाले रसेल वाइपर की प्रजाति उप्र के एकमात्र सोनभद्र में ही पाई जाती है। जनपद के बभनी, म्याेरपुर व राबर्ट्सगंज में सबसे अधिक बार देखा गया है। इसके अलावा अन्य क्षेत्रों में भी यह कभी-कभी दिख जाते हैं।
विष ऐसा कि घंटे भर में मौत
डीएफओ ओबरा प्रखर मिश्रा बताते हैं कि सोनभद्र में भारत के टाप-5 विषैले सांपों में से तीन की मौजूदगी है। यहां करैत बहुतायत मिलते हैं। करैत की दो प्रजातियां जिले में है। दूसरे नंबर पर कोबरा भी यहां हैं। इसमें सिर पर एक टोपी, दो टोपी व बगैर टोपी वाले मिलते हैं। कोबरा को ही नाग भी कहा जाता है। तीसरा जो आस-पास के जनपदों में शायद नहीं हैं वह भी यानी रसेल वाइपर। इन सांपों में इतना विष होता है कि काटने के एक घंटे बाद भी मौत हो सकती है। यह काटते वक्त विष निकलने पर निर्भर करता है।
सांप डसे तो क्या करें
- पीड़ित का हौसला बनाए रखें, उसे सहज रहने के लिए कहें।
- दौड़ें नहीं, क्योंकि इससे रक्त परिवहन तेज हो जाएगा और विष तेजी से खून के रास्ते बढ़ेगा।
- अगर पैर में डंसे ताे काटने वाले स्थान घुटने के नीचे बांध दें। ध्यान रहे कि उंगली जाने भर की जगह रहे।
- जहां पर सांप ने डंस हो उस स्थान या आस-पास वाले हिस्से को ज्यादा मूवमेंट न होने दें।
- तत्काल अस्पताल जाएं और एंटी स्नैक वेनम लगवाएं, चिकित्सक की सलाह से।