गाजीपुर में उसरी चट्टी हत्याकांड मामले में भारी सुरक्षा-व्यवस्था के बीच कोर्ट में पेश हुए ब्रजेश सिंह
गाजीपुर में अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम /एमपी/एमएलए कोर्ट राम सुधार सिंह की अदालत में मुहम्मदाबाद के 21 वर्ष पुराने बहुचर्चित उसरी चट्टी हत्याकांड मामले के आरोपित ब्रजेश सिंह मंगलवार को सुबह भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पेश हुए।
गाजीपुर, जागरण संवाददाता : अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम/एमपी/एमएलए कोर्ट रामसुध सिंह की अदालत में मुहम्मदाबाद के 21 वर्ष पुराने उसरी चट्टी पर मुख्तार अंसारी पर हमला के मामले में आरोपित बृजेश सिंह की कड़ी सुरक्षा के बीच पेशी हुई। वहीं दूसरे आरोपित त्रिभुवन सिंह को मीरजापुर जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पेश किया। अभियोजन की तरफ से मंगलवार को गवाह रमेश राम की गवाही पर करीब दो घंटे जिरह हुई, लेकिन पूरी नहीं हो सकी। कोर्ट ने जिरह के लिए 13 सितंबर की तिथि नियत की है।
15 जुलाई 2001 को मऊ जाने के दौरान उसरी चट्टी पर पहले से घात लगाए हमलावरों ने मुख्तार अंसारी के काफिले पर स्वचालित हथियारों से फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें मुख्तार अंसारी के सरकारी गनर रामचंदर उर्फ प्रदीप की मौके पर मौत हो गई थी। वहीं घायल रुस्तम उर्फ बाबू की इलाज के दौरान मौत हो गई। फायरिंग में हमलावरों में से भी एक की मौत हो गई थी।
मुख्तार अंसारी के साथ चलने वाले हमराहियों को भी चोट आई थी। मामले में मुख्तार ने बृजेश सिंह व त्रिभुवन सिंह को नामजद करते अन्य 15 अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था। विवेचना उपरांत पुलिस ने चार लोगों के विरुद्ध आरोप पत्र प्रेषित किया। जिसमें से दो आरोपितों की विचारण के दौरान मौत हो गई।
मुकम्मल थी सुरक्षा व्यवस्था : बृजेश सिंह की पेशी के समय पूरे कोर्ट परिसर में पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया था। एसपी आफिस के पास बैरिकेडिंग कर सभी वाहनों को रोक दिया गया था। किसी को भी न्यायालय परिसर के तरफ नहीं जाने दिया जा रहा था। इसके अलावा जिस कोर्ट में बृजेश सिंह की पेशी थी, उस कोर्ट को पुलिसकर्मी चारों तरफ से घेरे हुए थे।
देवकली पंप कैनाल लूटकांड में बृजेश के खिलाफ गवाह का बयान दर्ज
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शरद कुमार चौधरी के न्यायालय में मंगलवार को देवकली पंप कैनाल लूटकांड का गवाह अफरोज खां जिला जेल से गवाही के लिए पेश हुआ। वहीं आरोपित बृजेश सिंह भी अदालत में हाजिर थे। इनकी मौजूदगी में अफरोज का बयान अंकित किया गया और जिरह की कार्यवाही शुरू की गई। जिरह पूरी नहीं होने पर कोर्ट ने अगली तिथि 13 सितंबर नियत की है। इधर गवाह ने अपनी सुरक्षा मुहैया कराने के बाबत अर्जी दी थी जिसपर सात सितंबर को सुनवाई होगी।
तीन दिसंबर 1990 को सुबह 7:30 बजे सरफराज अंसारी सैदपुर क्षेत्र में नहर निर्मित कार्य कर रहा था। इसी बीच एक नीली मारुति कार से आरोपित त्रिभुवन सिंह, विजयशंकर सिंह, बृजेश सिंह व राइफल से लैस दो अज्ञात व्यक्ति आए और पकड़कर मारने-पीटने लगे। सरफराज के बैग में रखे रुपये को छीन लिए और दहशत पैदा करके मजदूरों को भगा दिए। इसके बाद साइट पर खड़ी ट्रक के टायर में गोली मार कर फाड़ दिए। सरफराज की सूचना पर सैदपुर में आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज हुआ। उसी मुकदमे में मंगलवार को अफरोज खां की गवाही हुई। अफरोज खां किसी अन्य मामले में जिला कारागार में निरुद्ध चल रहा है।