बदलता कनेक्टिविटी : वर्तमान में सेमी हाई स्पीड पर वाराणसी, जल्द ही बुलेट ट्रेन
वाराणसी में बुलेट ट्रेन के परिचालन की कवायद भी शुरू हो गई है। दिल्ली से लीडार सर्वे शुरू हो गया है। बुलेट ट्रेन के लिए अलग से कारिडोर बनाया जाएगा। आगे चलकर बनारस से कोलकाता तक भी बुलेट ट्रेन चलाने की तैयारी है।
वाराणसी, जेएनएन। कभी बनारस को कदमों से माप देते थे बनारसी। रिक्शे पर बैठ मुंह में पान का बीड़ा जमाए शाम को घाटों की ओर गलियों की तरह चौड़ी सड़कों पर निकलते थे, लेकिन अब इस बनारस को घेरता दूसरा बनारस आधुनिक जमाने से कदमताल कर रहा है। लंबी-लंबी लक्जरी गाडिय़ां सड़कों पर फर्राटा भर रही हैं। बाबतपुर स्थित अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से शहर की ओर बढ़ते ही कनेक्टिविटी के नजरिए से बदलाव साफ नजर आता है। देश व विदेश को उड़ान भरने वाले हवाई जहाज, तेजस व वंदे भारत जैसी सेमी हाई स्पीड ट्रेनें, दूसरे राज्यों तक चलने वाली लग्जरी बसें इन बदलावों की तस्वीर हैैं। काशी से प्रयागराज तक लाइट मेट्रो व शहरी क्षेत्र में रोप-वे, काशी से दिल्ली तक बुलेट ट्रेन का प्रस्ताव दिल्ली व मुंबई जैसी मेट्रो सिटी की जिंदगी के सपने को पंख सा लगा दिया है। वहीं, गंगा में जल परिवहन ने नए रोमांच का अहसास करा दिया है।
शहर का एक हिस्सा बदलाव को रोक रहा है तो दूसरा उसे अपनाने को आतुर। आधी रात संकटमोचन संगीत समारोह में जब 106 बरस के उस्ताद राशिद खान मंच पर सहारा देकर लाए गए थे, तो मंदिर प्रांगण में उपस्थित एक हजार से ज्यादा रसिकों के मुख से समवेत स्वर में हर-हर महादेव का उद्घोष गूंज उठा था। यह वह भीड़ थी जिसमें इस शहर के रिक्शेवाले, ठेलेवाले, पानवाले, पटरीवाले, बेहद सामान्य लोग होते हैं। इन्हेंं संगीत का ज्ञान नहीं है, लेकिन ये उसकी सराहना करना जानते हैैं। यह बनारस है, जहां के रहनवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यों की दिल से सराहना कर रहे हैं।
नेपाल व बैंकाक तक की उड़ान
रोजाना करीब एक दर्जन उड़ानें हैैं। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद, बेंगलुरु, जयपुर के अलावा शेड्यूल तय होने पर नेपाल के काठमांडू व थाईलैैंड के बैंकाक की उड़ानें भी होती हैं। सुविधाएं मेट्रो एयरपोर्ट से कम नहीं हैं और विस्तार जारी है। नया टर्मिनल भवन व एयर ट्रैफिक कंट्रोल का निर्माण हो रहा है। रडार टावर प्रस्तावित है। रनवे की लंबाई भी बढ़ाई जा रही है और इसके लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। एयरपोर्ट से शहर तक हवाई सेवा के तहत हेलीकाप्टर संचालन का प्रस्ताव है। इसके लिए खिड़किया घाट पर दो हेलीपैड बन रहे हैं।
वंदे भारत, तेजस का सफर
दिल्ली जाने के लिए हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत व तेजस की सुविधा है। महाकाल एक्सप्रेस जैसी सेमी हाई स्पीड ट्रेन आध्यात्मिक यात्रा करा रही है। शिवगंगा, महामना, रत्नागिरि, महानगरी जैसी ट्रेनें दिल्ली व मुंबई जैसे महानगरों से काशी को जोड़ रही हैं। कोरोना काल में प्रधानमंत्री ने बनारस से गुजरात के लिए नई ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। बनारस से छपरा तक चेयरकार सुविधा युक्त शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन का परिचालन भी होता है।
बुलेट ट्रेन के लिए सर्वे शुरू
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र तक बुलेट ट्रेन के परिचालन की कवायद भी शुरू हो गई है। दिल्ली से लीडार सर्वे शुरू हो गया है। बुलेट ट्रेन के लिए अलग से कारिडोर बनाया जाएगा। आगे चलकर बनारस से कोलकाता तक भी बुलेट ट्रेन चलाने की तैयारी है।
मेट्रो व रोप-वे के लिए प्रारंभिक बजट
प्रदेश सरकार ने इस बार के बजट में मेट्रो व रोप-वे के लिए प्रारंभिक बजट 100 करोड़ तय कर दिया है। हैवी मेट्रो परियोजना काशी के लिए मुफीद नहीं पाए जाने के बाद नए सिरे से लाइट मेट्रो व रोप-वे का ब्लू प्रिंट बनाया गया है। इसमें काशी से प्रयागराज तक लाइट मेट्रो सेवा व नगर के सघन इलाके में रोप-वे सेवा प्रस्तावित है।
बांग्लादेश तक जल परिवहन की धारा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशानुसार बनारस से हल्दिया तक गंगा में जल परिवहन सेवा शुरू की गई है। इसकी धारा बांग्लादेश तक पहुंच गई है। कारोबार के लिहाज से बड़ा कदम है। इसके लिए रामनगर के राल्हूपुर में बंदरगाह बना है। वहीं पर फ्रेट विलेज भी बनाने का प्रस्ताव है। नगरीय पर्यटन के लिहाज से खिड़किया घाट, ललिता घाट, अस्सी घाट पर छोटे-छोटे बंदरगाह बनाए गए हैं। रो-रो सेवा शुरू हो चुकी है।
सिक्स व फोरलेन का चंहुओर जाल
बनारस जिले में सिक्स व फोरलेन का जाल चहुंओर बिछ रहा है। प्रयागराज तक एनएच-2 को सिक्स लेन किया जा रहा है। ौनपुर, आजमगढ़, गाजीपुर तक फोरलेन बन रहा है। शहर के आउटर में ङ्क्षरग रोड बन रहा है। वहीं, बाबतपुर से लेकर लंका व डाफी तक फोरलेन बन रहा है। इसमें बड़ा हिस्सा फुलवरिया फोरलेन है। इसके अलावा पुल, फ्लाइओवर, आरओबी तनकर खड़े हो रहे हैं।
काशी से नेपाल तक बस सेवा
बस सेवा भी समृद्ध है। लग्जरी बसें संचालित होती हैं। नेपाल तक की सेवा मिलती है। इसके अलावा बिहार, मध्य प्रदेश, दिल्ली तक लग्जरी बसें चलती हैं। महिलाओं के लिए पिंक बस सेवा भी उपलब्ध है।