Chandra Grahan 2022 : काशी में ग्रहण के दौरान मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे, इन राशियों पर बुरा प्रभाव
Chandra Grahan 2022 चंद्र ग्रहण के पूर्व सुबह 8.10 बजे से ही सूतक काल की शुरुआत होने के साथ ही मंदिरों के कपाट बंद हो गए। अब ग्रहण का समय बीतने के बाद ही मंदिरों के कपाट खुलेंगे।
By Abhishek SharmaEdited By: Updated: Tue, 08 Nov 2022 08:53 AM (IST)
वाराणसी, जागरण संवाददाता। कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर मंगलवार को खग्रास चंद्रग्रहण की वजह से सुबह से ही चंद्रग्रहण के पूर्व आस्थावानों ने अपने मान के अनुसार गंगा स्नान और दान की परंपरा का निर्वहन किया। इस बार भरणी नक्षत्र, मेष राशि पर लग रहा ग्रस्तोदित चंद्र ग्रहण संपूर्ण भारत के साथ दुनिया के कुछ हिस्सों में नजर आएगा। इसका कुछ राशियों पर बुरा तो कुछ पर बेहतर असर पड़ रहा है।
चंद्र ग्रहण का समय
ग्रहण की शुरुआत दिन में 2.39 बजे, मध्य शाम 4.29 बजे और मोक्ष काल शाम 6.19 बजे हो जाएगा। काशी सहित देश में चंद्रमा ग्रहण के ग्रस्त होने के बाद उदित होगा। इसका अर्थ यह है कि ग्रस्तोदित खग्रास चंद्रग्रहण चंद्रोदय के समय 5.10 बजे दृश्य और मोक्ष 6.19 बजे होगा। ग्रहण की अवधि कुल 1.09 घंटे ही होगी। इसका ग्रासमान 1.363 होगा।
खग्रास ग्रहण का राशियों प्रभाव
इस बार मंगलवार को पड़ने वाला चंद्रग्रहण कई राशियों के लिए नुकसानदायक साबित होने जा रहा है। ग्रहण से मेष राशि वालों के लिए घात का असर, वृष राशि के लिए हानि की संभावना, मिथुन राशि के लिए लाभ संभव, कर्क राशि के लिए सुखदायक, सिंह राशि के लिए मान का नाश, कन्या राशि के लिए मृत्यु तुल्य कष्टकारी, तुला राशि के लिए स्त्री को पीड़ा, वृश्चिक राशि को सुख की प्राप्ति, धनु राशि के लिए मानसिक चिंता, मकर राशि के लिए व्यथा, कुंभ राशि के लिए श्री की प्राप्ति और मीन राशि वालों के लिए यह चंद्रग्रहण क्षति देने वाला साबित हो सकता है। वहीं मेष राशिवालों को चंद्रग्रहण के दौरान बाहर नहीं निकलना चाहिए और कुछ भी अन्न ग्रहण नहीं करना चाहिए।ग्रहण पर बोले ज्योतिष
काशी हिंदू विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष प्रो. गिरिजाशंकर शास्त्री के अनुसार चंद्रग्रहण से नौ घंटे पूर्व सूतक काल प्रात: 8.10 बजे शुरू होगा। सूतक काल शुरू होने के साथ ही तमाम मठ मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए। वहीं सुबह आठ बजे तक आस्थावानों ने कार्तिक पूर्णिमा का मान होने की वजह से स्नान के बाद मंदिरों में दर्शन पूजन और दान पुण्य भी किया। वहीं गर्भवती स्त्रियों को ग्रहण के शुरू होने से खत्म होने तक नियम संयम से रहने और ग्रहण न देखने की भी बात ज्योतिषियों ने कही है। ग्रहण काल में अपने ईष्ट के आराधना का मान है।
चंद्र ग्रहण का असर
चंद्र ग्रहण एशिया, उत्तरी तथा दक्षिणी अमेरिका, आस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर में दिखाई देगा। भारत में यह ग्रहण सर्वप्रथम डिब्रूगढ़, कोहिमा, तमिलांग आदि जगहों पर दिखाई देगा। ज्योतिषाचार्य पं. ऋषि द्विवेदी बताते हैं कि यह ग्रहण एक पखवारे में दूसरा पड़ रहा है। ग्रहण एक खगोलीय घटना है जिसका नकारात्मक प्रभाव धरती वासियों पर पड़ता है। शास्त्र अनुसार ग्रहण के पूर्व 15 दिन व ग्रहण के पश्चात के 15 दिनों बाद प्रभाव विशेष होता है।प्रमुख मंदिरों के कपाट बंद होने का समय
चंद्रग्रहण के कारण मंगलवार को श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में बाबा के गर्भगृह समेत समस्त विग्रहों के पट दोपहर 3.30 से 6.30 बजे तक बंद रहेंगे। वहीं अन्नपूर्णा मंदिर दोपहर तीन से शाम सात बजे तक बंद रहेगा। संकट मोचन मंदिर के कपाट सुबह 8.10 बजे ही बंद हो जाएंगे। सायंकाल मोक्ष के बाद दर्शन पूजन शुरू होगा।श्रृंगारिया शेखर सरन उपाध्याय के अनुसार विंध्याचल में आठ नवंबर, मंगलवार को चंद्र ग्रहण के दौरान मां विंध्यवासिनी मंदिर शाम पांच बजे से 6:30 बजे तक बंद रहेगा। दर्शनार्थियों के लिए ग्रहण के बाद गंगाजल धूप दीप दिखा कर मंदिर का कपाट खोला जाएगा।
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