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Varanasi News: 1997 में तड़तड़ाई थीं गोलियां, गई थीं पांच जानें, संपत्ति के लिए की थी पिता, भाई और उसकी पत्नी की हत्या

वाराणसी में एक परिवार की हत्याओं की कहानी जहाँ संपत्ति के लालच ने भाइयों को दुश्मन बना दिया। राजेंद्र ने अपने छोटे भाई कृष्णा और उसकी पत्नी मंजू की हत्या कर दी फिर पिता लक्ष्मी नारायण को भी मार डाला। अब राजेंद्र की मौत के बाद संपत्ति का कोई वारिस नहीं है। इस दुखद घटना की पूरी जानकारी इस लेख में पाएँ।

By devendra nath singh Edited By: Vivek Shukla Updated: Wed, 06 Nov 2024 02:02 PM (IST)
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भेलूपुर स्थित भदैनी क्षेत्र में एक परिवार में चार की हत्या हुई थी। इसी रूम में करते थे पढ़ाई। जागरण
जागरण संवाददाता, वाराणसी। वर्ष 1997 में राजेंद्र के छोटे भाई कृष्णा उसकी पत्नी मंजू की हत्या कर दी गई थी। कुछ दिनों बाद ही उसके पिता लक्ष्मी नारायण की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस घटना में पिता के सुरक्षाकर्मी व ठेके पर शराब पीने वाले व्यक्ति की जान भी चली गई थी।

इस मामले में राजेन्द्र आरोपित था। पुलिस की जांच में सामने आया था कि संपत्ति के लिए उसने सभी की जान ली। जेल से आने के बाद पूरी संपत्ति पर काबिज हो गया था। उसकी और उसकी पत्नी, बच्चों की मौत के बाद उस संपत्ति का मालिक कोई नहीं रह गया।

लक्ष्मीनारायण का पुश्तैनी मकान भदैनी में गली में था। इसमें अपने तीन बेटों राजा, राजेंद्र, और कृष्णा के साथ रहते थे। लक्ष्मीनारायण रिक्शा चलवाते थे और उनके पास लगभग दो सौ रिक्शे थे। उन्होंने एक जमीन भदैनी में ही रविंद्रपुरी कालोनी से खरीदी थी जिसमें रिक्शा स्टैंड था। बाद में उस पर मकान बना और निचली हिस्सा शराब के ठेके के लिए किराए पर दे दिया।

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राजा मानसिक रूप से बीमार था इसलिए रिक्शा स्टैंड की देखरेख राजेंद्र व कृष्णा करते थे। बेहद महत्वाकांक्षी राजेंद्र इससे खुश नहीं था और आय के लिए खुद का इंतजाम करना चाहता था। इसलिए पिता से संपत्ति में आधा हिस्सा मांगने लगा। लक्ष्मीनारायण अपने जीते जी बेटों को अलग नहीं करना चाहते थे।

भेलूपुर स्थित भदैनी क्षेत्र में एक परिवार में चार की मौत के बाद सदमे में मृतक की माँ शारदा। जागरण


उन्होंने इससे इनकार कर दिया। आसपास के लोगों का कहना है कि स्वास्थ्य ठीक नहीं होने की वजह से बड़े बेटे की मौत हो गई। वहीं राजेंद्र संपत्ति के लिए लगातार दबाव बनाता रहा। पिता के साथ छोटा भाई कृष्णा भी संपत्ति के बंटवारे का विरोध करने लगा। इससे क्षुब्ध होकर राजेंद्र ने अपराधियों के साथ मिलकर रात में सोते वक्त कृष्णा व मंजू की गोली मारकर हत्या कर दी।

इस मामले में पिता ने उसके खिलाफ भेलूपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। राजेंद्र ने पिता को भी जान से मारने की धमकी दी थी इसलिए उनको एक सुरक्षाकर्मी प्रदान किया गया। बेटे की तेरहवीं से पहले ही लक्ष्मी नारायण की शराब ठेका वाले मकान में ही गोली मारकर हत्या कर दी गई।

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इस घटना में सुरक्षाकर्मी और ठेके पर शराब पी रहे व्यक्ति की मौत हो गई थी। इस घटना में राजेंद्र की मां ने बेटे और उसके साथी अनिल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। कुछ दिनों बाद राजेंद्र पकड़ा गया। इन हत्याओं की सही पैरवी नहीं होने की वजह से वह एक साल ही जेल में रहा। राजेंद्र पूरी संपत्ति पर काबिज हो गया।

भेलूपुर स्थित भदैनी क्षेत्र में एक परिवार में चार की मौत के बाद दहशत में क्षेत्रीय लोग। जागरण


उसने रिक्शा चलवाना जारी रखा साथ ही पुराने मकान को नया बनवाया। इसमें किराएदारों को रखने लगा। अपने छोटे भाई कृष्णा के दो बेटों व बेटी को भी परवरिश की। बेटी की शादी कर दी जो दिल्ली में रहती और कृष्णा के दोनों बेटे बेंगलुरु में रहते हैं। पूरी संपत्ति राजेंद्र के कब्जे में थी और उस पर कोई दावा करने वाला नहीं था।

रोहनिया के लठिया में भी किराए के लिए बनवा रहा था मकान। उसके साथ उसके परिवार की मौत के बाद अब संपत्ति भी उसकी नहीं रही। परिवार में अब वृद्ध मां और छोटे भाई के दो बेटे व बेटी बची हैं।

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