Varanasi News: बदलेगी रोपवे की ड्राइंग, दो नाला सुरक्षित रखते हुए करनी होगी पाइलिंग
पहला फेज में कैंट और विद्यापीठ स्टेशन का काम पूरा कर लिया गया है। टावर स्थापित किए जा रहे हैं। करीब 1.80 किलोमीटर लंबी दूसरे चरण की परियोजना में गोदौलिया गिरिजा घर और रथयात्रा शामिल है इसमें गिरिजाघर स्टेशन को तकनीकी कार्य के लिए उपयोग किया जाएगा। ड्राइंग का दोबारा अध्ययन पूरा होगा तो उसे अंतिम रूप देने के लिए स्विटजरलैंड भेजा जाएगा।
संग्राम सिंह, वाराणसी। देश के पहली अर्बन रोपवे परियोजना के दूसरे चरण का कार्य शुरू करने के लिए एनएचएलएमएल (नेशनल हाईवे लाजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड) ने कमर कस ली है, लेकिन निर्धारित रूट पर आई नई अड़चन ने इंजीनियरों के माथे पर बल ला दिया है। गोदौलिया से गिरिजाघर के मध्य गतिरोध बनी आधा दर्जन विभागों की संपत्तियों ने मुश्किल खड़ी कर दी है। वाराणसी विकास प्राधिकरण ने नया सर्वे पूरा किया है।
अब प्राथमिक ड्राइंग तैयार हाे चुकी है। वीडीए और एनएचएलएमएल के इंजीनियर ड्राइंग को अंतिम रूप देने में जुटे हैं, लेकिन इसमें आंशिक बदलाव होगा। रोपवे का एलाइनमेंट थोड़ा बदलेगा। जलकल, जल निगम, टेलीकाम और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम समेत कई विभागों को अपनी संपत्तियां अन्यत्र शिफ्ट करने के आदेश हुए हैं, लेकिन जलकल विभाग का कथन है कि पेयजल की लाइन तो वह हटा लेंगे लेकिन 250 सौ साल पुरानी सीवरलाइन की शिफ्टिंग किए जाने पर गंभीर समस्या हो सकती है।
गिरिजाघर और गोदौलिया के प्रस्तावित रोपवे स्टेशन के निकट शाही नाला और घोड़ा नाला के साथ ओल्ड ट्रंक सिस्टम को भी सुरक्षित रखना होगा। इस चुनौती के साथ प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारा जाएगा, इसलिए ड्राइंग में परिवर्तन होगा।
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सुरक्षित फाउंडेशन कहां पर स्थापित हो, इसके लिए नए सिरे से मंथन चल रहा है। पाइलिंग के लिए स्थान चिह्नित किया जा रहा है। इंजीनियरों को नहीं मालूूम कि नालों के आसपास फाउंडेशन की पाइलिंग करना कितना सुरक्षित होगा। जिला प्रशासन तकनीकी विशेषज्ञों से सुझाव लेगा।
आधुनिक सुविधाओं से जुड़ेगा गोंडोला, सफर में मिलेगा आरामएनएचएलएमएल माेनोकेबल डेटाचेबल गोंडोला को आधुनिक सुविधाओं से जोड़ेेगा। यह सामान्य केबल कार नहीं होगी, बल्कि विश्वस्तरीय गुणवत्ता से जनता को सफर में आराम मिलेगा। धूप का असर गोंडोला पर नहीं होगा। कई अन्य खूबियों को गोंडोला में शामिल किया जा रहा है।
इसे भी पढ़ें- बिजली का बिल गलत बन गया तो न हों परेशान, ऐसे हो जाएगा ठीकपहला फेज में कैंट और विद्यापीठ स्टेशन का काम पूरा कर लिया गया है। टावर स्थापित किए जा रहे हैं। करीब 1.80 किलोमीटर लंबी दूसरे चरण की परियोजना में गोदौलिया, गिरिजा घर और रथयात्रा शामिल है, इसमें गिरिजाघर स्टेशन को तकनीकी कार्य के लिए उपयोग किया जाएगा।
फाउंडेशन की डिजाइन प्रस्तुत, स्विटजरलैंड की कंपनी करेगी अध्ययनड्राइंग का दोबारा अध्ययन पूरा होगा तो उसे अंतिम रूप देने के लिए स्विटजरलैंड भेजा जाएगा। चूंकि फाउंडेशन ही रोपवे परियोजना का मुख्य आधार होता है, इसलिए इस कार्य को कई बिंदुओं पर परखा जाएगा। फिलहाल शहर के छह स्थानों पर गोंडोला का सार्वजनिक प्रदर्शन करने की तैयारी चल रही है।
रूट निर्धारण में कोई बदलाव नहीं है। संबंधित विभाग अपनी संपत्तियां अन्यत्र शिफ्ट कर लें तो वह काम शुरू कर देंगे। अब हम नए एलाइनमेंट के साथ दूसरे चरण में आगे बढ़ेंगे।
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पूजा मिश्रा, प्रबंधक, एनएचएलएमएल
रोपवे का लोकेशन चिह्नित किया जा रहा है। गोदौलिया से रथयात्रा के बीच पहले अलग एलाइनमेंट तय था, लेकिन बदली परिस्थितियों के कारण थोड़ा फेरबदल हुआ है। पाइलिंग की पोजिशिनिंग बदली जाएगी।
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आनंद मिश्र, अधिशासी अभियंता, वाराणसी विकास प्राधिकरण
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