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    बीएचयू में कृषि विज्ञान संस्थान के पुराछात्रों के योगदान से निर्मित अतिथि गृह का कुलपति ने किया उद्घाटन

    By Abhishek sharmaEdited By: Abhishek sharma
    Updated: Sun, 02 Nov 2025 06:28 PM (IST)

    काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में कृषि विज्ञान संस्थान के पूर्व छात्रों के सहयोग से बने पहले अतिथि गृह का उद्घाटन हुआ। कुलपति प्रो. अजित कुमार चतुर्वेदी ने 'आभा' द्वारा निर्मित इस गेस्ट हाउस का उद्घाटन किया। लगभग 4000 पूर्व छात्रों के आर्थिक सहयोग से बने इस गेस्ट हाउस में 17 कमरे हैं। कुलपति ने इसे बीएचयू के इतिहास का मील का पत्थर बताया और 'आभा' की टीम को बधाई दी।

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    जागरण संवाददाता, वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय में पुराछात्रों के योगदान से निर्मित पहले अतिथि गृह (गेस्ट हाउस) का उद्घाटन महामना मालवीय की सामुदायिक सेवा की परंपरा को आगे बढ़ाने का एक ऐतिहासिक क्षण बन गया।

    कुलपति प्रो. अजित कुमार चतुर्वेदी ने रविवार को कृषि विज्ञान संस्थान के पुरा विद्यार्थियों की संस्था - आभा (Alumni Association of BHU Agriculture) द्वारा निर्मित अतिथि गृह का उद्घाटन किया।

    इस अवसर पर कई विशिष्ट अतिथियों ने अपनी उपस्थिति से इसे यादगार बनाया। कृषि विज्ञान संस्थान के लगभग 4000 पुरात्तन विद्यार्थियों के आर्थिक सहयोग से निर्मित यह अतिथि गृह लगभग 1000 वर्ग मीटर में फैला है। इसमें 17 कमरे और भोजन कक्ष के साथ-साथ आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं।

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    उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कुलपति ने कहा, “यह बीएचयू के इतिहास का एक मील का पत्थर है। इतने लोगों ने मिलकर इस पहल को शुरू किया, उसे बनाए रखा और आज साकार किया- यह वास्तव में प्रेरणादायक है।” उन्होंने आभा की टीम को बधाई देते हुए कहा कि यह दिखाता है कि यदि सब एक साथ और ईमानदारी से कार्य करें, तो असंभव भी संभव हो सकता है। प्रो. चतुर्वेदी ने कहा कि बीएचयू ने यह दिखाया है कि दान और पूर्व विद्यार्थियों के सहयोग से कैसे शैक्षणिक संस्थान आत्मनिर्भर बन सकते हैं।

    आभा अतिथि गृह के बारे में उन्होंने कहा कि यह योगदान का एक नया स्वरूप है, जो पहली पीढ़ी के सफल पुरा विद्यार्थियों से उनके संस्थानों को प्राप्त हो रहा है। कुलपति जी ने दिवंगत श्री मंडावा वेंकटा रमय्या तथा श्री एम. प्रभाकर राव के चित्रों का अनावरण किया।

    कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, एम. प्रभाकर राव, अध्यक्ष, नुज़ीवेडु सीड्स ने कहा कि बीएचयू अन्य विश्वविद्यालयों से अलग है क्योंकि यहां महामना मालवीय की भावना महसूस होती है। उन्होंने कहा, “यह भावना हमें याद दिलाती है कि हमें समाज के प्रति अपने योगदान को निरंतर जारी रखना चाहिए।”

    कृषि विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. यू. पी. सिंह ने कहा कि आभा अतिथि गृह बीएचयू का पहला पुरा छात्र-निर्मित अतिथि गृह है, जो महामना की सामुदायिक सेवा की विरासत का सशक्त उदाहरण है।

    आभा सचिव प्रो. एस. के. सिंह ने बताया कि आभा एक पंजीकृत संस्था है, जिसकी स्थापना वर्ष 2006 में हुई थी। उन्होंने बताया कि इस अतिथि गृह के निर्माण के लिए लगभग 4000 पूर्व छात्रों ने योगदान दिया है।

    अतिथि गृह के संरक्षक डॉ. तरुण वर्मा ने एम. वेंकटा रमय्या का परिचय प्रस्तुत किया। डॉ. बेथी गोपाल रेड्डी ने कहा कि यह अतिथि गृह बीएचयू कृषि के पुराछात्रों की एकता और सामूहिक शक्ति का प्रतीक है। डॉ. एम. प्रभाकर राव ने अतिथि गृह परिसर में ‘सीड ऑफ इन्फिनिटी’ कलाकृति का अनावरण किया। यह कलाकृति काशी की आध्यात्मिक ऊर्जा को दर्शाती है।

    प्रो. एम. के. सिंह ने कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों का औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अफज़ल अहमद ने किया। उद्घाटन के पश्चात द्वितीय सत्र में देश भर से आए कृषि विज्ञान संस्थान के पुरा छात्रों का सम्मान समारोह भी आयोजित किया गया।