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मऊ सदर में बसपा प्रदेश अध्‍यक्ष भीम राजभर तीसरे स्‍थान पर, सुभासपा ने बसपा उम्‍मीदवार पर बनाई बढ़त

Mau sadar Election Result 2022 मऊ जिले में बसपा के प्रदेश अध्‍यक्ष भीम राजभर उम्‍मीदों से काफी कम प्रदर्शन कर पाए और वह दोपहर तक आए परिणाम में सुभासपा और भाजपा उम्‍मीदवार के बाद तीसरे स्‍थान पर रहे।

By Abhishek SharmaEdited By: Updated: Thu, 10 Mar 2022 02:34 PM (IST)
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मऊ सदर से बसपा प्रदेश अध्‍यक्ष तीसरे स्‍थान पर हैं।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। पूर्वांचल के मऊ जिले की सियासी लड़ाई और दिलचस्प होती जा रही है। कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा यहां पर दांव पर लग गई है। इसमें प्रमुख नाम बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भीम राजभर का भी है। मऊ सदर (356) के 14वें राउंड के परिणाम में भाजपा के अशोक सिंह को 33714 वोट, 

सुभासपा के अब्बास अंसारी को 49346 वोट और बसपा के भीम राजभर को 12601 वोट मिल सका था। प्रदेश में बसपा का प्रदर्शन काफी कमजोर होने के साथ ही पार्टी के प्रदेश अध्‍यक्ष का भी प्रदर्शन पार्टी के लिए निराशाजनक है। 

बसपा के प्रदेश अध्‍यक्ष उत्तर प्रदेश विधानसभा सामान्य चुनाव 2022 में गुरुवार को चल रही मतगणना में बहुत पीछे चल रहे हैं। 12वें राउंड की गिनती में उन्हें मात्र 11875 ही वोट मिले थे। वहीं माफिया मुख्तार अंसासी के बेटे समाजवादी पार्टी गठबंधन के सुभासपा से खड़े अब्बास यहां लड़ाई में उनसे आगे हैं। यह सीट मुख्तार का गढ़ मानी जाती थी, लेकिन अभी तक नतीजों पर गौर किया जाएं तो दोपहर तक रूझान सुभासपा और भाजपा के ही पक्ष में बनता बिगड़ता रहा।

मालूम हो कि भीम राजभर को 2012 के विधानसभा चुनाव में बसपा ने मऊ सदर विधानसभा सीट से अपना प्रत्याशी बनाया था। यह बसपा के लिए कठिन दौर था, क्योंकि उसी समय बसपा में रहे बाहुबली अंसारी बंधु मुख्तार व अफजाल ने बगावत कर कौमी एकता दल का गठन किया था। इससे पूर्वांचल की राजनीति काफी प्रभावित हुई थी। मुख्तार अंसारी ने अपने दल से चुनाव लड़ा और बसपा के प्रत्याशी भीम राजभर को 5,904 वोटों से मात दी थी। इस सीट पर मुस्लिमों के निर्णायक होने के बावजूद अच्छी लड़ाई लड़ी थी। उसके बाद राजभर को आजमगढ़ मंडल का जोनल कोआर्डिनेटर बनाया गया था।

भीम राजभर का जन्म 3 सितंबर 1968 में को मऊ जनपद के कोपागंज ब्लाक के मोहम्मदपुर बाबूपुर गांव में हुआ था। भीम राजभर ने अपनी प्राथमिक शिक्षा-दीक्षा महाराष्ट्र से और सेकेंड्री शिक्षा नागपुर से किया। इनके पिता रामबली राजभर कोल्ड फील्ड में सिक्योरिटी इंचार्ज के पद पर नौकरी कर रहे थे। उन्होंने 1985 में ग्रेजुएशन किया और 1987 में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। एलएलबी पास भीम ने एक अधिवक्ता होने के साथ बसपा से ही अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत साल 1985 में की थी। वे बसपा के मऊ जिलाध्यक्ष भी रहे हैं। 2017 में भाजपा के प्रचंड बहुमत के बाद बसपा के बड़े नेताओं ने पाला बदला तो बसपा ने भीम राजभर को प्रदेश अध्यक्ष बनाया।

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