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Smart Bijli Meters: वाराणसी में मीटर लगाने में 'स्मार्टनेस' फ्यूज, उपभोक्ताओं को अब भी इंतजार

बनारस की बिजली व्यवस्था को स्मार्ट बनाने के लिए स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। प्रथम मंडल में लगभग 3800 से स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं वहीं दूसरी ओर द्वितीय मंडल में लगभग 1600 स्मार्ट मीटर ही लगाए गए हैं। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के वाराणसी आजमगढ़ प्रयागराज व मीरजापुर सहित प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में लगभग 5100 करोड़ रुपये की लागत से स्मार्ट मीटर लगाया जाना है।

By Mukesh Chandra Srivastava Edited By: Vivek Shukla Updated: Wed, 11 Sep 2024 11:11 AM (IST)
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स्मार्ट मीटर लगाने के काम में तेजी आई है। जागरण

जागरण संवाददाता, वाराणसी। बनारस की बिजली व्यवस्था को स्मार्ट बनाने के लिए स्मार्ट मीटर लगाने की योजना है। इसके लिए मीटर आ गए हैं। उन्हें लगाने की प्रक्रिया भी शुरू हो सकी है, लेकिन इस मामले में नगरीय विद्युत वितरण मंडल द्वितीय काफी पीछे हैं।

जिले में जीएमआर कंपनी स्मार्ट मीटर लगा रहे हैं। हालांकि कंपनी ने अधिकारियों को खुशी रखने के लिए उनके घरों में स्मार्ट मीटर जरूर लगा दिए हैं। वैसे शहर के उन लोगों काे स्मार्ट मीटर का काफी इंतजार है जिनके यहां घर या दुकान में किराएदार रहते हैं। अन्य सामान्य उपभोक्ता विरोध भी कर रहे हैं। उनका आरोप है कि स्मार्ट मीटर तेज चल रहा है।

जिले में तीन मंडल हैं। शहर में प्रथम व द्वितीय। वहीं तीसरा मंंडल ग्रामीण क्षेत्रों को कवर करता है। शहर के प्रथम मंडल में 2.25 लाख व द्वितीय में 2.08 लाख उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर लगाए जाते हैं। इसके तहत प्रथम मंडल में जहां लगभग 3800 से स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं।

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वहीं दूसरी ओर द्वितीय मंडल में मात्र लगभग 1600 स्मार्ट मीटर ही लगाए गए हैं। बताया कि कंपनी का खराब प्रदर्शन विभाग की निगरानी के अभाव में हो रहा है। स्थानीय स्तर पर कोई कार्रवाई न हो इसके लिए कंपनी के अधिकारी आला अधिकारियों की शरण जमाए हुए हैं।

वैसे पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के वाराणसी, आजमगढ़, प्रयागराज व मीरजापुर सहित प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में लगभग 5,100 करोड़ रुपये की लागत से 50 लाख से अधिक स्मार्ट मीटर लगाया जाना है। स्मार्ट लगाने का उद्देश्य बिजली चोरी काे रोकना है।

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विभाग पहले तो स्मार्ट मीटर लगा रहा है, जिसे बाद में प्री-पेड मीटर में कन्वर्ट कर दिया जाएगा। इसमें लोगों को मोबाइल की तरह बिजली के लिए भी रिचार्ज कराना पड़ेगा। पैसा खत्म होते ही अपने आप ही बिजली कट जाएगी।