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भदैनी हत्‍याकांड: सॉफ्टवेयर डेवलपर बना पुलिस के लिए पहेली, सीसीटीवी कैमरों को भी दे गया चकमा

उत्‍तर प्रदेश के वाराणसी में बीते द‍िनों एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया था। यहां भदैनी में हुए पांच हत्याओं के मामले में आरोपी विशाल गुप्ता को पकड़ना पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ है। कंप्यूटर और सॉफ्टवेयर का विशेषज्ञ होने के कारण विशाल ने पुलिस को चकमा दे रखा है। अहमदाबाद मुंबई और तमिलनाडु में पुलिस टीमें उसकी तलाश कर रही हैं।

By Rakesh Srivastava Edited By: Vivek Shukla Updated: Sat, 09 Nov 2024 03:26 PM (IST)
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भेलूपुर थाना अंतर्गत बरेली क्षेत्र में पांच की हत्या के बाद जांच करती पुलिस । जागरण
जागरण संवाददाता, वाराणसी। पांच हत्याओं के आरोपित विशाल गुप्ता को पकड़ना पुलिस के लिए आसान भी नहीं होगा।कंप्यूटर और साफ्टवेयर का विशेषज्ञ हत्यारोपित विशाल गुप्ता के वाराणसी आने पर उसके स्वजन मुहर पहले ही लगा चुके हैं। पांच हत्याओं से दहली पुलिस छानबीन के बाद आरोपित के पीछे दौड़ी तो गिरफ्तारी के लिए पसीने भी खूब बहाई। लेकिन पांच नवंबर को हुई नृशंस हत्या में उच्चाधिकारियों के सीधी मानीटरिंग के बाद भी आरोपित हाथ नहीं आ सका है।

अहमदाबाद, मुंबई, तमिलनाडु में पुलिस टीमें खाक छान रहीं हैं। यह जरूर है कि पुलिस के रडार चौतरफा काम कर रहे, जिसमें फंसने के लिए विशाल के एक गलती करने का इंतजार है। विशाल ने तमिलनाड़ से वर्ष 2017 की जुलाई माह में एमसीए की डिग्री हासिल की थी।

अहमदाबाद में बनाता था ‘एप’

पुलिस को इस बात की जानकारी हो गई है कि विशाल का तीन माह पूर्व तक ठिकाना अहमदाबाद था। इसलिए उम्मीद लिए गई थी कि वहां से कुछ क्लू मिलेगा। पुलिस टीम अहमदाबाद गई भी, लेकिन उसके हाथ ज्यादा कुछ नहीं लग पाया।यह जरूर जानकारी हुई कि वह साफ्टवेयर डेवलपर है। वह कंपनियों के लिए ‘एप’ तैयार करता था।

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चार मोबाइल नंबर रखता था, अंतिम को 24 अक्टूबर को किया बंद

पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है कि विशाल उर्फ विक्की चार मोबाइल नंबर प्रयोग करता था। लेकिन उसने धीरे-धीरे करके मोबाइल से दूरी बना ली। उसने अपना अंतिम मोबाइल का प्रयोग 24 अक्टूबर को किया था।

हत्यारोपित विशाल गुप्ता की लेटेस्ट फोटो : स्रोत इंटरनेट मीडिया


रोहनिया और भदैनी में दो घंटे के अंतराल पर गरजी होंगी गोलियां

एक ही परिवार के पांच लोगों की हत्या मामले में शवों का पाेस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पुलिस नए सिरे से सीसीटीवी फुटेज को खंगालना शुरू की है। इस बात की आशंका है रोहनिया के रामपुर लठिया में राजेंद्र के सिर और सीने में रात के एक बजे के करीब गोली दागी गई होगी, जबकि भदैनी में नीतू, नमनेंद्र, शिवेंद्र और गौरांगी की हत्या तड़के चार से पांच बजे के बीच की गई होगी।

शवों से आ रहे दुर्गंध के आधार पर भी पुलिस के जानकार इस नतीजे तक पहुंचे हैं। हत्या के दोनों ही समय को आधार बनाकर पुलिस सीसीटीवी फुटेज को खंगालना शुरू की है।

अबुझ पहेली बना वारदात में प्रयुक्त रास्ता

रोहनिया और भदैनी में हुई हत्याओं को पुलिस चुनौती मानकर काम कर रही है। अधिकारी इंस्पेक्टर, दारोगा से अपनी सीधी मानीटिरंग में काम कर रहे हैं। पुलिस 100 से ज्यादा कैमरों के वीडियो फुटेज खंगाल चुकी होगी, लेकिन नतीजा सिफर।ऐसे में पुलिस समझ नहीं पा रही कि आखिर बदमाश वारदात के लिए पहुंचने और भागने के लिए कौन सा रास्ता चुना होगा।

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अब खाकी के रडार पर किराएदार

पुलिस अब पांच हत्याओं के कनेक्शन किराएदारों से जोड़कर जांचना चाह रही है। पुलिस इंस्पेक्टर विजय शुक्ल एक-एक किराएदार से संपर्क कर उनका मोबाइल नंबर नोट कर रहे थे। हालांकि पुलिस अधिकारी इसे जांच का हिस्सा बता रहे हैं।

असल में जिस राजेंद्र गुप्ता और उसके परिवार की गोली मारकर हत्या की गई है, उसका कारोबार ही किराएदारी थी। पुलिस के आए दिन जांच के नए-नए तरीके से किराएदार भी परेशान है। हालांकि, किराएदारों का यह भी कहना है कि बड़ी घटना हुई है, तो जांच करेगी ही।

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