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'लांग हॉल' से सुधरेगी ट्रेनों की लेटलतीफी, ट्रैक कंजेशन में मिलेगी मदद

त्तर रेलवे लखनऊ मंडल के अंतर्गत कैंट स्टेशन प्रबंधन ने लांग हॉल फार्मूले को लागू करने का फैसला किया है। इस फार्मूले के तहत दो मालगाडिय़ों को एक साथ जोड़कर चलाया जा रहा है।

By Abhishek SharmaEdited By: Updated: Tue, 26 Feb 2019 05:12 PM (IST)
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'लांग हॉल' से सुधरेगी ट्रेनों की लेटलतीफी, ट्रैक कंजेशन में मिलेगी मदद

वाराणसी, जेएनएन। जंगलों में तो कभी यार्ड में और कभी कभी तो लूप लाइन पर खड़ी रहने वाली मालगाडिय़ों के अब दिन सुधरेंगे। यही नहीं रेल प्रशासन के नए फार्मूले से सामान्य यात्री ट्रेनों का परिचालन भी पटरी पर आएगा। उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के अंतर्गत कैंट स्टेशन प्रबंधन ने 'लांग हॉल' फार्मूले को लागू करने का फैसला किया है। इस फार्मूले के तहत दो मालगाडिय़ों को एक साथ जोड़कर चलाया जा रहा है। रेल अफसरों के मुताबिक ऐसा करने से एक ही बार में दो ट्रेनों को पास कर लिया जाता है। इससे ट्रैक कंजेशन भी काफी कम होता है।

इस विधा से एक ट्रेन को पास करने में लगने वाले छोटे स्टेशनों के परिचालन स्टाफ, गेट कर्मचारी व माल ढुलाई से संबंधित कर्मचारियों के समय की बचत होगी। दो गाडिय़ों को एक साथ चलाने से मालगाडिय़ां भी खड़ी नहीं रहेंगी बल्कि अपने गंतव्य की ओर जाएंगी। 

दो पावर इंजन खींचेंगे मालगाड़ी

इस लांग हाल फार्मूले के तहत दो मालगाडिय़ों को खींचने  के लिए दो पावर या डीजल लोकोमोटिव का प्रयोग किया जाएगा। इससे दो गुड्स ट्रेन का बोझ खींचने में मदद मिलेगी।

शिवपुर रूट को विशेष फायदा

लांग हाल तकनीक से शिवपुर व चौखंडी रूट को विशेष लाभ होगा। इनमें से चौखंडी स्टेशन नया मालगोदाम बनने से एक साथ दो गाडिय़ों को पास कर अन्य यात्री ट्रेनों का परिचालन सुचारू रख पाएगा। इसी तरह शिवपुर रूट पर माल अनलोडिंग होने के नाते अक्सर मालगाडिय़ां खड़ी रहती हैं। 'लांग हॉल' से इन दोनों रूट को काफी लाभ होगा। 

'ऐसा करने से मालगाड़ी व यात्री ट्रेनों के परिचालन में मदद मिलने के साथ ही कर्मचारियों के समय व श्रम की बचत होगी।'

   --आनंद मोहन, स्टेशन निदेशक, वाराणसी कैंट स्टेशन।