UP Lok Sabha Election: पूर्वांचल में छठें चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू, यहां कांटों भरी राह में कांटे का मुकाबला
जौनपुर मछलीशहर भदोही आजमगढ़ और लालगंज में नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई। ये सीटें भाजपा के लिहाज से काफी कठिन हैं। 2019 के चुनाव में इसमें से जौनपुर और लालगंज की सीट बसपा के खाते में गई थी। सपा के अखिलेश यादव आजमगढ़ से विजयी हुए थे। भदोही और मछलीशहर भले ही भाजपा जीत गई लेकिन टक्कर कांटे की हुई थी।
पूर्वांचल के आजमगढ़, वाराणसी और मीरजापुर मंडल की 13 सीटों पर छठे और सातवें चरण में चुनाव होना है। छठे चरण का बिगुल सोमवार को बज गया। इसके तहत जौनपुर, मछलीशहर, भदोही, आजमगढ़ और लालगंज में नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई। ये सीटें भाजपा के लिहाज से काफी कठिन हैं। 2019 के चुनाव में इसमें से जौनपुर और लालगंज की सीट बसपा के खाते में गई थी।
सपा के अखिलेश यादव आजमगढ़ से विजयी हुए थे। भदोही और मछलीशहर भले ही भाजपा जीत गई लेकिन टक्कर कांटे की हुई थी। इन सीटों पर सभी प्रमुख दल और गठबंधन से प्रत्याशी सामने आ गए हैं। इस बार भी यहां मुकाबला कांटे का होने की उम्मीद है। पेश है इन पांच सीटों के चुनावी रण पर अशोक सिंह की रिपोर्ट...
त्रिकोणीय मुकाबले को सजा मैदान
जौनपुर में 2019 के लोकसभा चुनाव में मिली हार का हिसाब चुकता करने के लिए भाजपा ने पहली ही सूची में महाराष्ट्र के पूर्व गृह राज्यमंत्री रहे कृपाशंकर सिंह को मैदान में उतारा है। सपा ने पूर्व मंत्री बांदा निवासी बाबू सिंह कुशवाहा को यहां उतारकर लड़ाई को दिलचस्प बनाने का प्रयास किया, लेकिन यह हाट सीट तब बन गई जब तमाम किंतु-परंतु के बाद पूर्व सांसद धनंजय सिंह की पत्नी जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीकला सिंह को बसपा ने टिकट थमा दिया।
यहां कोई जन्मभूमि तो कोई कर्मभूमि के लिहाज से परदेसी है। इन सियासी दिग्गजों के बीच कांटे की टक्कर के प्रबल आसार दिख रहे हैं। नेताओं के हाई-फाई कद व सहानुभूति के फैक्टर से मुकाबला दिलचस्प हो गया है। सपा अपने कैडर के साथ मौर्य तो बसपा क्षत्रिय मतदाताओं पर दावा कर रही है।
कुल मतदाता: 19,58,554पुरुष मतदाता: 10,15,545महिला मतदाता: 9,42,923थर्ड जेंडर: 86
इसे भी पढ़ें- सियासी राह पर उतरीं अफजाल अंसारी की बेटी नुसरत, शिव मंदिर में टेका माथा, वायरल हो रही तस्वीरकालीन नगरी में रोचक मुकाबलाभदोही लोकसभा क्षेत्र में किसके सिर पर ताज सजेगा यह इस बार देखना बेहद दिलचस्प होगा। भाजपा ने मझवां विधानसभा क्षेत्र से निषाद पार्टी के विधायक डा. विनोद बिंद को मैदान में उतारा है। आइएनडीआइए ने मड़िहान विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस से विधायक रहे ललितेश पति त्रिपाठी पर भरोसा जताते हुए दांव लगाया है।
तृणमूल कांग्रेस के निशान पर लड़ रहे ललितेश पूर्व मुख्यमंत्री व केंद्रीय मंत्री पं. कमलापति त्रिपाठी के प्रपौत्र हैं। बसपा ने भदोही के कालीन व्यवसायी इरफान अहमद बबलू को मैदान में उतारा है। इन्होंने कोई चुनाव नहीं लड़ा है। सीधे लोकसभा का टिकट पा गए।भाजपा जहां जीत की हैट-ट्रिक लगाने की कोशिश में जुटी है वहीं आइएनडीआइए विधानसभा चुनाव में मिले वोटों के सहारे जीत का दंभ भर रही है। अब देखना है बसपा मुस्लिम मतों को अपने पक्ष में कितना मोड़ पाती है।
कुल मतदाता-2024043पुरुष मतदाता - 1069685महिला मतदाता -954182अन्य - 176सपा के गढ़ पर भाजपा की नजरजातीय समीकरण में यादव-मुस्लिम बहुल आजमगढ़ संसदीय सीट पर 2024 के महासमर में किसकी जीत होगी, यह तो चार जून को ईवीएम से निकलने वाला परिणाम बताएगा। भाजपा, सपा व बसपा ने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। भाजपा ने भोजपुरी फिल्म स्टार और इसी सीट से 2022 के उपचुनाव में जीत दर्ज करने वाले दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ को पुन: मैदान में उतारा है।
समाजवादी पार्टी ने पार्टी संरक्षक मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव की विरासत को एक बार पुन: बचाने के लिए 2022 के उपचुनाव में दूसरे नंबर रहे धर्मेद्र यादव पर भरोसा जताया है। बसपा ने शहर के पहाड़पुर निवासी और कभी कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ प्रदेश महासचिव रहीं शबीहा अंसारी को मैदान में उतारा है। हालांकि, शबीहा अंसारी इससे पहले कोई चुनाव नहीं लड़ी हैं। इन कारणों से आजमगढ़ सीट हाट सीट में शुमार हो गई है।
कुल मतदाता-1860786पुरुष मतदाता-984674महिला मतदाता-876069थर्ड जेंडर मतदाता-43इसे भी पढ़ें- चलती कार व स्कूटर बनी आग का गोला, चालकों ने कूदकर बचाई जान, वाहन चलाने से पहले इन बातों का रखें ख्यालकिसी की हैट-ट्रिक तो किसी की जीत पर नजर
2009 में नए परिसीमन के बाद जौनपुर के चार व वाराणसी के पिंडरा विधानसभा क्षेत्र को मिलाकर अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हुई मछलीशहर सीट पर इस बार भाजपा जीती तो उसकी हैट-ट्रिक होगी। भाजपा ने अपने सीटिंग सांसद बीपी सरोज को ही मैदान में उतारा है।पिछले चुनाव में भाजपा यहां महज 181 मतों से जीती थी। उसके सामने सपा-बसपा गठबंधन के बसपा प्रत्याशी त्रिभुवन राम थे। 2009 में परिसीमन के बाद इस संसदीय सीट पर सपा के तूफानी सरोज ने जीत दर्ज की थी।
इस बार सपा ने उनकी अधिवक्ता पुत्री प्रिया सरोज पर दांव लगाया है। वहीं इस सीट पर अभी तक जीत से दूर रही बसपा ने हाल ही में सपा छोड़कर आए पंजाब कैडर के पूर्व आइएएस कृपाशंकर सरोज को टिकट दिया है।खास बात तो यह है कि तीनों प्रमुख दलों के प्रत्याशी पासी जाति से ताल्लुक रखते हैं। इस बार समीकरण बदले हुए हैं। समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी अलग‑अलग चुनाव लड़ रही है। उधर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी इस बार भाजपा के साथ है। एेसे में किसी की हैट-ट्रिक तो किसी की जीत पर नजर लगी हुई है।
कुल मतदाता: 19,23,605महिला मतदाता: 9,16,892पुरुष मतदाता: 10,06,628थर्ड जेंडर: 85जातिगत समीकरण ने उलझाई लड़ाई1962 में वजूद में आई आजमगढ़ जनपद की दूसरी लोकसभा सीट लालगंज (सुरक्षित) पर जीत दर्ज करने के लिए प्रमुख राजनीतिक दलों ने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। यहां से बसपा की संगीता आजाद ने भाजपा की नीलम सोनकर को आसान मुकाबले में हरा दिया था। भाजपा ने तीसरी बार नीलम सोनकर पर विश्वास जताया है। साथ ही सांसद संगीता आजाद बसपा को छोड़कर भाजपा में शामिल हो गई हैं।इसी प्रकार सुभासपा भी भाजपा के साथ है। समाजवादी पार्टी ने इसी सीट से दो बार सांसद चुने जा चुके दरोगा प्रसाद सरोज पर एक बार फिर दांव लगाया है। दरोगा प्रसाद की यहां की जनता के बीच मजबूत पकड़ है। बसपा ने सियासत में पहली बार राजनीति में आईं बीएचयू में अंग्रेजी की असिस्टेंट प्रोफेसर डा. इंदू चौधरी को मैदान में उतारा है।कुल मतदाता-1832489पुरुष मतदाता-958229महिला मतदाता-874236थर्ड जेंडर मतदाता-24इनपुट: आनंद स्वरूप चतुर्वेदी, सर्वेश मिश्र व जितेंद्र उपाध्याय।
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