डिजिटल बाजार ने पकड़ी लोगों की बीच रफ्तार, वाराणसी में प्रतिदिन 35 हजार पार्सल की हो रही डिलीवरी
पूर्वांचल के सभी जिलों में वितरण के लिए बनारस को सभी कंपनियों ने हब बनाया है। शहर से बाहर हाईवे के आस-पास इन कंपनियों के बड़े-बड़े गोदाम हैं। जहां बड़े कंटेनर वाले ट्रकों से माल आता है। फिर छोटी-छोटी गाड़ियों से इसे पड़ोसी जिलों में भेजा जाता है।
वाराणसी, सौरभचंद्र पांडेय : सात समंदर पार से शुरू हुआ आनलाइन कारोबार अब गांव-गांव तक पैर पसार चुका है। वक्त के साथ-साथ परिस्थितियां बदलीं तो ग्राहकों ने इसे अपनाया और आजमाया भी। डिजिटल प्लेटफार्म पर 24 घंटे 365 दिन तक खुला रहने वाले इस बाजार में ग्राहकों की संख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है।
डिजिटल बाजार की रैक में सजे सामान नन्हें-मुन्नों के साथ ही अब हर वर्ग को लुभा रहे हैं। यही कारण है कि लोगों का इससे जुड़ाव बढ़ता जा रहा है। बीते दो वर्षों में कोरोना महामारी के दौरान लोग इस पर ज्यादा निर्भर हुए हैं। यही कारण है कि डिजिटल बाजार की धाक बढ़ी है।
प्रतिदिन 35 हजार पार्सल पहुंचाए जा रहे घर
भौतिक बाजार के करीब 40 फीसद भाग पर डिजिटल बाजार कब्जा जमा चुका है। इसको देखते हुए अब बड़े औद्योगिक घराने भी डिजिटल बाजार में कदम रख रहे हैं। अमेजन, फ्लिपकार्ट, स्नैपडील, एजिओ, मिंत्रा, मीशो सहित सभी कंपनियों को मिलाकर लगभग 35 हजार पार्सल प्रतिदिन डिलीवरी हो रही है। पहले यह आंकड़ा लगभग पांच हजार के आस-पास था।
डिजिटल बाजार का डिस्ट्रीब्यूशन चैनल है स्ट्रांग
ई-बाजार कंपनी के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि हमारा आधार डिस्ट्रिब्यूशन चैनल है। पूर्वांचल के सभी जिलों में वितरण के लिए बनारस को सभी कंपनियों ने हब बनाया है। शहर से बाहर हाईवे के आस-पास इन कंपनियों के बड़े-बड़े गोदाम हैं। जहां बड़े कंटेनर वाले ट्रकों से माल आता है। फिर छोटी-छोटी गाड़ियों से इसे पड़ोसी जिलों में भेजा जाता है।
बनारस शहर की डिलीवरी के लिए शहर के कई हिस्सों में छोटे-छोटे गोदाम बनाए गए हैं। यहां से डिलीवरी ब्वाय ग्राहकों के सामान को प्राप्त करके उनके घर तक पहुंचाते हैं। ग्राहकों की खरीदारी से लेकर सामान उन तक पहुंचाने तक की सभी गतिविधियों पर कंपनियां बेंगलुरू से नजर रखती हैं।
एक क्लिक में उपलब्ध है सभी सामान
डिजिटल बाजार का कारोबार कर रहीं कंपनियां अपने ग्राहकों को इतनी सुविधाएं दे रहीं हैं कि उन्हें भौतिक बाजार में निकलने की जरूरत ही नहीं महसूस हो रही है। हर कंपनी का एप है। एक क्लिक में ग्राहकों के सामने गारमेंट्स, कास्मेटिक्स, फुटवियर, किचन का सामान, इलेक्ट्रानिक्स बाजार, खिलौने, दवा आदि सभी सामान उपलब्ध हैं। दिन हो या रात किसी भी समय इस एप से खरीदारी की जा सकती है।
आफर्स की है भरमार
आनलाइन खरीदारी में सामान भौतिक बाजार की तुलना में काफी सस्ता मिलता है। सहूलियत यह है कि कंपनियां सामान को सीधे ग्राहकों के घर तक पहुंचाती हैं। इसके साथ ही राष्ट्रीय और सामाजिक पर्व पर ये कंपनियां अपने ग्राहकों को 40 से 60 फीसद तक का छूट भी देती हैं।
रोजाना पहुंचा रहे 25 से अधिक पार्सल
शुरुआत में 10 पार्सल बहुत मुश्किल से मिलता था। अब तो रोजाना 25 से 30 पार्सल की डिलीवरी करते हैं। कोरोना के बाद से आनलाइन शापिंग का क्रेज काफी बढ़ गया है।
- दीपक चौरसिया, डिलीवरी ब्वाय, टकटकपुर।
खुदरा बाजार पर पड़ रहा असर
आनलाइन कारोबार बढ़ने से खुदरा बाजार में सन्नाटा छाया है। इससे दुकानदारों में निराशा है। आनलाइन कारोबार उनके व्यवसाय को प्रभावित कर रहा है। ग्राहक आनलाइन कंपनियों से रेट की तुलना करते हैं।
- प्रशांत मिश्रा, डिपार्टमेंटल स्टोर संचालक, लमही।
नहीं पसंद आया तो वापस करने में कोई समस्या नहीं
आनलाइन खरीदारी में ग्राहकों का सबसे बड़ा फायदा यह है कि उत्पाद पसंद नहीं आने पर बिना समस्या के उसे वापस किया जा सकता है, जबकि भौतिक बाजार में दुकानदार बिका हुआ सामान लेने में आनाकानी करते हैं।
- नीलिमा, गृहिणी, लालपुर।
खरीदारी के लिए मिलते हैं कई विकल्प
भौतिक बाजार से खरीदारी करने में चुनिंदा उत्पाद ही मिलते हैं, जबकि आनलाइन खरीदारी करने में ग्राहकों के पास कई विकल्प मौजूद रहते हैं। एक उत्पाद कई रंग और रूप में उपलब्ध रहता है। उसके कई ब्रांड भी मौजूद रहते हैं।
- शिप्रा सिंह, गृहिणी, पहड़िया।