दो बार से भाजपा के कब्जे वाली चंदौली सीट पर इस बार मुकाबला कांटे का है। अधिकांश क्षेत्रों में सपा से सीधी लड़ाई है। बसपा भी चुनाव मैदान में है लेकिन शनिवार को मतदान के दौरान हाथी की चाल कई जगह सुस्त दिखी। मुस्लिम व यादव मतदाता कई मतदान केंद्रों पर सपा के पक्ष में खड़े दिखे जबकि भाजपा के मौर्या व कुशवाहा वोटों में बसपा की सेंधमारी रही।
संग्राम सिंह,
वाराणसी। दो बार से भाजपा के कब्जे वाली चंदौली सीट पर इस बार मुकाबला कांटे का है। अधिकांश क्षेत्रों में सपा से सीधी लड़ाई है। बसपा भी चुनाव मैदान में है, लेकिन शनिवार को मतदान के दौरान हाथी की चाल कई जगह सुस्त दिखी।
मुस्लिम व यादव मतदाता कई मतदान केंद्रों पर सपा के पक्ष में खड़े दिखे, जबकि भाजपा के मौर्या व कुशवाहा वोटों में बसपा की सेंधमारी रही। इस चुनावी रेस में जातियों में बंटवारा साफ दिखा। इस सीट के शिवपुर और अजगरा विधानसभा क्षेत्रों में लोकतंत्र के उत्सव को लेकर उत्साह रहा।
कई दिनों से जारी मौसम के तल्ख तेवर को देखते हुए कई क्षेत्रों में सुबह ही मतदाता वोट डालने पहुंच गए थे। महिलाएं भी हिस्सेदारी करती नजर आईं। शिवपुर में 63.53 प्रतिशत जबकि अजगरा में 65.63 प्रतिशत वोट पड़े हैं।
भाजपा प्रत्याशी के रूप में यहां से दो बार से सांसद व केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय इस बार भी तिकड़ी लगाने के इरादे से चुनाव मैदान में हैं, लेकिन सपा के वीरेंद्र सिंह उन्हें हर मोर्चे पर टक्कर देते नजर आए। कई केंद्रों पर बसपा प्रत्याशी सत्येंद्र मौर्य के समर्थक मुख्य धारा में दिखे ही नहीं।
अजगरा के बेलवरिया और मुर्दहा प्राथमिक विद्यालय स्थित केंद्रों पर मिश्रित आबादी मतदान के लिए जुटी थी और भाजपा व सपा के लिए अधिक वोट पड़ रहे थे।
चुनावी मुकाबले पर केंद्र के बाहर मौजूद प्यारे लाल और भगवान दास विश्वकर्मा ने कहा कि यहां जातीय समीकरण हावी है। मुस्लिम, यादव व मौर्य मतदाता इस बार सपा के साथ हैं। विकास व बदलाव के लिए मत पड़ रहे। धौरहरा गांव में तपती दोपहरी में भी चुनावी पारा चढ़ा था। यहां स्कूल के केंद्र पर भाजपा व सपा खेमे के समर्थक वोटिंग बढ़ाने के प्रयास में दिखे।
कार्यकर्ताओं की जुटान केंद्र से निर्धारित दूरी पर थी। द्वार पर खड़े ध्रुव प्रताप गौतम और सर्वेश कुमार मिश्रान कहते हैं कि पूर्व एमएलसी बृजेश सिंह के इस गांव में मुकाबला भाजपा-सपा के बीच है। टेकारी केंद्र पर दीनानाथ यादव ने कहा कि मुद्दा विकास भी है। शिवपुर क्षेत्र के लेढ़ूपुर स्कूल केंद्र पर वोट देने जा रहे मतदाताओं के मोबाइल जमा किए जा रहे थे।
मुस्लिम बाहुल्य सीट पर मोहम्मद आजम और इसराइल कहते हैं कि यहां मुकाबले में बसपा कहीं नहीं है। कमल व साइकिल के बटन ज्यादा दब रहे हैं। गौराकला मतदान केंद्र पर सुबह बूथों पर महिलाओं की कतार थी। बाहर भी वोटर की अच्छी भीड़ रही, लेकिन भाजपा का पलड़ा भारी नजर आया। हालांकि मौर्य-कुशवाहा यहां साइकिल के साथ दिखे।
मुन्ना लाल, मोहन प्रसाद मौर्य व गोपाल दास प्रजापति कहते हैं कि यहां लड़ाई कमल व साइकिल के बीच है। कोई किसी से कम नहीं है। इस बार मौर्य बिरादरी साइकिल व हाथी की तरफ मुड़ी है, जबकि ठाकुर व ब्राह्मण वोटों में भी सपा की सेंधमारी है। कमौली चौराहे पर लोगों ने त्रिकोणीय मुकाबला बताया। देवंती देवी व लीलावती चौहान ने बताया कि चुनाव में बसपा भी लड़ रही है। हालांकि उन्होंने कमल को मजबूत बताया, लेकिन वह क्षेत्र में विकास की स्थिति से संतुष्ट नजर नहीं आईं।
कई जगह वोट को लेकर मौन रहे मतदाता
जाल्हूपुर, सोनबरसा व गौराकला के कई केंद्रों पर ऐसे मतदाता भी मिले जो वोट तो डालकर आ रहे थे, लेकिन किसे वोट डाला, किन मुद्दों पर डाला, किसकी जीत-हार देख रहे हैं, इन सवालों पर मौन रहे। नाम बताने से भी कतराते रहे और कहा-यह हमारा व्यक्तिगत मामला है। इसमें हिंदू मतदाता बड़ी संख्या में रहे। परिणाम पर उनकी चुप्पी भी असर डाल सकती है। टेकारी गांव में मौजूद लोगों ने इस चुनाव में प्रत्याशी के व्यवहार पर वोट दिए जाने की बात कही।
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