वाराणसी में दंडी संन्यासियों ने स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को समर्पित की श्रद्धांजलि, स्वामी ईश्वरानंद तीर्थ ने कहा- अद्वितीय थे शंकराचार्य
ब्रह्मलीन द्वारका शारदा व ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज को दंडी संन्यासियों समेत काशीवासियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। शिव काशी मंच की ओर से असि स्थित मुमुक्ष भवन में आयोजित श्रद्धांजलि सभा की अध्यक्षता अखिल भारतीय दंडी संन्यासी समिति के महामंत्री स्वामी ईश्वरानंद तीर्थ महाराज ने की।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। ब्रह्मलीन द्वारका शारदा व ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज को दंडी संन्यासियों समेत काशीवासियों ने बुधवार को श्रद्धांजलि अर्पित की। शिव काशी मंच की ओर से असि स्थित मुमुक्ष भवन में आयोजित श्रद्धांजलि सभा की अध्यक्षता करते हुए अखिल भारतीय दंडी संन्यासी समिति के महामंत्री स्वामी ईश्वरानंद तीर्थ महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज का व्यक्तित्व व कृतित्व अद्वितीय रहा। उनके द्वारा धर्म व समाज के लिए किए गए कार्यों की लंबी सूची है। वे समस्त दंडी संन्यासी समाज के पथ प्रदर्शक थे। समस्त दंडी संन्यासी समाज सदा उनका ऋणी रहेगा।
शिव काशी मंच प्रमुख संजय पांडेय ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज ने अपना पूरा जीवन सनातन धर्म को पुष्ट करने में गुजार दिया। राम मंदिर का ताला खुलवाया। उनकी कृपा से ही रामजन्म भूमि हिंदुओं को मिला और श्रीराम मंदिर बनने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। राम सेतु को महाराज ने बचाया व साथ ही गंगा को राष्ट्रीय नदी घोषित कराया। काशी से स्वरूपानंद महाराज का गहरा नाता रहा है। उनके ब्रह्मलीन होने से काशीवासी मर्माहत हैं। ब्रह्मचारी हृदयानंद, डा. अभय शंकर तिवारी, विनीत तिवारी आदि ने विचार व्यक्त किए। सुबह-ए-बनारस के कोषाध्यक्ष सुनील शुक्ला ने आभार जताया। स्वामी जयदेवानंद तीर्थ, स्वामी रमेशानंद तीर्थ, स्वामी केदारानंद तीर्थ, स्वामी अनभुतानंद तीर्थ, स्वामी अनुभवानंद तीर्थ, स्वामी हरिहरानंद तीर्थ महाराज आदि थे।