पैकेट बंद आटा की बढ़ी मांग, नवंबर तक आटे की बिक्री में रहेगी गिरावट
बरसात के कारण बोरियों में बिकने वाले आटे में कीड़े लगने के कारण इस समय बाजार में पैकेट बंद आटा की मांग बढ़ गई है। ब्रांडेड कंपनियों के पैकिंग की तर्ज पर स्थानीय फ्लोर मिल संचालक भी अब उसी तरह की पैकिंग करके अपने उत्पाद को बाजार में उतारे हैं।
By Saurabh ChakravartyEdited By: Updated: Wed, 30 Sep 2020 11:39 PM (IST)
वाराणसी, जेएनएन। बरसात के कारण बोरियों में बिकने वाले आटे में कीड़े लगने के कारण इस समय बाजार में पैकेट बंद आटा की मांग बढ़ गई है। ब्रांडेड कंपनियों के पैकिंग की तर्ज पर स्थानीय फ्लोर मिल संचालक भी अब उसी तरह की पैकिंग करके अपने उत्पाद को बाजार में उतारे हैं। स्थानीय कारोबारियों का मानना है कि नमी के कारण बोरियों में कीड़े लगने की संभावनाएं ज्यादा रहती हैं। फ्लोर मिल संचालक विजय कपूर ने बताया कि बनारस में अभी तक सभी फ्लोर मिलों में बोरियों के झोले में ही पैकिंग की जाती थी। लेकिन अब ग्राहकों की मांग पर हमें अपने पैकिंग सिस्टम को बदलना पड़ा है।
नवंबर तक आटे की बिक्री में रहेगी गिरावटव्यवसायी विजय कपूर ने बताया कि कोरोना महामारी के कारण सरकार नवंबर तक लोगों को मुफ्त गेहूं दे रही है। इस कारण आटे की बिक्री में गिरावट हुई है। उम्मीद है कि दिसंबर से बिक्री बढ़ेगी।
भाव में चल रहा नरमीव्यवसायी मुकेश जायसवाल ने बताया कि फिलहाल तो आटा की बिक्री कम हो रही है। इस कारण बाजार भाव भी पहले की अपेक्षा कम है। वर्तमान में 18-20 रुपये प्रतिकिलो तक मंडी में आटा बिक रहा है। अभी दो माह तक आटा का भाव स्थिर रहने की उम्मीद है। हालांकि फुटकर दुकानदार 25 रुपये प्रतिकिलो तक का भाव बेच रहे हैं।
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