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Varanasi Weather: किसकी लगी नजर, कैसा हो रहा छल, बनारस छोड़ हर ओर बरस रहे बादल; मौसम विज्ञानी भी हुए हैरान

Varanasi Weather बनारस और इसके दक्षिण चंदौली मीरजापुर व सोनभद्र जनपद ही वर्षा से वंचित हैं। जबकि मानसून की द्रोणिका भी अपनी सही स्थिति में है। मौसम विज्ञानी भी बादलों की यह बेरुखी देख भौंचक हैं। गुरुवार को सुबह से ही आसमान में घने कालेे बादलों का डेरा था ठंडी हवा बह रही थी तापमान भी कम था। 84 से 89 प्रतिशत तक आर्द्रता वातावरण में छाई रही।

By Jagran NewsEdited By: Prince SharmaUpdated: Fri, 25 Aug 2023 05:30 AM (IST)
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Varanasi Weather: किसकी लगी नजर, कैसा हो रहा छल; बनारस छोड़ हर ओर बरस रहे बादल
वाराणसी, जागरण संवाददाता। जाने किसकी लगी है नजर, कैसा हो रहा छल, कि बनारस छोड़ हर ओर बरस रहे बादल। ऐसा नहीं कि यहां आसमान में बादल नहीं हैं, आर्द्रता भी भरपूर है, नम हवाएं हैं, बस नहीं है तो वर्षा, जबकि पूर्वी उत्तर प्रदेश के लगभग सभी जनपदों गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ, बलिया में इधर दो-तीन दिनों में अच्छी वर्षा हुई है।

घने काले बादल होने के बावजद भी नहीं हुई बारिश

बनारस और इसके दक्षिण चंदौली, मीरजापुर व सोनभद्र जनपद ही वर्षा से वंचित हैं। जबकि मानसून की द्रोणिका भी अपनी सही स्थिति में है। मौसम विज्ञानी भी बादलों की यह बेरुखी देख भौंचक हैं। गुरुवार को सुबह से ही आसमान में घने कालेे बादलों का डेरा था, ठंडी हवा बह रही थी, तापमान भी कम था।

लोगों को उम्मीद थी कि बादल अब बरसे, तब बरसे, मगर ताकते दोपहर हो गई, बादलों को नहीं बरसना था, सो नहीं बरसे। दोपहर बाद तो बादल कुछ छंट भी गए और धूप झांकने लगी तो लोगों की रही-सही आस भी खत्म हो गई। बादलों के कारण अधिकतम तापमान 33.5 व न्यूनतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस बना रहा। इस बीच 84 से 89 प्रतिशत तक आर्द्रता वातावरण में छाई रही।

मौसम अनुकूल हैं, बावजूद नहीं बरस रहें बादल

बीएचयू के मौसम विज्ञानी प्रो. मनोज श्रीवास्तव ने कहा कि, सारी परिस्थितियां वर्षा के अनुकूल हैं, मगर बादल हैं कि बरस ही नहीं रहे। वरिष्ठ मौसम विज्ञानी प्रो. एसएन पांडेय ने कहा कि इधर से ही पश्चिम की ओर पहुंच रहे बादल वहां ताबड़तोड़ वर्षा किए जा रहे हैं। इधर के अन्य जिलों में भी वर्षा हो रही है, परिस्थितियां यहां भी पूरी तरह अनुकूल हैं, मौसम विज्ञान के अनुसार वर्षा होनी ही चाहिए, लेकिन क्या कहा जा सकता है।

बाढ़ और मौसम--- 12 घंटे बाद दस गुना तेज हुई गंगा के जलस्तर में वृद्धि -10 सेमी प्रति घंटा बढ़ने लगा घाटों पर पानी, गाजीपुर में गति धीमी तो बलिया में घटा -फिर चढ़ा पानी, डूबने लगीं घाटों की सीढ़ियां, पश्चिम में बरसात बढ़ाएगी दुश्वारियां

गंगा के जलस्तर में शुरू हुई वृद्धि...

उधर, गंगा के जलस्तर में बुधवार से एक बार फिर शुरू हुई वृद्धि ने दूसरे दिन गुरुवार को दस गुना तेज गति पकड़ ली। एक घंटे में 10 सेमी बढ़ रहे पानी के उफान से घाटों की सीढ़ियों पर फिर पानी चढ़ने लगा और लगभग तीन सीढ़ियां डूब गईं।

पहाड़ों और पश्चिमी जनपदों में हो रही लगातार वर्षा से एक बार फिर तटवासियों की समस्याएं बढ़ने की आशंका गहराने लगी है। बुधवार को गंगा के जल में एक सेमी प्रति घंटा के वेग से पानी बढ़ना आरंभ हुआ था। गुरुवार की रात आठ बजे के बाद इसने 10 सेमी प्रति घंटा की रफ्तार पकड़ ली।

64.54 मीटर पर रहा जलस्तर

हरहराती लहरों में उछाल और बढ़ गया। सुबह आठ बजे जलस्तर 64.54 मीटर पर था, रात आठ बजे तक 64.60 मीटर तक पहुंचा था किंतु इसके बाद पानी के वेग में आई तेजी से रात 10 बजे तक राजघाट पर पानी बढ़कर 64.80 मीटर हो गया।

अस्सी घाट से तुलसीघाट तक की तीन सीढ़ियां जो पहले बढ़े पानी से निकलकर गाद से लथपथ थीं, फिर से पानी में डूब गईं।

मीरजापुर में सुबह आठ बजे तक तीन सेमी प्रति घंटा के वेग से बढ़ रहा पानी रात 10 बजे तक 10 सेमी प्रति घंटा का वेग पकड़ लिया था। इन 14 घंटों में पानी 33 सेमी बढ़ चुका था और जलस्तर 70.05 मीटर पर पहुंच गया था।

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