वाराणसी के ज्ञानवापी मामले में ईद बाद कमीशन की कार्यवाही कराने का आदेश, 10 मई को अदालत में होगी सुनवाई
court Order in case of commission proceedings on shringar gauri वाराणसी में लंबे समय से विवाद के केंद्र में रहे शृंगार गौरी और अन्य विग्रहों की नियमित पूजा अर्चना को लेकर आखिरकार अदालत का फैसला मंगलवार को आ गया।
By Abhishek SharmaEdited By: Updated: Tue, 26 Apr 2022 08:39 PM (IST)
जागरण संवाददाता, वाराणसी : काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी परिसर स्थित मां शृगार गौरी व अन्य देव विग्रहों के नियमित पूजन-अर्चन की इजाजत के मामले में सिविल जज (सीनियर डिविजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने मंगलवार अपना फैसला सुना दिया। कोर्ट ने कहा कि ईद त्योहार को देखते हुए एडवोकेट कमिश्नर तीन मई से बाद ही कार्यवाही करेंगे। इस दौरान वीडियोग्राफी कराई जाएगी। इसके बाद एडवोकेट कमिश्नर रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत करेंगे। कोर्ट की अगली सुनवाई 10 मई को होगी।
ज्ञानवापी परिसर स्थित मां शृंगार गौरी व अन्य देवी-देवताओं के विग्रहों के बारे में मौके की वस्तुस्थिति जानने के लिए अदालत द्वारा आठ अप्रैल को अधिवक्ता अजय कुमार मिश्र को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया गया था। एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही को लेकर जिला और पुलिस प्रशासन ने 18 अप्रैल को अदालत में प्रार्थनापत्र दायर किया था। इसमें कार्यवाही में कितने लोग रहेंगे, किस-किस स्थल को चिह्नित किया जाएगा, इस बारे में दिशा-निर्देश देने को कहा गया था। यह भी कहा गया था कि मामला बेहद संवेदनशील व कानून-व्यवस्था से जुड़ा है। शृंगार गौरी बैरिकेङ्क्षडग के बाहर स्थित हैं। बैरिकेडिंग के अंदर अथवा मस्जिद परिसर की रिपोर्ट प्रस्तुत करने का कोई औचित्य नहीं है। मस्जिद में जाने वाले गेट का प्रयोग मुसलमान एवं सुरक्षाकर्मियों के अलावा अन्य कोई नहीं कर सकता। इसलिए बैरिकेङ्क्षडग के अंदर एडवोकेट कमिश्नर या अन्य के जाने पर रोक लगाने की मांग की गई थी।
कोर्ट में वादी पक्ष की ओर से अधिवक्ता सुधीर त्रिपाठी ने प्रशासन के प्रार्थनापत्र पर आपत्ति जताते हुए दलील दी कि कमीशन की कार्यवाही का उद्देश्य मौके पर कोई कब्जा करना नहीं, मां शृंगार गौरी के मंदिर से जुड़े साक्ष्य को अदालत के समक्ष लाना है। मस्जिद में किसी अन्य धर्म के लोगो के जाने पर प्रतिबंध होने का मुद्दा उठाए जाने पर अंजुमन इंतजामिया मसाजिद की ओर से उपस्थित अधिवक्ताओं से अदालत ने पूछा तो बताया गया कि मस्जिद में किसी भी धर्म का व्यक्ति प्रवेश कर सकता है। अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के पश्चात 26 अप्रैल तक के लिए आदेश सुरक्षित रख लिया था।
यह है प्रकरण : नई दिल्ली निवासी राखी सिंह, लक्ष्मी देवी, सीता शाहू, मंजू व्यास व रेखा पाठक की तरफ से 18 अगस्त 2021 को सिविल जज (सीडि) की अदालत में वाद दाखिल किया गया था। इसमें मां शृंगार गौरी के दैनिक दर्शन-पूजन एवं अन्य अनुष्ठान की अनुमति देने के साथ ही परिसर में स्थित भगवान गणेश, हनुमान, नंदी जी एवं अन्य देवताओं के विग्रहों को सुरक्षित रखने की मांग की गई थी।
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