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कोरोना वैक्सीन के दुष्प्रभावों का मामला: पीएम मोदी समेत 28 के खिलाफ दाखिल प्रार्थना पत्र हुआ निरस्त, कोर्ट ने कही ये बात

युवक कांग्रेस के जिलाध्यक्ष और वकील विकास सिंह ने बीते 13 मई को प्रधानमंत्री वैक्सीन बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया इसके सीईओ समेत 28 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए प्रार्थना पत्र दाखिल किया था। अदालत ने आदेश में कहा है कि प्रधानमंत्री ने अपने पदीय कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए कोरोना महामारी के दौरान कई फैसले लिए।

By Jagran News Edited By: Vivek Shukla Updated: Sun, 16 Jun 2024 12:26 PM (IST)
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वैक्सीन के दुष्प्रभावों को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत 28 लोगों के खिलाफ प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया था।
विधि संवाददाता, वाराणसी। कोरोना की वैक्सीन के दुष्प्रभावों को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत 28 लोगों के खिलाफ दाखिल प्रार्थना पत्र के सुनवाई योग्य नहीं होने के कारण सिविल जज सीनियर डिवीजन (फास्ट ट्रैक व एमपी-एमएलए) प्रशांत कुमार सिंह की अदालत ने शनिवार को इसे खारिज कर दिया।

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इसलिए उनके विरुद्ध कोई विधिक कार्यवाही करने से पूर्व अभियोजन स्वीकृति अनिवार्य है और परिवादी द्वारा ऐसी कोई अभियोजन स्वीकृति प्रस्तुत नहीं की गई है।

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ऐसे में प्रार्थना पत्र सुनवाई योग्य (पोषणीय) नहीं है और इसे खारिज किया जाता है। विकास सिंह ने प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया था कि सीरम इंस्टीट्यूट ने कोरोना का भय दिखाकर कोविशील्ड वैक्सीन बिना परीक्षण लोगों को लगवाई और लाभ अर्जित किया।

इससे मिले लाभ का हिस्सा प्रधानमंत्री को चंदा के रूप में दिया गया। उन्होंने पीएम समेत सभी 28 लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने और पीड़ितों को क्षतिपूर्ति दिलाने की मांग की थी।

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