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Mukhtar Ansari : 32 साल पुराने केस में मुख्तार अंसारी को आजीवन कारावास, 10 प्वाइंट्स में समझिए पूरा मामला

माफिया मुख्तार अंसारी समेत अन्य के खिलाफ लंबित 32 साल पुराने अवधेश राय हत्याकांड में सोमवार को फैसला आया। कोर्ट ने मुख्तार समेत अन्य को दोषी करार दिया है। समझते हैं क्या है यह केस और कैसे मुख्तार अंसारी दोषी करार हुआ।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek PandeyUpdated: Mon, 05 Jun 2023 05:04 PM (IST)
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Awadhesh Rai Case: 32 साल पुराने केस में मुख्तार अंसारी दोषी करार, 10 पॉइंट्स की मदद से समझिए पूरा मामला
जागरण ऑनलाइन डेस्क, नई दिल्ली: (Awadhesh Rai Murder Case) माफिया मुख्तार अंसारी समेत अन्य के खिलाफ लंबित 32 साल पुराने अवधेश राय हत्याकांड में सोमवार को फैसला आया। कोर्ट ने मुख्तार समेत अन्य को दोषी करार दिया है। मुख्तार अंसारी को इस केस में आजीवन कारावास और 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। समझते हैं क्या है यह केस और कैसे मुख्तार अंसारी दोषी करार हुआ।

  • 3 अगस्त 1991 को लहुराबीर क्षेत्र स्थित आवास के गेट पर ही दिनदहाड़े अवधेश राय पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर उनकी हत्या कर दी गई थी।
  •  इस हत्याकांड में अवधेश राय के भाई अजय राय ने चेतगंज थाना में पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी, अब्दुल कलाम, भीम सिंह, कमलेश सिंह व राकेश न्यायिक के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया था।
  • एमपी-एमएलए के विशेष न्यायाधीश अवनीश गौतम की अदालत में यह मुकदमा लंबित था।
  • मुख्तार अंसारी वर्तमान में बांदा जेल में बंद है। मुख्तार के खिलाफ स्थानीय अदालत में तो राकेश न्यायिक के खिलाफ इलाहाबाद जिला न्यायालय में सुनवाई चल रही है।
  • इस मुकदमे की सुनवाई के दौरान पूर्व विधायक अब्दुल कलाम व कमलेश सिंह की मौत हो चुकी है।
  • अवधेश राय हत्याकांड मामले की सुनवाई सबसे पहले बनारस की ही एडीजे कोर्ट में चल रही थी।
  • 23 नवंबर 2007 को मुकदमे की सुनवाई के दौरान ही अदालत के चंद कदम दूर ही बम ब्लास्ट हो गया। राकेश न्यायिक ने सुरक्षा को खतरा बताते हुए हाईकोर्ट की शरण ली और काफी दिनों तक सुनवाई पर रोक लगी रही।
  • इस केस के बाद मामले को प्रयागराज जिला अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया।
  • बनारस में एमपी/एमएलए की विशेष कोर्ट के गठन होने पर मुकदमे की सुनवाई यहां शुरू हुई। राकेश न्यायिक की पत्रावली अभी भी प्रयागराज में ही लंबित है।
  • बीते एक साल में मुख्तार अंसारी को चार मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है, मुख्तार के खिलाफ हत्या का यह पहला मामला है जिसमें फैसला आया है।
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