Indian Railway: पलक झपकते ही अलर्ट भेजेगा डिवाइस, कंट्रोल रूम देखेगा लोको पायलट का हावभाव
बनारस रेल इंजन कारखाना 50 पैसेंजर लोकोमोटिव में पहली बार आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस आधारित रेलवे ड्राइवर अलर्ट सिस्टम इंस्टाल होगा। डिवाइस लोको पायलट की हर गतिविधि को रिकार्ड करेगा। चालत के पलक झपकने पर कंट्रोल रूम से आडियो संदेश जारी होगा। जिस पर सहायक लोको पायलट फीडबैक दे सकेंगे। रेलवे में सुरक्षित सफर के लिए कई आधुनिक इंतजाम किए जा रहे हैं।
संग्राम सिंह, वाराणसी। ट्रेन हादसों में कमी लाने के नए प्रयास शुरू हुए हैं। बनारस रेल इंजन कारखाना 50 पैसेंजर लोकोमोटिव का निर्माण करने जा रहा है। इंजन की ड्राइवर सीट के सामने आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक आधारित रेलवे ड्राइवर अलर्ट सिस्टम इंस्टाल किया जाएगा। डिवाइस लोको पायलट की हर गतिविधि को रिकार्ड करेगा। वह देखेगा कि चालक ने कितनी बार पलक झपकाया। उसके सोने या फिर मोबाइल के इस्तेमाल का डाटा हर पल कंट्रोल रूम को भेजेगा। पलक झपकने की स्थिति में तुरंत कंट्रोल रूम की तरफ से सहायक लोको पायलट को आडियो संदेश आएगा।
नींद लगने पर अगले स्टेशन पर उतार दिया जाएगा चालक
मुख्य चालक को संदेश के विषय में अवगत कराया जाएगा। अगर उसे नींद लग रही होगी तो उसे अगले स्टेशन पर उतार दिया जाएगा। दूसरे लोको पायलट की तैनाती होगी। कंट्रोल रूम लोको पायलट का हावभाव रिकार्ड कर सकेगा। संदेश के अनुपालन में कार्रवाई का फीडबैक सहायक लोको पायलट को देना होगा। सुरक्षित सफर के लिए इंजन में कई आधुनिक इंतजाम भी किए जा रहे हैं।
अभी तक ये है व्यवस्था
अभी तक ओवरहेड लाइन में खराबी आने पर इंजन और बोगी की बिजली आपूर्ति ठप हो जाती है, लेकिन इस लोकोमोटिव में 250 किलोवाट क्षमता की बैट्री होगी। इसके जरिए ट्रेन को कुछ दूरी तक ले जाया जा सकेगा। करीब एक घंटे तक सभी बोगी में बिजली आपूर्ति की जा सकेगी। एसी, पंखा व प्रकाश समेत दूसरी व्यवस्था बाधित नहीं होगी।
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मालगाड़ी के 500 इंजन निर्माण को बनाएंगे 900 मीटर लंबा ट्रैक
बरेका में यात्री व मालगाड़ी इंजनों का निर्माण शीघ्र शुरू होगा। 21 नवंबर को टेंडर फाइनल करने की तारीख तय हुई है। 50 पैसेंजर और 500 मालगाड़ी के इंजन बनाने के लिए तैयारी आरंभ हो चुकी है। इंजन की डिजाइन निजी कंपनी बनाएगी। इंजनों का निर्माण पांच साल में पूरा करना होगा। बरेका परिसर में तीन गोदाम बनेंगे। इसके अलावा अतिरिक्त शेड, टेस्टिंग पिट, शावर टेस्टिंग व लोकाे कपलिंग शेड भी बनाया जाएगा। एक ट्रैवसर की व्यवस्था होगी। कई तरह की नई सुविधाएं विकसित की जाएंगी। दो किलोमीटर सड़क और 900 मीटर लंबा नया रेलवे ट्रैक बनाया जाएग। लोकोमोटिव बनाने के बाद करीब 35 साल तक इंजन की देखरेख करनी होगी। कानपुर इलेक्ट्रिक शेड और साबरमती डीजल शेड अहमदाबाद में मालगाड़ी के इंजनों की मरम्मत की जाएगी।
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कब कितने लोकोमोटिव की आपूर्ति होगी
साल मालगाड़ी इंजन यात्री इंजन
पहला 05 01
दूसरा 45 04
तीसरा 150 15
चौथा 150 15
पांचवां 150 15
कुल योग 500 50
अधिकारी बोले
बनारस रेल इंजन कारखाना के वरिष्ठ उप महाप्रबंधक विजय ने कहा कि पैसेंजर और मालगाड़ी के इंजन बनाने के लिए कंपनी चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। कई तकनीकी खूबियों की वजह से लोकोमोटिव को सुरक्षित बनाया जा रहा है। इस समय इंजन की डिजाइन तैयार करने की दिशा में ध्यान है।