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चंदौली जिले से दुबई भेजा गया काला चावल का सैंपल, किसानों में जगी लाभ की उम्मीद

उद्यम प्रोत्साहन केंद्र ने दुबई व प्रयागराज की कंपनी से संपर्क साधा। दोनों कंपनियों ने काला चावल खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है। दुबई की कंपनी ने 85 टन अनाज खरीदने का भरोसा दिलाया है। वहीं प्रयागराज की कंपनी ने 25 टन की डिमांड बताई है।

By Abhishek SharmaEdited By: Updated: Sat, 26 Jun 2021 03:51 PM (IST)
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उद्यम प्रोत्साहन केंद्र ने दुबई व प्रयागराज की कंपनी से संपर्क साधा।
चंदौली [जितेंद्र उपाध्याय]। किसानों के यहां डंप पड़े काला चावल की बिक्री की उम्मीद जगी है। उद्यम प्रोत्साहन केंद्र ने इसके लिए प्रयास किया। दुबई की लियास अंसारी जनरल ट्रेडिंग कंपनी ने ब्लैक राइस खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है। कंपनी के प्रतिनिधियों की डिमांड पर जिले से इसका सैंपल दुबई भेजा गया है। प्रयागराज की कंपनी ग्रीन फोर प्रोड्यूसर लिमिटेड ने भी 25 टन की डिमांड बताते हुए नमूना मांगा है। विभाग इस कंपनी को सैंपल भेजने की तैयारी कर रहा। सब कुछ ठीक रहा तो चंदौली का काला चावल खाड़ी देशों में भी अपने स्वाद और सुगंध के लिए मशहूर होगा।

पांच सौ हेक्टेयर में हुई है खेती

कृषि प्रधान जिले में लगभग एक हजार किसानों ने 500 हेक्टेयर में काला चावल की खेती की। इस बार कोरोना की वजह से काला चावल की बिक्री नहीं हो सकी। 475 किसानों के यहां लगभग 11 सौ क्विंटल धान डंप पड़ा है। कुछ किसानों ने इसकी दराई भी करा ली लेकिन कोरोना की वजह से उसके खरीदार नहीं मिले।

उद्यम प्रोत्साहन केंद्र का प्रयास

उद्यम प्रोत्साहन केंद्र ने दुबई व प्रयागराज की कंपनी से संपर्क साधा। दोनों कंपनियों ने काला चावल खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है। दुबई की कंपनी ने 85 टन अनाज खरीदने का भरोसा दिलाया है। वहीं प्रयागराज की कंपनी ने 25 टन की डिमांड बताई है। कंपनियों के प्रतिनिधियों ने सैंपल ओके कर दिया तो कीमत पर चर्चा होगी। कृषि लागत, धान की दराई कराकर चावल तैयार करने, पैंकिंग और ट्रांसपोर्टेशन खर्च को जोड़कर ही चावल की कीमत तय की जाएगी, ताकि किसानों को किसी तरह की क्षति न होने पाए। 

सर्वे के बाद इन कंपनियों से खींचे हाथ

केआरबीएल (खुशी राम बिहारी लाल) कंपनी के अलावा कृषि उत्पाद खरीदने वाली अन्य कई कंपनियों ने भी फसल तैयार होने के वक्त सर्वे किया था। किसानों की फसल जैसे ही कटकर तैयार हुई, तब तक कोरोना ने दस्तक दे दी। इससे मामला लटक गया। इन कंपनियों ने धान खरीदने से इनकार कर दिया। 

आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड हो चुका निर्यात

एंथ्रोसाइनिन, फाइबर, विटामिन ई, जिंक और आयरन की मात्रा से भरपूर चंदौली का काला चावल पिछले साल आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड निर्यात हो चुका है। गाजीपुर की निजी कंपनी ने किसानों से धान खरीदकर दराई कराकर चावल का निर्यात आस्ट्रेलिया व न्यूजीलैंड किया था। किसानों को 82 रुपये प्रति किलो मूल्य मिला था। खाड़ी देशों की कंपनियों से डील फाइनल हुई तो किसान मालामाल हो जाएंगे।

बोले अधिकारी : दुबई व प्रयागराज की कंपनियों ने काला चावल खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है। कंपनियों की डिमांड पर काला चावल का सैंपल भेजा गया है। जल्द ही डील फाइनल होने की उम्मीद है। -गौरव मिश्रा, उपायुक्त, उद्योग।

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