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UP Lok Sabha Election: अजय राय ने मोदी के नामांकन, चुनाव खर्च और विकास कार्यों पर उठाए सवाल, बोले- वाराणसी में निष्‍पक्ष चुनाव संभव नहीं

वाराणसी में निष्पक्ष चुनाव के लिए आयोग से विशेष पर्यवेक्षक की तैनाती की मांग की है। अजय राय ने पत्रकारों से बातचीत में आरोप लगाया कि भाजपा प्रत्याशी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चुनाव में लाभ पहुंचाने के लिए प्रशासन पक्षपात कर रहा है। पीएम के नामांकन पत्र के कई कालमों में वांछित सूचनाएं न होने के बाद भी आपत्तियां आमंत्रित किए बिना पर्चा वैध घोषित कर दिया गया।

By Jagran News Edited By: Vivek Shukla Updated: Sun, 19 May 2024 02:37 PM (IST)
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वाराणसी में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष व वाराणसी से आइएनडीआइए प्रत्याशी अजय राय ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए। जागरण
 जागरण संवाददाता, वाराणसी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष व वाराणसी से आइएनडीआइए प्रत्याशी अजय राय ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रोड शो, आयोजनों पर हुए खर्च व नामांकन प्रक्रिया में भेदभाव किए जाने को लेकर जमकर हमला बोला है।

काशी में हुए विकास कार्यों पर सवाल उठाते हुए कहा कि पिछले दस वर्षों में यहां एक भी कल-कारखाना नहीं लगा। प्रशासन को भी कठघरे में खड़ा किया है। कहा कि चार साल से तैनात कमिश्नर कौशल राज शर्मा के बनारस में रहते हुए निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं होगा। अपनी आपत्तियों के साथ कमिश्नर को हटाने के लिए उन्होंने चुनाव आयोग को पत्र भेजा है।

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वाराणसी में निष्पक्ष चुनाव के लिए आयोग से विशेष पर्यवेक्षक की तैनाती की मांग की है। अजय राय ने पत्रकारों से बातचीत में आरोप लगाया कि भाजपा प्रत्याशी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चुनाव में लाभ पहुंचाने के लिए प्रशासन पक्षपात कर रहा है। पीएम के नामांकन पत्र के कई कालमों में वांछित सूचनाएं न होने के बाद भी आपत्तियां आमंत्रित किए बिना पर्चा वैध घोषित कर दिया गया।

रुद्राक्ष सांस्कृतिक कन्वेंशन सेंटर को चुनावी राजनीतिक संवाद के लिए आवंटित किया गया। रोड शो के दौरान मार्ग पर विशेष सज्जा एवं रोशनी का प्रबंध किया गया। बसों, अन्य वाहनों, फूलों के क्रय में भारी धन व्यय की अनदेखी की गई। यह सब कमिश्नर के दबाव में हो रहा है।

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यह आपत्तिजनक है कि अन्य प्रत्याशियों के नामांकन पत्रों की छानबीन में दो-तीन बार पुकार लगाकर आपत्ति आमंत्रित की गई, लेकिन पीएम मोदी के पर्चे को बिना आपत्ति आमंत्रित किए सबसे पहले वैध कर दिया गया। जबकि उन्होंने अपनी धर्मपत्नी की आय आदि से जुड़ी सूचनाओं के कालम में कोई जानकारी नहीं भरी है।

इन कमियों के कारण ही भाजपा ने डमी प्रत्याशी का नामांकन कराया था। आयोग देखे कि पीएम के लिए रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर का आवंटन हुआ तो निर्धारित शुल्क जमा हुआ या नहीं? नामांकन इवेंट व्यय प्रत्याशी के निजी खाते में जुड़ रहा या नहीं? यह भी सुनिश्चित किया जाए कि चुनाव के दौरान उन्हीं शर्तों पर अन्य दलों व उम्मीदवारों को भी रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर आवंटित हो।

उन्होंने कहा कि काशी के लिए पीएम के दिल में संवेदना होती तो 10 हजार करोड़ रुपये का सबमरीन प्रोजेक्ट महाराष्ट्र से खींच कर गुजरात नहीं ले जाते, बल्कि बनारस लाते। अमूल डेरी प्लांट या सरकारी जमीन पर बने अदाणी के स्माल बायोगैस प्लांट में स्थायी कर्मी गुजराती नहीं बल्कि काशी के युवा होते।

काशी के सारे निर्माण कार्य यहां के उद्यमी करते, न कि गुजराती कंपनियां। वाराणसी में हुए कार्यों की खामियां गिनाते हुए कहा कि हजारों करोड़ रुपये खर्च कर बंदरगाह बनाया गया, लेकिन एक भी उद्यमी को फायदा नहीं हुआ।

टेंट सिटी स्थापित की गई, जिसके लिए एनजीटी ने जुर्माना लगाया। गंगा के सामांतर नहर बनाकर लाखों डकार लिया गया। अब रोपवे का निर्माण हो रहा है जिसकी यहां कोई उपयोगिता नहीं होगी। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में नियमित दर्शन करने वालें को 3600 रुपये की वसूली की जा रही है। धर्म के नाम पर यह भाजपा का जजिया कर है।

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