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अनलॉक में भी कास्मेटिक बाजार है लॉक, वाराणसी में 30 फीसद सामान हो चुका है एक्सपायर

अनलॉक-4 में भी कास्मेटिक के बाजार में रौनक नहीं लौटी है। स्थिति यह है कि कारोबारियों के पिछले स्टॉक अभी निकल ही नहीं पाए और लगभग 30 प्रतिशत कलर कास्मेटिक प्रोडक्ट एक्सपायर हो चुके हैं। बनारस में पूर्वांचल भर से दुकानदार कास्मेटिक उत्पाद खरीदने आते हैं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Updated: Tue, 22 Sep 2020 11:06 PM (IST)
अनलॉक-4 में भी कास्मेटिक के बाजार में रौनक नहीं लौटी है।
वाराणसी, जेएनएन। अनलॉक-4 में भी कास्मेटिक के बाजार में रौनक नहीं लौटी है। स्थिति यह है कि कारोबारियों के पिछले स्टॉक अभी निकल ही नहीं पाए और लगभग 30 प्रतिशत कलर कास्मेटिक प्रोडक्ट एक्सपायर हो चुके हैं। बनारस में पूर्वांचल भर से दुकानदार कास्मेटिक उत्पाद खरीदने आते हैं, ऐसे में कई बड़े बाजार भी हैं। मगर सभी जगह अभी मंदी दिख रही है जबकि कोरोना के पहले यहां पर कम से कम सौ करोड़ का सालाना टर्न ओवर था। उधर कोविड-19 को देखते हुए डिस्पोजल किट और ट्रीमर की बिक्री बढ़ी है क्योंकि अभी सैलून व पार्लर में लोग जाने से बच रहे हैं।  ऐसे में घर पर ही ट्रीमर का प्रयोग कर पुरुष हेयर कट ले रहे हैं, वहीं पार्लर में संक्रमण से बचाव के लिए डिस्पोजल किट होना जरूरी है। कुल मिलाकर महज तीस फीसद ही कास्मेटिक की बिक्री हो रही है।

वापसी हुई तब भी नुकसान

कास्मेटिक के होलसेल कारोबारी प्रेम मिश्रा के अनुसार कास्मेटिक में कई उत्पादों की एक्सपायरी डेट दो साल होती है। मगर हमारे पास लाखों के माल की समय अवधि पूरी हो चुकी है। अब कंपनी उसे वापस लेती है या नहीं ये भी समस्या है। इस प्रक्रिया में समय भी लगेगा और तब तक पैसा भी फंसा रहेगा। मार्केट खुलने पर महज 30 प्रतिशत ही बिक्री हो रही है जिसमें मॉइश्चराइजर, क्लिंजर, टोनर, फेसवॉश किट, लिपस्टिक की ज्यादा खरीद है। तीज त्योहार भी खत्म हो रहे हैं। दुर्गापूजा व दीपावली भी ऐसे ही जाएगा। इस उद्योग से बहुत परिवार जुड़े हैं मगर इस समय आर्थिक संकट मंडरा रहा है। उधर पार्लरों व सैलून्स में भी अब कास्मेटिक की बिक्री होती है लेकिन इस बार तो सैलून चलना मुश्किल हो गया है।

स्कीम के जरिए माल निकलाने का प्रयास

कास्मेटिक प्रोडक्ट डिस्ट्रीब्यूटर मनीष गर्ग के अनुसार जो प्रोडक्ट एक्सपायरी के करीब हैं तीन चार महीने बचे हैं उनमें कंपनियां बाई वन गेट वन फ्री स्कीम चलाकर पैसा निकालने का प्रयास कर रही हैं। कास्मेटिक कंपनियों ने कई उत्पाद के दाम बढ़ा दिए हैं। ऐसे में जो पुराने कस्टमर हैं वे पुराने दाम पर ही इसे लेना चाहते हैं। इस स्थिति में ग्राहक को बनाए रखने के लिए हमें अपने पास से पैसे अदा करने पड़ रहे हैं जिससे मुनाफा नहीं के बराबर हो रहा है। महिलाएं सिर्फ बहुत जरूरी चीजें ही खरीद रही हैं। केवल फेसवॉश, ङ्क्षक्लङ्क्षजग, टोनर, माइश्चराइजर ले रही हैं जिससे घर पर प्रयोग कर सकें। हालांकि सैलून्स में प्रयोग होने वाले डिस्पोजल किट जिसमें एप्रिन, चादर, कटिंग शीट, ग्लव्ज, मास्क होता है उसकी बिक्री काफी बढ़ गई है। एक किट की कीमत लगभग 30 रुपये है। इसके अलावा ट्रीमर जो कोरोना के पहले पूरे साल में महज 10 फीसद बिकता था, उसकी बिक्री लॉकडाउन से अभी तक 80 प्रतिशत तक बढ़ गई है।

पूर्वांचल से बनारस कास्मेटिक खरीदने आते हैं कारोबारी

  • कोरोना के पहले सालाना होता था कम से कम सौ करोड़ का टर्नओवर
  • मऊ, भदोही, गाजीपुर, जौनपुर सहित पूरे पूर्वांचल से बनारस कास्मेटिक खरीदने आते हैं कारोबारी
  • बनारस में लगभग चार हजार हैं बड़े कारोबारी
  • ज्यादातर कारोबारियों के तीस प्रतिशत कास्मेटिक उत्पाद हो चुके हैं एक्सपायरी
  • राजादरवाजा,चौक, दालमंडी हैं बड़े कास्मेटिक बाजार
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