Chit Fund Scam: चिट फंड घोटाले के पीड़ितों के लिए राहत, ऑनलाइन आवेदन करके पाएं अपना पैसा वापस
चिट फंड घोटाले में फंसे उत्तर प्रदेश के निवेशकों के लिए खुशखबरी है। अब वे ऑनलाइन आवेदन करके अपना पैसा वापस पा सकते हैं। इसके लिए उन्हें संस्थागत वित्त बीमा एवं बाह्य सहायतित परियोजना महानिदेशालय उत्तर प्रदेश की वेबसाइट पर जाना होगा। शिकायत पंजीकरण प्रक्रिया के विकल्प पर क्लिक करके मोबाइल नंबर और कैप्चा डालने पर ओटीपी आएगा। ओटीपी डालने पर आवेदन फॉर्म खुल जाएगा।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। चिट-फंड कंपनियों पर सरकार ने रोक लगा दिया। उसके बाद प्रदेश सरकार के आदेश पर तहसीलों में मार्च 2023 में लोगों से आवेदन जमा कराए। इसमें तीन लाख लोगों के करीब आठ लाख से अधिक बांड के आवेदन आए। उसके बाद मार्च 2024 में आवेदन लेना बंद कर दिया गया। जिन लोगों ने आवेदन नहीं किया उसके लिए अब केवल ऑनलाइन ही रास्ता बचा है।
आवेदन के लिए संस्थागत वित्त, बीमा एवं बाह्य सहायतित परियोजना महानिदेशालय उत्तर प्रदेश की वेबसाइट https://pidgr.in पर जाएं। शिकायत पंजीकरण प्रक्रिया के आप्शन को क्लिक करें। उसमें मोबाइल नंबर और कैप्चा डालने पर ओटीपी आएगा। ओटीपी डालने पर आवेदन फार्म खुल जाएगा।
उसमें नाम, पिता, आधार नंबर, मोबाइल नंबर, ईमेल, पता, आवेदन के संबंध में संक्षिप्त विवरण, धनराशि, कंपनी का प्रधान कार्यालय आदि आवश्यक जानकारी भर दें। साथ ही बांड, आधार कार्ड, पैन, बैंक पासबुक की एक साथ पीडीएफ कापी बनाकर अपलोड कर सबमिट कर दें।
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वैसे वेबसाइट पर पूरी प्रक्रिया भी समझाई गई है। यह संबंधित जिले के बड्स एक्ट के पदेन अधिकारी एडीएम वित्त के पास पहुंच जाएगा। वह जांच के लिए आगे बढ़ा देगा।
कौन कर सकता है आवेदन
उत्तर प्रदेश वित्तीय अधिष्ठानों में जमाकर्ता हित संरक्षण अधिनियम-2016 के अन्तर्गत राज्य की चिट-फंड कंपनियों की ऐसे मामले की शिकायत की जा सकती है जिनमें निवेश के बाद अव्यावहारिक, अव्यवहार्य वापसी का वचन दिया था। बाद में वित्तीय अधिष्ठानों द्वारा लोग ठगे गए।
भूमि, फ्लैट या मकान विक्रय करने वाले निर्माणकर्ताओं, भू-सम्पदा कंपनियों या किसी व्यक्ति द्वारा संकलित कोई धनराशि को वापस करने या ब्याज का भुगतान करने या सेवा देने में विफल हुए हैं। ऐसे सभी के विरुद्ध शिकायतें की जा सकती हैं। इस एक्ट में सरकार का कोई विभाग एवं बैंक शामिल नहीं है।
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