बनारस रेलवे स्टेशन के पास क्षतिग्रस्त वैगन हटा ट्रैक को किया चालू, 16 घंटे के बाद आवागमन शुरू
मंगलवार की रात बनारस स्टेशन के पास दुर्घटना ग्रस्त मालगाड़ी के क्षतिग्रस्त वैगन को 16 घण्टे के प्रयास से आवागमन सुचारू हो गया। बुधवार की सुबह भी दर्जनों कर्मचारी ट्रैक से दुर्घटनाग्रस्त वैगनों को हटाने में जुटे हुए थे। कार्य के दौरान ओएचई के बिजली कनेक्शन काट दिए गए थे।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। मंगलवार की रात बनारस स्टेशन के पास दुर्घटना ग्रस्त मालगाड़ी के क्षतिग्रस्त वैगन को 16 घण्टे के अथक प्रयास से आवागमन सुचारू हो गया। मंगलवार की रात में समस्तीपुर से प्रयागराज जा रही मालगाड़ी का बनारस स्टेशन के उत्तरी छोर पर सांड को बचाने में पांच वैगन पलट कर क्षतिग्रस्त हो गए और रेल ट्रैक व स्लीपर के परखच्चे उड़ गए।एक नम्बर प्लेटफार्म का सिग्नल बॉक्स भी उखड़ गया। सूचना पाते ही मौके पर डीआरएम सहित कई उच्चाधिकारी पहुच गए।आनन फानन में ट्रैक साफ करने के लिए एसपीआरएटी की टीम व अन्य कर्मचारी भी पहुच गये।रातभर ट्रैक को चालू करने के लिए क्षतिग्रस्त बोगियों को हटाने का काम जारी रहा।
बुधवार की सुबह भी रेलवे के दर्जनों कर्मचारी ट्रैक से दुर्घटनाग्रस्त वैगनों को हटाने में जुटे हुए थे।कार्य के दौरान ओएचई के बिजली कनेक्शन काट दिए गए थे। क्रेन द्वारा एक क्षतिग्रस्त वैगन को प्लेटफार्म नंबर एक पर रखा गया।मौके पर मौजूद मेंटनेंस के अधिकारियों ने बताया की दुर्घटना की वजह से अप लाइन बाधित हो गयी थी। वैगनों को हटाते हुए देखने के लिए मंडुआडीह आरओबी व आसपास तमाशाबीन की भीड़ लगी हुई थी।
भविष्य में इस तरह के घटना की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए डीआरएम पूर्वोत्तर रेलवे रामाश्रय पांडेय ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया है।कमेटी में वरिष्ठ मंडल संरक्षा अधिकारी राहुल श्रीवास्तव, वरिष्ठ मंडल इंजीनियर अनुज वर्मा, वरिष्ठ मंडल यांत्रिक इंजीनियर एसपी श्रीवास्तव सदस्य है। पूर्वोत्तर रेलवे के पीआरओ अशोक कुमार ने बताया कि मंगलवार की रात 10 बजे से बुधवार को दोपहर 1:30 बजे तक सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने अथक प्रयास कर अपलाइन को आवागमन हेतु चालू कर दिया है।
वाराणसी-लखनऊ के बीच प्रसिद्ध ट्रेन की नए कलेवर में वापसी की तैयारी : उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक अशुतोष गंगल ने बुधवार को कैंट स्टेशन पर प्रस्तावित विकास कार्यों का जायजा लिया। साथ आए नई दिल्ली मुख्यालय के ब्रांच अफसरों ने परियोजनाओं का स्थलीय मुआयना किया। महाप्रबंक आशुतोष गंगल ने बताया कि वाराणसी और लखनऊ के बीच प्रसिद्ध वरुणा एक्सप्रेस को नए कलेवर में वापस लाने की तैयारी है। ट्रेन की स्पीड बढ़ाने और उसकी समय सारिणी में बदलाव किया जा रहा है। बताया कि उत्तर रेलवे में दोहरीकरण और विद्युतीकरण का काम अंतिम चरण में है। परिणाम, ट्रेनों की गति स्वत: बढ़ जाएगी।