बनारस में टेक्सटाइल पार्क को मिली मुख्यमंत्री की मंजूरी, सूरत के प्रवासी बुनकरों को मिलेगा लाभ
सूरत से वापस लौटे प्रवासी बुनकरों को आजीविका के लिए अब प्रदेश के बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी। साथ ही बनारसी वस्त्र उद्योग को नए सिरे से पुनस्थापित किया जा सकेगा।
By Saurabh ChakravartyEdited By: Updated: Sat, 30 May 2020 05:39 PM (IST)
वाराणसी, जेएनएन। सूरत से वापस लौटे प्रवासी बुनकरों को आजीविका के लिए अब प्रदेश के बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी। साथ ही बनारसी वस्त्र उद्योग को नए सिरे से पुनस्थापित किया जा सकेगा। जी हां..., बनारस में टेक्सटाइल पार्क के प्रस्ताव पर शुक्रवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने मुहर लगा दी। वहीं अपर मुख्य सचिव हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग रमा रमण को पूरे प्रदेश के बुनकरों के हित शामिल करते हुए विस्तृत प्रस्ताव तैयार करने व कार्य तेजी से आगे बढ़ाने का निर्देश दिया।
लखनऊ में आयोजित बैठक में पर्यटन, दुग्ध एवं पशुपालन, मत्सय, कृषि, एमएसएमई आदि के अधिकारियों ने अलग-अलग प्रस्ताव पर प्रजेंटेशन दिए। धर्मार्थ कार्य, संस्कृति व पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा. नीलकंठ तिवारी ने बनारस में टेक्सटाइल पार्क पर प्रजेंटेशन दिया। साथ ही सीएम को अवगत कराया कि सूरत से हजारों प्रवासी बुनकर बनारस लौट आए हैं। इनके चले जाने से बनारस के परंपरागत वस्त्र उद्योग की चमक फीकी पड़ गई थी। जबकि सूरत ने वस्त्र उद्योग में तेजी से आगे बढ़ गया था। इस पर सीएम ने अपर मुख्य सचिव को प्रदेश स्तरीय प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया, जिससे बनारस व पूर्वांचल ही नहीं बल्कि समूचे प्रदेश के बुनकरों का भला हो सके। कहा योजना पर तेजी से काम किया जाए, ताकि जल्द से जल्द प्रवासी बुनकरों को इसका लाभ मिल सके। सूत्रों के मुताबिक डीएम वाराणसी को भी इस संदर्भ में लैंड बैंक तैयार करने का निर्देश दिया गया है।
दो दिन पहले ही राज्यमंत्री डा. नीलकंठ तिवारी ने व्यापारियों व कारोबारियों संग ऑनलाइन बैठक में पहली बार टेक्सटाइल पार्क का प्रस्ताव रखा था। टेक्सटाइल पार्क में औद्योगिक आस्थान के तर्ज पर बुनकरों को छोटे कारखाने स्थापित करने के लिए प्लाट उपलब्ध कराए जाएंगे। यहां डिजाइन प्रशिक्षण केंद्र, कच्चे माल के लिए डिपो, कलस्टर सहित तैयार माल बेचने के लिए सीधे बाजार की भी व्यवस्था होगी।
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