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Double Murder In Varanasi : हत्‍या के मामले में जांच में जुड़ती गईं कड़ियां और अपराधियों तक पहुंची पुलिस

नरिया में मां-बेटी की हत्या करने वालों तक पहुंचना पुलिस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं था। लगातार हर एंगल से जांच करने के दौरान कड़ियां जुड़ती गईं और पुलिस हत्यारों तक पहुंच गई। इसमें मुखबिरों से लेकर सर्विलांस तक का भरपूर उपयोग किया गया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Updated: Thu, 01 Sep 2022 07:44 PM (IST)
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मां-बेटी की हत्या में शामिल बदमाशों को पुलिस ने पकड़ा
जागरण संवाददाता, वाराणसी : नरिया में मां-बेटी की हत्या करने वालों तक पहुंचना पुलिस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं था। लगातार हर एंगल से जांच करने के दौरान कड़ियां जुड़ती गईं और पुलिस हत्यारों तक पहुंच गई। इसमें मुखबिरों से लेकर सर्विलांस तक का भरपूर उपयोग किया गया।

तीन जुलाई को सुनीता पांडेय व उनकी बेटी दीपिका की हत्या हुई थी। दस दिन बात 13 जुलाई को पुलिस की इसकी जानकारी मिली। इसके बाद 50 से अधिक लोगों को हिरासत में लेकर पुलिस ने पूछताछ की। इन मां-बेटी को जानने वालों से लेकर पड़ोसी और दोनों बेटे तक रहे। पुलिस को सबसे ज्यादा शक उनके दोनों बेटों पर था। बड़ा बेटा अखिलेश वकील है और दिल्ली में रहता है। छोटा बेटा अंजनी चोलापुर में रहता है और एक पोल्ट्री फार्म में काम करता है।

सुनीता के पति बालेंदु गोपाल पांडेय बिजील विभाग से सेवानिवृत्त हुए थे। दो साल पहले उनकी मौत हो गई थी। सुनीते के दोनों बेटों पर उनकी बहन ने भी शक जाहिर किया था। पुलिस की जांच में इनकी कोई भूमिका नजर नहीं आई। इसके साथ सर्विलांस से लेकर सीसीटीवी फुटेज को बार-बार खंगाला गया। इस दौरान विजय पाल के काल डिटेल रिपोर्ट (सीडीआर) से अतुल के बड़े भाई अमन के बारे में पुलिस को जानकारी मिली।

सर्विलांस के जरिए उसकी गतिविधयों पर नजर रखा गया तो पुलिस का उस पर संदेह बढ़ता गया। इसी दौरान पुलिस को सूचना मिली कि लूट के मामले के बंटवारे के लिए तीनो लंका क्षेत्र में जुटने वाले हैं। घेरेबंदी करके दोनों भाइयों को सरकार ढाबा से और विजय को नरिया तिराहे से गिरफ्तार कर लिया। इनके पास से दीपिका के दो मोबाइल फोन, सुनीता के पति बालेंदु गोपाल पांडेय के नाम से जारी दस-दस हजार के नौ राष्ट्रीय बचत पत्र, लूटे गए सोने-चांदी के गहने, नकद रुपये बरामद हुए।

तीनों में घटना में शामिल होने स्वीकार किया। उनकी निशानदेही पर घटना में इस्तेमाल हथौड़ा व खून लगी ईंट नरिया प्राथमिक विद्यालय के पीछे झाड़ियों से बरामद हुए। घटना के बाद पुलिस ने पहले भी विजय से पूछताछ की थी लेकिन वह इतना चालाक था कि केई संदेह नहीं होने दिया। वहीं दोनों भाई भी काफी दिनों तक बनारस से दूर ही रहे। इससे काफी दिनों तक पुलिस की नजर से बचे रहे। वहीं मां-बेटी की लाश दस दिन बाद बेहद खराब हालत में पुलिस को मिली थी। इससी वजह से मौके पर सुबूत भी मुश्किल से मिल पा रहे थे।

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