Gyanvapi Case: ज्ञानवापी पर फैसला आते ही लगे हर हर महादेव के उद्घोष, लोगों ने दी ये प्रतिक्रिया
Gyanvapi Case शुक्रवार को ज्ञानवापी मामले पर कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया। ज्ञानवापी परिसर के एएसआई (भारतीय पुरातत्व सर्वक्षण) सर्वे का रास्ता अब साफ हो गया। अदालत के फैसले के साथ ही कचहरी हर-हर महादेव के उद्घोष से गूंज उठी। साधु-संतों में खुशी की लहर है। लोगों ने कहा कि बाबा विश्वनाथ का आशीर्वाद हमारे साथ है। हम धर्म और सत्य की लड़ाई लड़ रहे हैं।
By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Sat, 22 Jul 2023 09:30 AM (IST)
वाराणसी, जागरण संवाददाता। ज्ञानवापी परिसर के एएसआई (भारतीय पुरातत्व सर्वक्षण) सर्वे की मंदिर पक्ष की मांग पर शुक्रवार को जिला अदालत ने फैसला सुनाया। इसे लेकर सुबह से ही कचहरी परिसर में चर्चाएं शुरू हो गई थीं। शाम 4:10 बजे जैसे ही अदालत का आदेश आया, पूरा कचहरी परिसर में हर हर महादेव का उद्घोष से गूंज उठा। इससे पहले सुबह से ही कचहरी, ज्ञानवापी परिसर और श्रीकाशी विश्वनाथ धाम परिक्षेत्र में सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी। सुरक्षा दस्ता चक्रमण करा रहा था। हर आने-जाने वालों पर उनकी सतर्क निगाहें थीं।
ज्ञानवापी प्रकरण में शुक्रवार को कोर्ट की ओर एएसआई सर्वे का आदेश जारी होते ही सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गईं। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम परिसर और आस-पास के इलाके में सुरक्षाकर्मी पहले से ज्यादा अलर्ट नजर आए। पुलिस और आरएएफ (रैपिड एक्शन फोर्स) के जवानों ने पैदल मार्च कर लोगों को सुरक्षा का भरोसा दिलाया। हालांकि पुलिस अधिकारी अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था किए जाने को लेकर इन्कार करते रहे। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में श्रद्धालु प्रतिदिन की भांति दर्शन के लिए उमड़े थे। हालांकि शाम को कोर्ट का आदेश आते ही पुलिसकर्मी सतर्क हो गए। पुलिसकर्मियों की बढ़ी हुई संख्या और अतिरिक्त सतर्कता बता रही थी कि कुछ विशेष है।
कड़ी सुरक्षा के बीच आया फैसला
चौक थाना क्षेत्र में चौक, दालमंडी, हड़हासराय, नईसड़क, गिरजाघर से आगे बड़े रामपुरा के रास्ते गश्त करते पुलिस व आरएएफ के जवान मदनपुरा होते हुए गोदौलिया तक गए। इस पैदल मार्च को ज्ञानवापी प्रकरण में आए कोर्ट के आदेश से जोड़कर देखा जा रहा है। दशाश्वमेध एसीपी अवधेश पांडेय व चौक थाना प्रभारी शिवाकांत मिश्रा समेत पुलिसकर्मी रूट मार्च करते रहे। पुलिस उपायुक्त आरएस गौतम भी जगह-जगह जाकर हालात पर नजर रख रहे थे। एसीपी सुरक्षा अजय श्रीवास्तव ने बताया कि सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम पहले से हैं।कार्बन डेटिंग से पता लगाई जाती है आयु
ज्ञानवापी परिसर के सर्वे की जिम्मेदारी अदालत ने भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण (एएसआई) को दी है। एएसआई के पूर्व संयुक्त महानिदेशक डा. बीआर मणि का कहना है कि वैज्ञानिक विधि से ज्ञानवापी परिसर की जांच में पर्याप्त साक्ष्य मिल सकते हैं। डा. मणि के नेतृत्व में ही अयोध्या में राम मंदिर के नीचे खोदाई कर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की टीम ने पर्याप्त साक्ष्य जुटाए थे। इन साक्ष्यों ने मुकदमे की दिशा बदल दी थी और अदालत का फैसला मंदिर के पक्ष में आया।
जानकारी जुटाने के दो तरीके प्रत्यक्ष और परोक्ष अमेरिका के न्यूयॉर्क से फोन पर दैनिक जागरण से बातचीत में उन्होंने कहा कि किसी भी स्थान की जानकारी जुटाने का दो तरीके होते हैं-प्रत्यक्ष व परोक्ष। प्रत्यक्ष तरीके में आसपास का क्षेत्र की खोदाई करके देखा जा सकता है। वहीं परोक्ष तरीके में स्थान की खोदाई नहीं करनी होती है। किसी वस्तु की बनावट के आधार पर इतिहासकार, पुरातत्ववेत्ता उसकी आयु का निर्धारण कर सकते हैं। कई चीजों की आयु कार्बन डेटिंग से पता लगाई जाती है। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि वह पदार्थ कार्बन उत्सर्जन करता हो।
ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार भी बेहतर तकनीक
जीपीआर (ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार) भी एक जानकारी जुटाने की बेहतर तकनीक है। इसमें बिना खोदाई के पता चल सकता है कि नीचे क्या है? इस तकनीक से काफी गहराई तक जांच कर पता लगाया जा सकता है कि नीचे क्या है? अब तो जीपीआर से 50 मीटर गहराई तक जांच की जा सकती है। जांच की इस तकनीक में नीचे किस आकृति की वस्तु मौजूद है, इसका सटीक आकलन किया जाता है। राम मंदिर के मामले में कई आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया गया था।
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