वाराणसी कैंट स्टेशन फ्लाईओवर हादसे के दोषी आठ आरोपी गिरफ्तार
कैण्ट फ्लाईओवर हादसे में चल रही विवेचना के दौरान आठ अभियुक्तों को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है। उसमें अभियन्ता व ठेकेदार शामिल हैं।
By Edited By: Updated: Sat, 28 Jul 2018 04:39 PM (IST)
वाराणसी (जेएनएन)। बीते 15 मई को वाराणसी स्थित कैण्ट फ्लाईओवर हादसे में चल रही विवेचना के दौरान आठ अभियुक्तों को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है। उसमें अभियन्ता व ठेकेदार शामिल हैं, गिरफ्तार किए गए लोगों में चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर हरीश चंद्र तिवारी अरेस्ट, केआर सूदन, राजेंद्र सिंह, लालचंद्र सिंह अरेस्ट, राजेश पाल, गेंदालाल, ठेकेदार साहिब हुसैन शामिल हैं। सभी को क्राइम ब्राच टीम द्वारा थाना सिगरा पर गिरफ्तार कर जेल भेजने की तैयारी की जा रही है।
दरअसल 15 मई को देर शाम वाराणसी में कैंट रेलवे स्टेशन के सामने बन रहे फ्लाई ओवर की दो बीम गिरने से 15 लोगों की मौत हो गई थी। बिना रूट डायवर्जन के पिलर पर रखी जा रहीं दो बीम गिरने से कोहराम मच गया था। आधा दर्जन से ज्यादा वाहन इन बीमों के नीचे दब गए, जिसमें से 15 लोगों की जान चली गई थी जबकि कई गंभीर रूप से घायल थे।
एनडीआरएफ, सेना, पुलिस, पीएसी व स्थानीय लोगों की मदद से चार घटे तक चले राहत और बचाव कार्य के बाद दोनों बीम को मौके से हटाया गया था। उस समय घटना पर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और राष्ट्रपति ने दुख व्यक्त था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक जाच समिति भी इस मामले में उस समय गठित की थी। घटना की देर रात डिप्टी सीएम और मुख्यमंत्री बनारस पहुंचे और घटना स्थल देखा।
इसके बाद वह घायलों से मिलने अस्पताल भी थे। कैंट स्टेशन के करीब शाम 5.20 बजे यह घटना हुई। बीम के नीचे एक रोडवेज बस, एक बोलेरो, दो कार, एक आटो रिक्शा और चार बाइक दब गईं थीं। मौके पर अफरा-तफरी और चीख-पुकार मचने के बाद नौ क्रेन की मदद से दोनों बीम को करीब चार घटे में उठाया जा सका था।
हादसे का कारण पहली नजर में उत्तर प्रदेश सेतु निर्माण निगम द्वारा लापरवाही से किया जा रहा कार्य बताया जा गया था। आरोप था कि ट्रैफिक डायवर्जन किए बिना ही निर्माण कार्य किया जा रहा था। इस मामले में जांच रिपोर्ट आने के बाद यह पहली कार्रवाई की गई है।
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