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UP News: बनारस रेल मंडल के इंजीनियर को CBI ले गई लखनऊ, चैंबर में मिले दो लाख रुपये

सीबीआई ने मंगलवार को पूर्वोत्तर रेल के बनारस मंडल कार्यालय में छापेमारी कर वरिष्ठ मंडल अभियंता (इंजीनियरिंग) सत्यम कुमार सिंह को गिरफ्तार किया। उनके चैंबर से दो लाख रुपये बरामद हुए। सीबीआई ने कार्यालय को सील कर दिया है और इंजीनियर को अपने साथ ले गई है। ऑपरेशन में मुश्किल न आए इसके लिए सीबीआइ ने फोर्स की डिमांड की थी।

By Rakesh Srivastava Edited By: Vivek Shukla Updated: Wed, 02 Oct 2024 08:53 AM (IST)
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CBI वरिष्ठ मंडल अभियंता (इंजीनियरिंग) सत्यम कुमार सिंह को पकड़कर अपने साथ ले गई।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। सीबीआइ (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) की लखनऊ टीम ने मंगलवार को पूर्वोत्तर रेल के बनारस मंडल कार्यालय में छापामारी कर वरिष्ठ मंडल अभियंता (इंजीनियरिंग) सत्यम कुमार सिंह को पकड़कर अपने साथ ले गई।

छापामार कार्रवाई दोपहर में दो बजकर 10 मिनट पर लंच के समय हुई, जब भीड़भाड़ वाले भवन में सन्नाटा था। सीबीआइ अफसर सत्यम सिंह के चैंबर में दाखिल हुए तो दो लाख रुपये बरामद हुए, जिसके बाद जरूरी दस्तावेज, इलेक्ट्रानिक उपकरण कब्जे में लेकर एक घंटे तक छानबीन की फिर इंजीनियर को साथ लेकर ही बाहर निकले।

हालांकि, सीबीआइ अफसर लौटने से पूर्व डीआरएम विनीत कुमार श्रीवास्तव से मुलाकात की और उनके अधिकारी को साथ ले जाने की जानकारी दी। सीबीआइ की एंट्री से ठीक पूर्व महेंद्र सिंह नामक ठेकेदार उनके कमरे से बाहर हुआ था। हालांकि, छापामार एजेंसी ने कोई अधिकृत जानकारी नहीं दी गई है। ऑपरेशन में मुश्किल न आए, इसके लिए सीबीआइ अफसर पुलिस कमिश्नरेट के एक बड़े अधिकारी से फोर्स की डिमांड की थी।

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कार्यालय सील, मोबाइल, लैपटाप भी साथ ले गए

सीबीआइ अधिकारियों ने कार्यालय को सील कर दिया है। उन्हें साथ ले जाने से पूर्व एक बाबू को भी बुलाकर बंद कमरे में पूछताछ की। उसके बाद सत्यम सिंह का मोबाइल, लैपटाप और कुछ दस्तावेज देर तक जांच की फिर इंजीनियर संग बाहर आई। सीबीआइ अधिकारियों के जाने के बाद कर्मचारी, अधिकारी लंच से लौटे तो छापेमारी और गिरफ्तारी की सभी को जानकारी हो पाई।

रेल मंडल में ही बीत गए नौकरी के कई साल

मीजरापुर जिले के चुनार निवासी संजय कुमार सिंह दो साल तीन माह पूर्व सीनियर डीएन टू के पद पर आए थे। इनके जिम्मे औड़िहार, गाजीपुर, बलिया और छपरा का सेक्शसन था। रेलवे ट्रैक, भवन आदि का काम देखते थे। बनारस रेल मंडल में सहायक अभियंता के पद पर पूर्व में सिवान में तैनात थे।

प्रोन्नति पाए तो बनारस रेल इंजन कारखाना में नौकरी की। बनारस रेल मंडल में सीनियर डीएन टू के पद से पूर्व आरवीएनएल (रेल विकास निगम लिमिटेड) में तैनात थे। उस समय गाजीपुर-ताड़ीघाट पुल आदि बड़े प्रोजेक्ट इनके पास थे।

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सकते में कर्मचारी अधिकारी, एक ही जवाब बात में बात करें

बनारस मंडल मुख्यालय में सीबीआइ की छापेमारी पहली बार हुई है। इसलिए कर्मचारी, अधिकारी सहमे थे। हर कोई फोन पर एक ही जवाब देता कि बार में बात करें। अधिकारियों ने तो दोपहर बाद से फोन उठाना बंद कर दिया, एक ने रिसीव भी किया तो कहा कि सीबीआइ के मामले में चुप रहने के स्पष्ट निर्देश नौकरी के नियम में हैं। रेल मंडल में जरूर पूर्व सीबीआइ ने छापेमारी कर चुकी है।

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