Varanasi News: कफ सिरप का अवैध धंधा करने वाले गिरोह का राजफाश, सरगना समेत तीन गिरफ्तार
वाराणसी पुलिस के हाथ बड़ी सफलता लगी है। एक गिरोह के जरिए कफ सिरप का अवैध भंडारण करने और दूसरे जिलों में भेजने की जानकारी पर पुलिस ने गिरोह का राजफाश करते हुए 202 पेटी कफ सिरप बरामद किया। साथ ही पुलिस ने सात लोगों पर मुकदमा दर्ज करते हुए गिरोह के सरगना व गोदाम मालिक समेत तीन को गिरफ्तार किया है।
By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandUpdated: Mon, 28 Aug 2023 11:27 AM (IST)
वाराणसी, संवाद सहयोगी। अवैध रूप से कफ सिरप बेचने वाले गिरोह का राजफाश करते हुए मंडुवाडीह पुलिस ने लखनपुर से 202 पेटी कफ सिरप बरामद किया। इसकी कीमत 41 लाख 80 हजार बताई जा रही है। सिरप को बनारस समेत पूर्वांचल के दूसरे जिलों में भेजने की तैयारी थी। इस मामले में सात लोगों पर मुकदमा दर्ज करते हुए गिरोह के सरगना समेत तीन को गिरफ्तार किया है। उनके पास से दो लाख 80 हजार रुपये, मालवाहक आटो व एक स्कूटी भी बरामद की। नशेड़ी इसका इस्तेमाल नशे के लिए करते हैं।
यह है पूरा मामला
मंडुवाडीह थाना प्रभारी विमल कुमार मिश्रा के अनुसार कुछ दिनों से क्षेत्र में एक गिरोह के जरिए कफ सिरप का अवैध भंडारण करने और दूसरे जिलों में भेजने की जानकारी मिली रही थी। पुलिस गिरोह पर नजर जमाए थी। सुबह एक मालवाहक आटो पकड़ा गया जिसमें कफ सिरप लदा था। पुलिस ने चालक से पूछताछ की तो उसने लखनपुर में गोदाम होने की जानकारी दी। थाना प्रभारी ने मड़ौली चौकी प्रभारी अजय कुमार यादव व टीम के साथ छापेमारी की तो गोदाम में रखे 202 पेटी में सिरप की 24240 शीशी बरामद हुईं।
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पुलिस ने गोदाम मालिक व गिरोह के सरगना चेतगंज थाना क्षेत्र के बड़ी पियरी निवासी प्रशांत कुमार, उसके कर्मचारी पानदरीबा के हिमांशु कसेरा व मालवाहक चालक चंदौली के मुगलसराय निवासी अजय केशरी को गिरफ्तार कर लिया। प्रशांत की स्कूटी की डिग्गी से दो लाख 52 हजार तथा हिमांशु के पास से 28 हजार रुपये बरामद हुए।
धंधे में शामिल हैं ये आरोपित
तीनों ने पूछताछ में बताया कि इस धंधे में भेलूपुर थाना क्षेत्र के सोनारपुरा के राहुल मजूमदार, किशन यादव, अरुण यादव, अमन चौरसिया भी शामिल हैं। सभी के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया है। तीन गुने दाम में बेच रहे थे सिरप मंडुवाडीह थाना प्रभारी के अनुसार गिरोह का सरगना तीन महीने से नशीला कफ सिरप आनरेक्स दिल्ली से मंगाता था। उसके पास दवा बेचने का लाइसेंस नहीं था। वह खरीद बिक्री का कोई काजगात नहीं दिखा सका। चिकित्सक की सलाह पर मिलने वाली यह दवा लाइसेंसशुदा दुकानों से 60 रुपये में बेची जाती है। बिना किसी लाइसेंस व जरूरी कागजात के नशेबाजों को इसे 170 रुपये में बेचा जाता था। प्रशांत हर माह लगभग एक से डेढ़ करोड़ का सिरप बेचता था। कई गिरोह दिल्ली, गाजियाबाद तथा लखनऊ से अवैध रूप से अवैध दवाएं लाकर बिना बिल पुर्जे के गाजीपुर, आजमगढ़, जौनपुर, मऊ आदि जिलों में बेचते हैं।नशे के लिए कर रहे इस्तेमाल
नशीले कफ सिरप के बरामदगी की सूचना पर मंडुवाडीह थाने पर औषधि विभाग की टीम भी पहुंची। औषधि निरीक्षक विवेक कुमार ने बताया कि पकड़े गए सिरप को तैयार करने में कोडेइन फास्फेट का इस्तेमाल किया जाता है। कफ व दर्द में राहत देने के उपयोग में आता है। यह मार्फीन के समान है जो ज्यादा इस्तेमाल करने पर नशा भी करता है। इसे लाइसेंसशुदा दुकानों से चिकित्सक के परामर्ष पर बेचा जा सकता है। सस्ता होने की वजह से बहुत से लोग इसका उपयोग नशे के लिए करते हैं। दुकानदार मोटी कमाई के चक्कर में नशेबाजों को उपलब्ध कराते हैं।
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