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वाराणसी के इस मंदिर में मनाया जाएगा चाइनीज Happy New Year, की जा रही हैं खास तैयारियां

इन दिनों यहां चीनी नव वर्ष की तैयारियां चल रही हैं। यहां चीन के नए वर्ष पर विशेष पूजा की तैयारियों के लिए साज-सज्जा का क्रम चल रहा है। चीन का नया वर्ष चुन-चुन 22 जनवरी को यहां धूमधाम से मनाया जाएगा।

By Jagran NewsEdited By: Anil PandeyUpdated: Wed, 11 Jan 2023 02:17 PM (IST)
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सारनाथ के चीनी बौद्ध मंदिर में चीन के नए साल की तैयारी। जागरण

जागरण संवाददाता, वाराणसी: भगवान बुद्ध की प्रथम उपदेश स्थली सारनाथ विभिन्न देशों के बौद्ध मतावलंबियों की आस्था का प्रतीक भी है। सारनाथ में एक चीनी मंदिर भी है और इसकी दीवारों पर चीनी यात्री ह्वेनसांग के काशी आगमन की जानकारियां दर्ज हैं। आज भी काशी आने वाले चीनी सैलानी भगवान बुद्ध को नमन करने के लिए सारनाथ जरूर आते हैं। मंदिर परिसर में चीनी (मंदारिन) भाषा में भगवान बुद्ध के उपदेशों को दर्ज हैं।

म्यांमार से मंगाया था मूर्तियों का पत्थर

बुद्ध की प्रतिमा बनाने के लिए पत्थर म्यांमार से मंगाया गया था। इन पर कारीगरों ने चीन की ब्रुसनी कला शैली की खास नक्काशी उकेरी है। इन दिनों यहां चीनी नव वर्ष की तैयारियां चल रही हैं। यहां चीन के नए वर्ष पर विशेष पूजा की तैयारियों के लिए साज-सज्जा का क्रम चल रहा है। चीन का नया वर्ष चुन-चुन 22 जनवरी को यहां धूमधाम से मनाया जाएगा।

चीनी-थाई शैली में बुद्ध की तीन प्रतिमाएं

चीनी बौद्ध मंदिर का निर्माण चीन के ली चुनसेंग ने वर्ष 1939 में कराया था। लगभग 13 एकड़ में फैले मंदिर परिसर में खूब हरियाली है। मंदिर में भगवान बुद्ध की भूमि स्पर्श मुद्रा सहित चीनी और थाई शैली में बनीं कुल तीन प्रतिमा स्थापित हैं। मंदिर बनाने में उस समय चीन के लोगों ने चंदा दिया था। स्वतंत्रता से पहले बड़ी संख्या में चीनी यात्री सारनाथ आया करते थे। उन्हीं के लिए चुनसेंग ने भगवान बुद्ध का भव्य चीनी मंदिर बनवाया था।

फूलों से साज सज्जा

चंद्रिका नव वर्ष से चीनी कैलेंडर में नया साल 22 जनवरी से शुरू हो रहा है। चीनी बौद्ध मंदिर में नव वर्ष के मद्देनजर मुख्य गेट का रंग रोगन व मंदिर की साफ-सफाई चल रही है। मंदिर की देख-रेख करने वाले भिक्षु चंगेज ने बताया कि कोरोना काल के कारण दो वर्ष बाद यहां नया वर्ष मनाया जा रहा है। इस अवसर पर मंदिर को फूल मालाओं से सजाया जाएगा। काशी में रह रहे कुछ चीनी लोग मंदिर आएंगे और विश्व शांति व उज्ज्वल भविष्य के लिए पूजा करेंगे।