वाराणसी: मिट्टी को और उपजाऊ बनाएंगे सूक्ष्मजीव, इनसे बने उर्वरक से किसान को मिलेगा जैविक विकल्प, NBAIM की पहल
सूक्ष्मजीव आधारित ये जैव उर्वरक फास्फेट घोलक जीवाणु (पीएसबी) नाइट्रोजन स्थिरीकारक जीवाणु पादपवर्धक जीवाणुओं से तैयार किए गए हैं। प्रत्येक क्षेत्र की मिट्टी की आवश्यकतानुसार इन्हें किसानों को दिया जाएगा। ब्यूरो के वैज्ञानिकों द्वारा तैयार फार्मूलेशन के अनुसार इन्हें राज्य की 10 जैव उर्वरक उत्पादक प्रयोगशालाओं वाराणसी आजमगढ़ अलीगढ़ अयोध्या देवीपाटन लखनऊ चित्रकूट झांसी इटावा व मेरठ में तैयार किया जाएगा।
By Jagran NewsEdited By: Yogesh SahuUpdated: Tue, 04 Jul 2023 06:51 PM (IST)
शैलेश अस्थाना, वाराणसी। वैज्ञानिकों के शोधों से निकलने वाले सार्थक परिणाम अब प्रयोगशालाओं तक ही सीमित नहीं रह जाएंगे। केंद्र सरकार वैकल्पिक उर्वरकों के प्रयोग पर जोर दे रही है।
इसके लिए बीते सप्ताह ही इस संदर्भ में राज्यों को प्रोत्साहित करने के लिए पीएम प्रणाम योजना को स्वीकृति मिली है। पहले भी पीएम नरेन्द्र मोदी प्रयोगशाला में हो रहे शोध को खेतों तक पहुंचाने का आह्वान कर चुके हैं।
इस क्रम में राष्ट्रीय कृषि उपयोगी सूक्ष्मजीव ब्यूरो (एनबीएआईएम) द्वारा उत्तर प्रदेश में बड़ी पहल की गई है। विज्ञानियों द्वारा तैयार सूक्ष्मजीव आधारित जैव उर्वरकों किसानों तक पहुंचाए जाएंगे।
इससे करीब 18-20 लाख किसान लाभान्वित होंगे, जिन्हें इन उर्वरकों पर सब्सिडी भी मिलेगी। अंतरराष्ट्रीय महत्व के संस्थान की इस पहल को आगे चलकर पूरे देश में विस्तार देने की योजना भी है।
मिट्टी की आवश्यकतानुसार प्रदान किए जाएंगे जैव उर्वरक
ब्यूरो के निदेशक डॉ. आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि विभिन्न प्रकार के सूक्ष्मजीवों का चिह्नांकन करने के बाद उनके गुणों के आधार पर जैव उर्वरक बनाए गए हैं।सूक्ष्मजीव आधारित ये जैव उर्वरक फास्फेट घोलक जीवाणु (पीएसबी), नाइट्रोजन स्थिरीकारक जीवाणु, पादपवर्धक जीवाणुओं से तैयार किए गए हैं। प्रत्येक क्षेत्र की मिट्टी की आवश्यकतानुसार इन्हें किसानों को दिया जाएगा।
ब्यूरो के विज्ञानियों द्वारा तैयार फार्मूलेशन के अनुसार इन्हें राज्य की 10 जैव उर्वरक उत्पादक प्रयोगशालाओं वाराणसी, आजमगढ़, अलीगढ़, अयोध्या, देवीपाटन, लखनऊ, चित्रकूट, झांसी, इटावा व मेरठ में तैयार किया जाएगा।प्रत्येक प्रकार के उर्वरक के 200 ग्राम के पैकेट बनाए जाएंगे। एक पैकेट उर्वरक एक एकड़ खेत के लिए पर्याप्त होगा।
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