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Awadhesh Rai murder case : चश्मदीद साक्षी से नहीं हो सकी जिरह की कार्यवाही, सुनवाई के लिए अगली तिथि 22 जुलाई

Awadhesh Rai murder case लगभग 31 साल पूर्व हुए चर्चित अवधेश राय हत्याकांड मुकदमे में सुनवाई के लिए सोमवार को चश्मदीद साक्षी विजय कुमार पांडेय जिरह की कार्यवाही के लिए अदालत पहुंचे। इस मामले में सुनवाई के लिए अगली तिथि 22 जुलाई नियत कर दी।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Updated: Mon, 18 Jul 2022 06:06 PM (IST)
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चर्चित अवधेश राय हत्याकांड मुकदमे में सुनवाई 22 जुलाई नियत कर दी।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। लगभग 31 साल पूर्व हुए चर्चित अवधेश राय हत्याकांड मुकदमे में सुनवाई के लिए सोमवार को चश्मदीद साक्षी विजय कुमार पांडेय जिरह की कार्यवाही के लिए अदालत पहुंचे। विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) सियाराम चौरसिया की अदालत में विचाराधीन इस मुकदमे में गवाह विजय पाण्डेय से बचाव पक्ष की ओर से जिरह किया जाना था।

Awadhesh Rai murder case इसके पूर्व बचाव पक्ष के अधिवक्ता श्रीनाथ त्रिपाठी ने अदालत में इस आशय का प्रार्थना दिया कि चश्मदीद साक्षी से शेष जिरह करने से पूर्व प्रयागराज की अदालत में विचाराधीन सरकार बनाम राकेश न्यायिक व अन्य के मुकदमे में मूल पत्रावली के मुआयने व एसएसपीजी अस्पताल से अवधेश राय के मेडिकल लीगो संबंधित प्रपत्र मंगवाने के बाबत एक प्रार्थना पत्र दिया है, जो पत्रावली में उपलब्ध न होने के कारण बिना उसके मंगवाए शेष जिरह हो पाना संभव नहीं है। इसके लिए समय प्रदान करने की अनुमति मांगी। जिस पर वादी के अधिवक्ता अनुज यादव व अधिवक्ता विकास सिंह के साथ अभियोजन की ओर से एडीजीसी ज्योति शंकर उपाध्याय ने आपत्ति की।

अदालत ने इस मामले में सुनवाई के लिए अगली तिथि 22 जुलाई नियत कर दी। अदालत में सुनवाई के दौरान वादी मुकदमा पूर्व विधायक अजय राय भी मौजूद रहे।

बता दें कि तीन अगस्त 1991 को लहुराबीर क्षेत्र में स्थित आवास के गेट पर ही अवधेश राय के ऊपर ताबड़तोड़ फायरिंग कर उनकी हत्या कर दी गई थी। अजय राय ने मुख्तार अंसारी,पूर्व विधायक अब्दुल कलाम, भीम सिंह, कमलेश सिंह व राकेश न्यायिक समेत अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।

मुख्तार के गैंगस्टर मुकदमे से मुक्त करने की अपील खारिज : बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी के गैंगस्टर एक्ट से मुक्त करने की गुहार को एमपी- एमएलए स्पेशल कोर्ट ने सोमवार को खारिज कर दिया। ओम प्रकाश वर्मा तृतीय की अदालत ने आरोप तय करने के लिए 28 जुलाई की तिथि नियत की है। अदालत ने सभी आरोपियों को उक्त तिथि पर न्यायालय में तलब किया है।

तरवां थाना क्षेत्र में फरवरी 2014 में हुए मजदूर हत्याकांड में आरोपी बनाए जाने के बाद वर्ष 2020 में इसी मामले में मुख्तार अंसारी व अन्य पर गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। इस मुकदमे में मुख्तार अंसारी अप्रैल 2021 से न्यायिक हिरासत में है। तीन जून को मुख्तार अंसारी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया था कि विगत सात वर्षों से वह जेल में बंद है। ऐसी परिस्थिति में गैंगस्टर एक्ट के तहत निरुद्ध किया जाना न्याय संगत नहीं है । अभियोजन पक्ष की तरफ से विशेष लोक अभियोजक वरिष्ठ अधिवक्ता लाल बहादुर सिंह ने आपत्ति की थी कि कई बार ऐसा देखा गया है माफिया जेल में रहते हुए भी अपराधी क्रियाकलापों को संचालित करते हैं। उन्होंने इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय के कुछ निर्णय का भी हवाला दिया।पिछली तारीख पर 13 जुलाई को न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद सोमवार को इस विषय पर आदेश देते हुए कहा कि मुख्तार अंसारी का प्रार्थना पत्र मंजूर होने योग्य नहीं है, इसलिए खारिज किया जाता है। सभी आरोपी 28 जुलाई को आरोप निर्धारण के लिए न्यायालय में उपस्थित हों।

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