क्षमता से अधिक व्यायाम बन रहा मौत का कारण, चिकित्सक ने कहा- जब माथे या नाक पर आ जाए पसीना तो न करें कसरत
बीएचयू आयुर्वेद संकाय में मानस चिकित्सा विभाग के प्रो. जेएस त्रिपाठी बताते हैं कि इसकी वजह अपनी क्षमता से अधिक व्यायाम या श्रम करना है। कभी भी व्यायाम या क्षमता से अधिक श्रम किसी उकसावे पर न करें।
जागरण संवाददाता, वाराणसी : जिम में वर्कआउट करते समय ख्यात हास्य कलाकार राजू श्रीवास्तव का गिरकर बेहोश होना और अंतत: 41 दिनों बाद मृत्यु, मैनुपरी में जामवंत का अभिनय करते कलाकार का गिरना और मृत्यु, बरेली में डांस कर रहे एक अधेड़ प्रभात कुमार का नाचते-नाचते गिरना और मृत्यु। इसके पूर्व भी एक बाडी बिल्डर का जिम की सीढ़ियों से उतरना और बैठ जाना, बैठते ही लुढ़कना और मौत।
अभी मंगलवार को ही बीएचयू के छात्रावास में योग से पूर्व सोशल इंटरनेट मीडिया में आ रही हैं। यह एक खतरनाक संकेत है। अधिकांश घटनाएं कार्डियक अरेस्ट की हैं। बीएचयू आयुर्वेद संकाय में मानस चिकित्सा विभाग के प्रो. जेएस त्रिपाठी बताते हैं कि इसकी वजह अपनी क्षमता से अधिक व्यायाम या श्रम करना है।
प्रो. त्रिपाठी कहते हैं कि सुश्रुत प्रवेशिका में स्पष्ट कहा गया है कि ‘बलस्यार्धेन कर्तव्यो व्यायाम:’ यानी अपनी क्षमता का आधा ही व्यायाम करना चाहिए लेकिन लोग जल्द से जल्द अधिक से अधिक लाभ लेने की चाहत में अपनी क्षमता से अधिक व्यायाम करने लगते हैं। इससे हृदय पर अधिक दबाव पड़ता है, उसे अधिक आक्सीजन की आवश्यकता महसूस होती है लेकिन फेफड़ों की क्षमता उतना आक्सीजन आपूर्ति नहीं कर पाती, ऐसे में हृदय गति अचानक कम होने लगती है और रक्त संचार ठप होने लगता है। कार्डियक अरेस्ट होता है और व्यक्ति की गिरकर मृत्यु हो जाती है।
धीरे-धीरे करके बढ़ाएं व्यायाम
प्रो. त्रिपाठी कहते हैं कि कभी भी व्यायाम या क्षमता से अधिक श्रम किसी उकसावे पर न करें। अपनी शारीरिक क्षमता का ध्यान रखें। व्यायाम करना शुरू ही किए है तो उसे धीरे-धीरे करके समय के साथ बढ़ाएं। यदि उम्र 50 से अधिक हो गई है तो अचानक व्यायाम करना न शुरू कर दें।
धमनियों के सूजन की बीमारी थी मृत छात्रा को
प्रो. त्रिपाठी बताते हैं कि जैसा कि मृत छात्रा अनुभा उपाध्याय के पिता से जानकारी मिली वह दुर्लभ किस्म की टाकायासू आर्टराइटिस बीमारी से पीड़ित थी। इसमें रक्त को हृदय तक पहुंचाने वाली धमनियों में सूजन हो जाती है और वह पर्याप्त रक्त नहीं पहुंचा पातीं। पता यह भी चला कि छात्रा सोमवार को नवरात्र का व्रत थी। इससे शरीर में ऊर्जा भी कम रही होगी और उसने ज्यादा वार्म अप करने से उसकी धमनियां काम करना बंद कर दी होंगी, हृदय तक रक्त न पहुंचने से उसकी मृत्यु हो गई होगी।