बलुआ घाट हादसा: भ्रष्टाचार के आरोप में सहायक और अवर अभियंता निलंबित, एक शख्स की हुई है मौत
बलुआ घाट हादसे में एक मजदूर की मौत के बाद भ्रष्टाचार के आरोप में सहायक अभियंता और अवर अभियंता को निलंबित कर दिया गया है। यूपीपीसीएल के महाप्रबंधक और प्रोजेक्ट मैनेजर से स्पष्टीकरण मांगा गया है। इस मामले में कई और पर गाज गिरनी तय है। प्रोजेक्ट मैनेजर की तहरीर पर मेसर्स ओमप्रकाश पांडेय के खिलाफ धारा-106 अनैच्छिक हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। रामनगर बलुआघाट पर गजीबो (मंडपनुमा संरचना) का गुंबद का छत गिरने से एक मजदूर की मौत होने और भ्रष्टाचार के आरोप में उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) सहायक अभियंता (सहायक प्राेजेक्ट मैनेजर) दिलीप कुमार और अवर अभियंता रेनू जायसवाल को निलंबित कर दिया है।
यूपीपीसीएल के महाप्रबंधक दिनेश कुमार और प्रोजेक्ट मैनेजर प्रवीण कुमार शर्मा से स्पष्टीकरण मांगा गया है। इस मामले में कई और पर गाज गिरनी तय है। वहीं, प्रोजेक्ट मैनेजर की तहरीर पर मेसर्स ओमप्रकाश पांडेय के खिलाफ रामनगर थाने में धारा-106 अनैच्छिक हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है।
वहीं, मृतक मेवालाल के पुत्र दशमी ने रामनगर थाने में तहरीर दी है। घटना के दूसरे दिन शुक्रवार को जिलाधिकारी एस राजलिंगम की ओर से गठित चार सदस्यीय टीम ने मौका-मुआयना करने के साथ निर्माण सामग्री का नमूना लिया।
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रामनगर बलुआ घाट पर पर्यटन मंत्रालय की ओर से 10.50 करोड़ रुपये से 132 मीटर लंबा सुंदरीकरण कराया जा रहा है। पर्यटन विभाग ने यूपीपीसीएल को काम सौंपा है और कार्यदायी संस्था मेसर्स ओमप्रकाश पांडेय है। गुरुवार को दोपहर में बारिश के बाद अचानक गुंबद का छत भर भराकर गिर पड़ा।
अंदर बैठे चंदौली के रहने वाले 57 वर्षीय मेवालाल की दबने से मौत हो गई। पास के रहने वाले भाईलाल का कुत्ता भी बैठा था, वह भी चपेट में आ गया। दूसरे दिन शुक्रवार को शिवपुर में शव का पोस्टमार्टम होने के बाद परिजनों को सौंप दिया गया।
अंतिम संस्कार रामनगर स्थित शमशान घाट पर किया गया। बड़े बेटे दशमी ने पिता को मुखाग्नि दी। रामनगर थाना प्रभारी राजू सिंह ने बताया कि यूपीपीसीएल के अभियंता की तहरीर पर सोनभद्र के रहने वाले मेसर्स ओमप्रकाश पांडेय खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है।
चार सदस्यीय टीम को जांच में मिली कई खामियां
जिलाधिकारी एस राजलिंगम की ओर से अपर जिलाधिकारी (नगर) आलोक वर्मा के नेतृत्व में गठित टीम में लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता आशुतोष सिंह, सिंचाई विभाग मंडी प्रखंड के अधिशासी अभियंता राजेश यादव, ग्रामीण अभियंत्रण सेवा के अधिशासी अभियंता विनोद राय पहुंचे।
टीम ने बन रहे पक्का घाट, सीढ़ी, स्टोन छतरी, चेजिंग रूम, फ्लोर के साथ बाउंड्री की एक-एककर गुणवत्ता की जांच की। अभियंता को घाट निर्माण में सरिया की मोटाई मानक के अनुरूप नहीं मिली। पिलर की दूरी अधिक थी, पत्थरों की चौड़ाई 30 से 40 एमएम मिली जबकि चौड़ाई न्यूनतम 60 एमएम होनी चाहिए।
निर्माण में गिट्टी-बालू और सीमेंट का मिलावट सही नहीं थी। लाल बालू की जगह अहरौरा का भस्सी इस्तेमाल किया जा रहा था। अहरौरा की गिट्टी भी मिली। मौके पर अभियंताओं ने सवाल भी उठाया। वहीं, एडीएम सिटी ने निर्माण कार्य की पूरी वीडियोग्राफी कराई। इसके अलावा स्थानीय लोगों से बयान भी लिया।
एडीएम ने पूर्व जांच की तलब की रिपोर्ट
एडीएम सिटी ने जांच के दौरान पूर्व में जांच की गई रिपोर्ट तलब की। जांच में अनियमितता मिलने और उसके बाद भी गुणवत्ता में सुधार लाई गई या नहीं, इसकी भी जांच अलग से करने की बात कही। जांच के बाद उसमें सुधार नहीं लाने का मतलब योजना में मनमानी की गई है। जांच के बाद एडीएम सिटी ने तीनों गजीबो, दो चेचिंग रूम को लाल रस्सी घेरा कराने के साथ उसके आसपास जाने पर रोक लगा दिया।
कार्यदायी संस्था ने बरती लापरवाही
यूपीपीसीएल के प्राेजेक्ट मैनेजर प्रवीण कुमार शर्मा का कहना है कि टेंडर करने के साथ कार्यदायी संस्था के साथ अनुबंध होता है कि निर्माण कार्य के दौरान सुरक्षा मानकों का पूरा ध्यान रखा जाएगा। कोई घटना-दुर्घटना होने पर कार्यदायी संस्था जिम्मेदार होगी। फिर भी मौके पर सुरक्षा उपकरण नहीं लगाए गए थे। लापरवाही के चलते हादसा हुआ है। जांच रिपोर्ट आने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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पूर्व प्रोजेक्ट मैनेजर ने नहीं दिया ध्यान
चार दिसंबर-2023 को क्षेत्रीय विधायक ने रामनगर बलुआघाट पर निरीक्षण करने के साथ कई पूर्व प्रोजेक्ट मैनेजर शैलेश सिंह को गुणवत्ता में सुधार लाने का निर्देश दिया था। इतना ही नहीं, लोक निर्माण विभाग की जांच रिपोर्ट के बाद भी प्रोजेक्ट मैनेजर शैलेश सिंह ने नजर अंदाज कर दिया। एक फरवरी को आए प्रोजेक्ट मैनेजर प्रवीण कुमार शर्मा ने भी गुणवत्ता में सुधार लाने की बात कही लेकिन ठेकेदार मनमानी करता रहा।
फर्म का नाम छिपाने की कोशिश
घटना के दौरान कार्यदायी संस्था के कर्मचारी संग यूपीपीसीएल के अभियंता पहुंच गए थे। पुलिस के पूछने पर उन्होंने कार्यदायी संस्था मेसर्स ओमप्रकाश पांडेय की जगह जेपी कंस्ट्रक्शन नाम बताया। पुलिस ने जांच शुरू की तो फर्म का नाम सामने आ गया। पुलिस ने नाराजगी जाहिर की है।