BHU News: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के चार ख्यात सेंटर बंद, दो का विलय; बवाल के बाद लिया गया निर्णय
BHU News बीएचयू में बड़ा फैसला चार ख्यात सेंटरों को बंद करने और दो का विलय करने का निर्णय। अनुवाद अध्ययन केंद्र राज्य सरकार और संघवाद केंद्र जनसंख्या अध्ययन केंद्र और खाद्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी केंद्र को बंद किया जाएगा। हाइड्रोजन ऊर्जा केंद्र को भौतिकी विभाग और नेपाल अध्ययन केंद्र को राजनीति विज्ञान विभाग में मिलाया जाएगा। जानिए पूरी खबर।
संग्राम सिंह, जागरण वाराणसी। महामना की बगिया में दशकों पहले स्थापित केंद्रों को बंद करने का सिलसिला जारी है। मालवीय गंगा अध्ययन केंद्र को बंद करने के बाद विवाद थमा नहीं था कि अब बीएचयू की अकादमिक परिषद ने छह ख्यात सेंटरों का अस्तित्व समाप्त करने का बड़ा निर्णय लिया है।
कला संकाय के अनुवाद अध्ययन केंद्र, सामाजिक विज्ञान संकाय के राज्य सरकार और संघवाद केंद्र, सांख्यिकी विभाग के जनसंख्या अध्ययन केंद्र और खाद्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी केंद्र को बंद कर दिया गया है। इन सेंटरों का नाम विवि के पोर्टल से हटाया जाएगा। इन केंद्रों पर पूर्व में बड़ी संख्या में छात्रों द्वारा शोध व अनेक पाठ्यक्रम का अध्ययन हो रहा था।
इसके अलावा हाइड्रोजन ऊर्जा केंद्र को भौतिकी विभाग और नेपाल अध्ययन केंद्र को राजनीति विज्ञान विभाग में विलय करने के आदेश किए गए हैं। हाइड्रोजन केंद्र बंद करने के पीछे विश्वविद्यालय का अजीब तर्क है कि यह केंद्र पूर्व प्रोफेसर ओएन श्रीवास्तव के निधन के के कारण बाहरी संसाधन जुटाने की स्थिति में नहीं है।
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सितंबर 2023 में कुलपति, रजिस्ट्रार, वित्त अधिकारी व केंद्रों के समन्वयक की तरफ से विवि के केंद्रों की उपयोगिता को लेकर अध्ययन कराया गया था। पूर्व रेक्टर प्रो. कमल शील, वित्त विभाग के पूर्व डीन प्रो. एके श्रीवास्तव की ओर से केंद्रों के अधिदेश, वित्तीय स्थिति और अकादमिक योगदान को लेकर रिपोर्ट प्रस्तुत की गई थी।
बीएचयू के रजिस्ट्रार प्रो. अरुण कुमार सिंह ने अकादमिक परिषद की बैठक में समिति की सिफारिशें प्रस्तुत करते हुए कहा कि विवि से संबंधित अध्यादेशों की डी.लिट और डी.एससी डिग्री में कठोरता का अभाव है और यह पीएचडी डिग्री से भी उच्च है। दोनों डिग्री के लिए पंजीकृत उम्मीदवार पंजीकरण के बाद एक वर्ष के भीतर थीसिस जमा करता है, जो किसी भी प्रभावशाली शोध परिणाम के लिए बहुत कम अवधि है।
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1 : अनुवाद अध्ययन केंद्र, कला संकायकारण : सरकारी अनुदान बंद हो गया है, लंबे समय से कोई बड़ी गतिविधि नहीं होने के कारण बंद किया गया।2 : नेपाल अध्ययन केंद्र, सामाजिक विज्ञान संकायकारण : अंतरराष्ट्रीय संबंध और कूटनीतिक पहलुओं को देखते हुए केंद्र को राजनीति विज्ञान विभाग में विलय जाएगा।
3 : राज्य सरकार और संघवाद केंद्र, राजनीति विज्ञान विभागकारण : लंबे समय से कोई गतिविधि नहीं हुई है, इसलिए केंद्र को बंद कर दिया जाए।4 : जनसंख्या अध्ययन केंद्र, सांख्यिकी विभाग कारण : इसकी शुरुआत जनसांख्यिकी अनुसंधान केंद्र के रूप में हुई थी। वर्तमान में यह केवल सांख्यिकी पर केंद्रित एकल अनुशासन केंद्र है। केंद्र के अनुसंधान-कार्य समूह के सभी छह सदस्य सांख्यिकी विभाग से हैं। यह अपनी कोई वार्षिक रिपोर्ट नहीं निकालता है और इसकी गतिविधियों को सांख्यिकी की विभागीय रिपोर्ट में प्रस्तुत किया जाता है। इसलिए केंद्र को बंद करते हुए सांख्यिकी विभाग में विलय किया जाए।
5 : खाद्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी केंद्र कारण: इसका नाम बदलकर खाद्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग कर दिया गया है, इसलिए केंद्र को बंद कर दिया गया है।
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