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बलिया के दयाशंकर सिंह और दानिश आजाद अंसारी को कैबिनेट में मौका, 1952 से अब तक 18 विधायक बने हैं मंत्री

Yogi Adityanath Oath Ceremony भाजपा की दूसरी सरकार में भी जिले से दो मंत्री बनाए गए हैं। 2017 में भी दो मंत्री थे। बलिया से भाजपा को इस बार सिर्फ दो सीट मिली है। तीन सीटों का बड़ा नुकसान हुआ फिर भी जनपद को पूरी अहमियत मिली है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Updated: Fri, 25 Mar 2022 08:39 PM (IST)
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भाजपा की दूसरी सरकार में भी जिले से दयाशंकर सिंह और दानिश दो मंत्री बनाए गए हैं।

बलिया, संग्राम सिंह : ''बागी बलिया'' की माटी से कई मजबूत ''सियासी घड़े'' तैयार हुए। लोकनायक जयप्रकाश नारायण और छोटे लोहिया जनेश्वर मिश्र देश की राजनीति को बड़े फलक तक ले गए। यहीं के चंद्रशेखर प्रधानमंत्री बने। हर सरकारों में भृगुनगरी को भरपूर इज्जत मिली। अब भाजपा की दूसरी सरकार में भी जिले से दो मंत्री बनाए गए हैं। 2017 में भी दो मंत्री थे। उपेंद्र तिवारी और आनंद स्वरूप शुक्ला। इस बार उन्हें शिकस्त मिलने से दो नए चेहरे को मौका मिला है। पिछली बार भाजपा गठबंधन को पांच सीटें मिली थी, लेकिन इस बार सिर्फ दो। तीन सीटों का बड़ा नुकसान हुआ, फिर भी जनपद को पूरी अहमियत मिली है।

बलिया नगर सीट से विधायक बने दयाशंकर सिंह स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री बने हैं, पिछली बार इसी सीट से आनंद को संसदीय कार्य राज्यमंत्री बनाया गया था। दयाशंकर भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं। वह बड़े नेता हैं, उनके मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने से जनपद के माथे पर गहरी हाे चुुकीं पिछड़ेपन की लकीरें मिटेंगी। ज्वलंत मुद्दों को आवाज मिलेगी। क्रांतिकारी धरती की चमक राष्ट्रीय फलक पर बढ़ेगी। बाढ़ और जलजमाव जैसी समस्याओं का स्थायी निदान होगा। दयाशंकर के अलावा जिले के बसंतपुर गांव में पले-बढ़े दानिश आजाद अंसारी को भी राज्यमंत्री बनाया गया है, सरकार के इस फैसले से यकीनन अल्पसंख्यक वर्ग में पकड़ और मजबूत होगी। बता दें कि 1952 से अब तक जिले के 18 विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह मिली है। भाजपा से भरत सिंह व हरिनारायण राजभर भी मंत्री रह चुके हैं।

दयाशंकर पांचवें जबकि दानिश छठें मंत्री बने हैं। वर्ष 2012 की समाजवादी सरकार में बलिया से चार मंत्री बना गए थे, इसमें रामगोविंद चौधरी, नारद राय, अंबिका चौधरी और मुहम्मद जियाउद्दीन रिजवी शामिल रहे। आठ बार के विधायक रहे रामगोविंद को 2017 में सपा नेता प्रतिपक्ष भी बनाया गया था। इस बार उन्हें भाजपा-निषाद पार्टी गठबंधन की केतकी सिंह से हार मिली है। इसके अलावा शारदानंद अंचल, बच्चा पाठक, निर्भय नारायण सिंह, जगरनाथ चौधरी, शिवमंगल सिंह, राजधारी सिंह, काशीनाथ मिश्र, विक्रमादित्य पांडेय, गौरी भईया और घूराराम को भी मंत्रिमंडल में जगह मिल चुकी है। मंत्रियों की इतनी लंबी फेहरिस्त के बाद भी बलिया के सामने मुसीबतों का पहाड़ खड़ा है। नए मंत्रियों के सामने जिले को तरक्की की राह पर सरपट दौड़ाना बड़ी चुनौती होगी।

बच्चा चार, शारदानंद तीन और रामगोविंद दो बार पहुंचे मंत्रिमंडल में

बांसडीह के दो विधायक प्रदेश सरकार में मंत्री बन चुके हैं। कांग्रेस के बच्चा पाठक चार बार मंत्री बना गए थे। 1982, 1991, 1993 व 1997 में उन्हें अलग-अलग विभागों की जिम्मेदारी मिली। इसी तरह रामगोविंद चौधरी 2002 और 2012 में मंत्री बने थे। जबकि शारदानंद अंचल 1889, 1993 और 2002 मंत्री बनाए गए थे।

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