सोनभद्र में तीन गोल्ड समेत छह खदानों में खनन का रास्ता साफ, ग्लोबल निविदा प्रक्रिया में कई बड़ी कंपनियों ने दिखाई है रुचि
तीन स्वर्ण दो पाेटाश व एक आयरन खदान में खनन को लेकर रास्ता साफ हो गया है। शासन ने जनपद के इन खदानों में खनन के लिए मई में निविदा जारी की थी। देश-विदेश की कई बड़ी कंपनियों ने टेंडर प्रक्रिया में रुचि दिखाई है। इससे राजस्व-रोजगार भी बढ़ेगा।
सोनभद्र, जागरण संवाददाता। तीन स्वर्ण, दो पाेटाश व एक आयरन खदान में खनन को लेकर रास्ता साफ हो गया है। शासन ने जनपद के इन खदानों में खनन के लिए मई में निविदा जारी की थी। देश-विदेश की कई बड़ी कंपनियों ने टेंडर प्रक्रिया में रुचि दिखाई है। बड़ी बोली लगाने वाली कंपनी काे खनन करने का आदेश शासन से ही जल्द जारी किया जा सकता है। वैसे अभी जिम्मेदार अधिकारी इस पर कुछ बोलने से कतरा रहे हैं, लेकिन इससे इन्कार भी नहीं कर रहे। अगर जनपद में इन खदानों में खनन का कार्य शुरू होता है तो शासन को बड़े स्तर पर राजस्व मिलेगा, साथ ही जनपद के डीएमएफ (जिला खनिज निधि) में भी पैसों की बारिश होगी। जिला खनिज निधि के पैसे से जनपद का विकास होगा।
खदानों की हुई है जीओ मैपिंग, भूमि काे किया गया चिन्हित
स्वर्ण, पोटाश व आयरन के अयस्क के लिए खनन से पूर्व चिन्हित स्थानों का प्रशासनिक टीम ने जीओ मैपिंग कराया। इसके बाद ज्वाइंट वर्किंग ग्रुप का गठन करके खदान के पास पड़ने वाले राजस्व, वन व कास्त भूमि को चिन्हित कर रिपोर्ट शासन को प्रेषित किया। सब कुछ साफ होने के बाद खदानों में खनन के लिए ग्लोबल टेंडर जारी किया गया था, जल्द ही खनन करने वाली कंपनी के नाम को अंतिम रूप दिया जाने वाला है।
दुद्धी व ओबरा तहसील में हैं खदानें
स्वर्ण, पोटाश व आयरन की सभी खदानें दुद्धी व ओबरा तहसील में स्थित हैं। खनन विभाग ने इसे ब्लाकवार विभाजित किया है, जिसमें बियादांड़ ब्लाक के भुइयाटोला व चकडोमरा ब्लाक में स्वर्ण के खदान चिन्हित किए गए हैं। हरदी क्षेत्र के पूर्व ब्लाक में स्वर्ण धातु व ग्राम छिपिया में पोटाश व अन्य धातु पाए गए हैं।
शासन के निर्देश का होगा पालन
तीन स्वर्ण समेत छह खदानों के नीलामी प्रक्रिया को लेकर शासन की तरफ से जो भी निर्देश आएगा। उसका अमल किया जाएगा। खनन के लिए किसके नाम पर मुहर लगी है। इसकी जानकारी नहीं हो सकी है।
- आशीष कुमार, वरिष्ठ खनन अधिकारी, सोनभद्र।
दैनिक जागरण ने सबसे पहले 20 फरवरी 2020 को सोनांचल में स्वर्ण खदान मिलने की खबर को प्रकाशित किया था। खनिकर्म विभाग के आंकड़ों के हिसाब से सोने के अयस्क को बताया गया था। जिस पर बाद में जीएसआइ (भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण) ने यह कहते हुए इन्कार कर दिया कि सोनभद्र में महज 160 किलो सोना मिलने की उम्मीद है। इसके कुछ समय बाद एक बार फिर से इन खदानों में खनन के लिए भूमि चिन्हित व निविदा जारी कर दिया गया। जमीन के अंदर कितना सोना मिलेगा, इसको लेकर स्थिति साफ ही नहीं की गई।